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Cyclone Jawad: 'जवाद' का असर, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश - जवाद ओडिशा में बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान 'जवाद' (Cyclone Jawad) कमजोर पड़ गया है. ओडिशा के पुरी तट से टकराने के पहले यह कमजोर होकर गहरे दबाव में पहुंच जाएगा. चक्रवात 'जवाद' के कारण ओडिशा में भारी बारिश हुई.

Cyclone Jawad
चक्रवाती तूफान जवाद
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Published : Dec 5, 2021, 2:15 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 8:07 PM IST

कोलकाता/भुवनेश्वर : आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 180 किमी दूर केंद्रित चक्रवाती तूफान 'जवाद' (Cyclone Jawad) की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रविवार को बारिश हुई. इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने हुगली नदी पर नौका सेवाएं रोक दी और पर्यटकों से समुद्र किनारे स्थित रिसॉर्ट्स में नहीं जाने का आग्रह किया है.

अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात 'जवाद' के कारण ओडिशा के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई. मौसम विभाग कार्यालय ने एक बुलेटिन में कहा कि तूफान पिछले छह घंटों में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर तथा ओडिशा के गोपालपुर से 90 किमी, पुरी से 120 किमी और पारादीप से 210 किमी दूर है.

इसके उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने, और अधिक कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में बदलने तथा पुरी के निकट ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है.

तूफान के उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने और मध्यरात्रि के आस-पास निम्न दबाव वाले क्षेत्र में बदलकर कमजोर होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के अधिकतर जिलों में इस दौरान बारिश हुई.

मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, गंजाम, खुर्दा, पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर में भारी से बहुत भारी बारिश हुई. गंजाम जिले के खलीकोट में 158 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद नयागढ़ (107.5 मिमी), छत्रपुर (86.6 मिमी) और भुवनेश्वर में 42.3 मिमी बारिश हुई.

एक अधिकारी ने कहा, 'चक्रवात के ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल की ओर उत्तर एवं उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ने और एक निम्न दबाव क्षेत्र विकसित होने की संभावना के साथ, कोलकाता, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, और पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा शुरू हो गई है.'

उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के तटीय क्षेत्रों और पूर्व वर्द्धमान के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण बंगाल के कुछ अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होगी.

राज्य प्रशासन ने पर्यटकों से सप्ताहांत में समुद्र तटीय रिसॉर्ट जैसे दीघा, मंदारमणि, बक्खाली, फ्रेजरगंज और अन्य तटीय क्षेत्रों में नहीं जाने को कहा है.

अधिकारी ने बताया कि उत्तर 24 परगना और हुगली जिलों को जोड़ने वाली हुगली पर नियमित नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. आईएमडी ने अनुमान व्यक्त किया है कि तटीय क्षेत्रों में हवा की गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी, जब तूफान पश्चिम बंगाल के करीब पहुंचेगा.

यह भी पढ़ें- उत्तरकाशी और टिहरी में भूकंप के झटके, 3.8 रही तीव्रता

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाकों से करीब 17,900 लोगों को निकाला है और दोनों जिलों में 48 राहत केंद्र खोले हैं.

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसी भी "आपात स्थिति" से निपटने के लिए 115 बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रय स्थल और 135 अतिरिक्त अस्थायी राहत शिविर भी खोले हैं.

राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं और नगर निकायों के अधिकारी सतर्क हैं.

बता दें, सऊदी अरब ने चक्रवात का नाम 'जवाद' रखा है, जिसका मतलब उदार या दयालु से है. गत 30 नवंबर को अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ था.

कोलकाता/भुवनेश्वर : आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 180 किमी दूर केंद्रित चक्रवाती तूफान 'जवाद' (Cyclone Jawad) की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रविवार को बारिश हुई. इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने हुगली नदी पर नौका सेवाएं रोक दी और पर्यटकों से समुद्र किनारे स्थित रिसॉर्ट्स में नहीं जाने का आग्रह किया है.

अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात 'जवाद' के कारण ओडिशा के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई. मौसम विभाग कार्यालय ने एक बुलेटिन में कहा कि तूफान पिछले छह घंटों में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर तथा ओडिशा के गोपालपुर से 90 किमी, पुरी से 120 किमी और पारादीप से 210 किमी दूर है.

इसके उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने, और अधिक कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में बदलने तथा पुरी के निकट ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है.

तूफान के उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने और मध्यरात्रि के आस-पास निम्न दबाव वाले क्षेत्र में बदलकर कमजोर होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के अधिकतर जिलों में इस दौरान बारिश हुई.

मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, गंजाम, खुर्दा, पुरी, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर में भारी से बहुत भारी बारिश हुई. गंजाम जिले के खलीकोट में 158 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद नयागढ़ (107.5 मिमी), छत्रपुर (86.6 मिमी) और भुवनेश्वर में 42.3 मिमी बारिश हुई.

एक अधिकारी ने कहा, 'चक्रवात के ओडिशा तट के साथ पश्चिम बंगाल की ओर उत्तर एवं उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ने और एक निम्न दबाव क्षेत्र विकसित होने की संभावना के साथ, कोलकाता, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, और पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा शुरू हो गई है.'

उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के तटीय क्षेत्रों और पूर्व वर्द्धमान के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण बंगाल के कुछ अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होगी.

राज्य प्रशासन ने पर्यटकों से सप्ताहांत में समुद्र तटीय रिसॉर्ट जैसे दीघा, मंदारमणि, बक्खाली, फ्रेजरगंज और अन्य तटीय क्षेत्रों में नहीं जाने को कहा है.

अधिकारी ने बताया कि उत्तर 24 परगना और हुगली जिलों को जोड़ने वाली हुगली पर नियमित नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. आईएमडी ने अनुमान व्यक्त किया है कि तटीय क्षेत्रों में हवा की गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी, जब तूफान पश्चिम बंगाल के करीब पहुंचेगा.

यह भी पढ़ें- उत्तरकाशी और टिहरी में भूकंप के झटके, 3.8 रही तीव्रता

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाकों से करीब 17,900 लोगों को निकाला है और दोनों जिलों में 48 राहत केंद्र खोले हैं.

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसी भी "आपात स्थिति" से निपटने के लिए 115 बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रय स्थल और 135 अतिरिक्त अस्थायी राहत शिविर भी खोले हैं.

राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं और नगर निकायों के अधिकारी सतर्क हैं.

बता दें, सऊदी अरब ने चक्रवात का नाम 'जवाद' रखा है, जिसका मतलब उदार या दयालु से है. गत 30 नवंबर को अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ था.

Last Updated : Dec 5, 2021, 8:07 PM IST
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