हैदराबाद : ऑनलाइन लेनदेन के कारण साइबर अपराधी बढ़ रहे हैं. वे शहरवासियों और ग्रामीण जनता से करोड़ों रुपये लूट रहे हैं. जरा सी भी अनदेखी का मतलब है कि आपकी गाढ़ी कमाई का नुकसान, ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है. साइबर ठग रोज-रोज नए हथकंडे अपना रहे हैं. ये लोगों को मैसेज करते हैं कि आपका मित्र खतरे में है. या किसी दोस्त को पैसे की सख्त जरूरत है. इसी तरह कहीं पर भी ऑनलाइन भुगतान करते समय क्यूआर कोड स्कैन के दौरान गलती आप पर भारी पड़ सकती. या एक ओटीपी बताने से आपका अकाउंट खाली हो सकता है.
अच्छे रिटर्न का लालच : साइबर अपराधी कॉल करते हैं या मैसेज भेजकर दावा करते हैं कि एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी या बिटकॉइन में निवेश करने से भारी मुनाफा हो सकता है. वे यह विश्वास दिलाने के लिए लुभाते हैं कि आप एक वर्ष में 50 प्रतिशत निवेश वापस अर्जित कर सकते हैं. वे लोगों को सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ते हैं. वे वहां भी इसी तरह का अभियान चलाते हैं. ग्रुप के अधिकतर संपर्क इन जालसाजों के रिश्तेदार होंगे. वह भी दावा करेंगे कि उन्होंने निवेश किया है और भारी रिटर्न मिला है. यदि आप उनसे पूछेंगे तो वे स्पष्ट रूप से झूठ बोलेंगे कि उन्होंने वास्तव में अच्छा मुनाफा कमाया है. लेकिन सावधान रहें, कोई भी प्रमुख कंपनी निवेशकों को सीधे फोन नहीं करती है. अजनबियों को व्हाट्सएप ग्रुप में अपना नंबर जोड़ने से रोकने के लिए आपको एप सेटिंग्स को बदलना होगा. खाता-गोपनीयता-समूह विकल्प चुनने के बाद, 'आपको समूहों में कौन जोड़ सकता है' विकल्प पर जाएं. 'मेरे संपर्क' या 'मेरे संपर्क छोड़कर' चुनें और चुनिंदा संपर्क जोड़ें.
लोन एप स्कैम : एप के जरिए लोन का चलन बढ़ा है. लोगों को फोन कर या सोशल मीडिया के जरिए इसके लिए लिंक भेजे जा रहे हैं. इसमें लालच दिया जाता है कि बिना किसी डॉक्यूमेंटेशन के लोन को तुरंत प्रोसेस कर देंगे. वे कहते हैं कि वे जमानत की आवश्यकता के बिना व्यक्तिगत ऋण को मंजूरी देंगे, इसके लिए बस एप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये जाल है! इन एप से लोन लेने के लिए आपको उनके बताए कुछ सुझाव फालो करने होंगे. वे आपसे अपने भेजे गए लिंक को स्थापित करने के लिए कहेंगे. जब आप ऐसा करेंगे तो उन्हें आपके फ़ोन का एक्सेस मिल जाएगा. वे आपके फोन के कॉन्टेक्ट नंबर, फोटो और वीडियो एकत्र कर लेंगे और आपको पैसे के लिए परेशान करना शुरू कर देंगे. वे पैसे वसूलने के लिए मॉर्फ करने और ऑनलाइन फोटो अपलोड करने तक की बात कहते हैं. किसी भी परिस्थिति में संदिग्ध लिंक न खोलें! कोई भी वास्तविक ऋणदाता उचित दस्तावेज के बिना ऋण नहीं देगा.
वीडियो कॉल से रहें सतर्क : स्मार्टफोन पर कई तरह के एप और वीडियो कॉल के जरिए लोगों को टारगेट किया जा रहा है. पुरुष या महिला सदस्य मोबाइल के जरिए बात कर एक-दूसरे का विश्वास हासिल करते हैं, फिर वीडियो कॉलिंग करने लगते हैं. जब दोनों के बीच वीडियो कॉल रूटीन हो जाती है तब किसी दिन अचानक से हनी ट्रैप में फंसाने वाला महिला या पुरुष वीडियो कॉल के दौरान ही निर्वस्त्र (nude) हो जाता है. इससे पहले कि दूसरी तरफ का व्यक्ति कुछ समझ पाए वह स्क्रीन शॉट ले लेता है. इसी अश्लील स्क्रीनशॉट से ब्लैकमेलिंग की शुरुआती होती है. ऐसे में अज्ञात नंबरों से वीडियो कॉल का जवाब न दें! अगर आप कॉल का जवाब भी देते हैं, तो भी सावधान रहें.
फर्जी फेसबुक आईडी स्कैम : फर्जी प्रोफाइल के जरिए साइबर ठग फेसबुक अकाउंट बनाते हैं. वे फर्जी आईडी के जरिए फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. एक बार स्वीकार करने के बाद, वे किसी आपात स्थिति का हवाला देते हुए पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहने लगते हैं. जब उनसे बात करने की कोशिश की जाती है तो वे कॉल का जवाब नहीं देते हैं. वे चैट के माध्यम से अपना GPay या PhonePe नंबर भेजते हैं और दोस्तों से पैसे ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हैं. कई लोगों ने इस तरह से पैसे गंवाए हैं. बेहतर है कि फेसबुक अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स को 'पब्लिक' के बजाय 'फ्रेंड्स ओनली' में बदल दें. आपकी प्रोफ़ाइल को लॉक करना और भी सुरक्षित है क्योंकि आपके मित्र की सूची के बाहर कोई भी आपकी फ़ोटो या डेटा तक उस तरह से नहीं पहुंच सकता है.
सोशल मीडिया में एक्टिव हैं तो अकाउंट की सिक्युरिटी पर ध्यान रखें
- पब्लिक सर्च से प्रोफाइल ब्लॉक करें. ऑनलाइन सर्च माध्यम से अपनी प्रोफाइल को सुरक्षित करें.
- सोशल मीडिया के उपयोग के बाद लॉग आउट करते रहें, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा नहीं करें
- अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें, अनजान लिंक को भी क्लिक नहीं करें.
- अपने सोशल मीडिया की प्राइवेसी को पब्लिक करते समय प्रतिबंधित स्तर पर रखें.
- किसी भी कंटेंट, फोटो या वीडियो को ऑनलाइन शेयर करते समय पूरी सतर्कता बरतें.
शिकायत करना आसान : पहले साइबर अपराधों के बारे में शिकायत करना मुश्किल था क्योंकि पीड़ित को पहले धोखाधड़ी लेनदेन के बारे में बैंक स्टेटमेंट प्राप्त करना पड़ता था, और फिर शिकायत दर्ज करने के लिए साइबर अपराध विभाग में जाना पड़ता था. लेकिन लेकिन जैसे-जैसे साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. अब शिकायत की प्रक्रिया बेहद सरल हो गई है. पीड़ित देश के किसी भी हिस्से से फोन कर शिकायत कर सकते हैं. साइबर शिकायतों के लिए एक अलग फोन नंबर - 1930 है. मेल भी भेज सकते हैं. अगर पीड़ित जल्द से जल्द शिकायत करे तो पुलिस जालसाजों से पैसे वसूल कर सकती है.
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