गुमलाः सिसई थाना क्षेत्र के नगर चडरी टोली गांव में डायन बिसाही और अंधविश्वास को लेकर एक परिवार पर गांव के ही कुछ लोगों ने हमला कर दिया. शनिवार रात लगभग 10 बजे लाठी-डंडे और टांगी के साथ उस परिवार के घर धावा बोल दिया और परिवार के सदस्यों की जमकर पिटाई कर दी.
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अंधविश्वास में परिवार पर हमला होने और मारपीट की इस घटना में 55 वर्षीय सालो देवी की मौत हो गई जबकि सालो देवी के पति आह्लाद लोहरा (60 वर्ष), बहन सबिता कुमारी (50 वर्ष) और ननद लक्ष्मी कुमारी (42 वर्ष) को ग्रामीणों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पुलिस की सूझबुझ से परिवार के अन्य सदस्यों की जान बच पायी. क्योंकि पुलिस ने समाजसेवी दामोदर सिंह को सूचना देकर घटनास्थल भेज दिया था. दामोदर सिंह के पहुंचते ही हमलावर ग्रामीण भाग खड़े हुए. बाद में पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई और घायलों को लेकर सिसई रेफरल अस्पताल पहुंचायी. शनिवार रात में ही पुलिस शव को अपने कब्जे में कर थाना ले आयी.
वहीं घटना के बाद पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया है और रात से ही पुलिस पूरे गांव में कैंप कर रही है. इस घटना के संदर्भ में एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने बताया कि हत्या में संलिप्त लोगों की पुलिस खोजबीन कर रही है, जल्द ही हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
गुमला में डायन बिसाही के मामले में मिली जानकारी के अनुसार चडरी टोली निवासी निरंजन उर्फ रंजन उरांव की डेढ़ वर्षीय बेटी आंचल कुमारी का तबीयत कुछ खराब रहने लगी थी. निरंजन को शक था कि सालो देवी ने जादू टोना कर उनकी बेटी आंचल को बीमार कर दिया है. जिस को लेकर शनिवार रात करीब 9 बजे निरंजन की मां सुकरो देवी, सालो देवी के घर जाकर डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए अंजाम भुगतने की धमकी देते हुए घर चली गई.
जिसके बाद निरंजन अपने करीबियों को घर बुलाकर शराब पिलाई और सालो देवी व उसके परिवार वालों की हत्या करने को लेकर उन्हें उकसाया. इसके बाद सभी लाठी डंडे व टांगी से लैस होकर रात करीब 10 बजे सालो देवी के घर पहुंचे. सालो देवी के घर पहुंचते ही पहले हमलावरों ने दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद सालो देवी के बेटे बली लोहरा ने दरवाजा खोला. जहां कुछ लोग शराब पिलाने के बहाने बली को किनारे ले गये और लाठी डंडे व टांगी से लैस कुछ लोगों ने खाना खा रही सालो देवी को घर से घसीटते हुए बाहर निकाला और उनकी पिटाई कर दी, जिससे सालो देवी बुरी तरह से घायल हो गई.
वहीं बीच बचाव करने आये आह्लाद लोहरा, सबिता कुमारी व लक्ष्मी कुमारी पर भी जानलेवा हमला किया गया. जिसमें वे भी घायल हो गये. वहीं सालो देवी के बेटे बली लोहरा व रामकेश्वर लोहरा ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. इस घटना के बाद मृतक के परिजन पूरी तरह दहशत में हैं. दूसरी ओर घटना के बाद गांव के अधिकांश घरों में ताला बंद पाया गया. ग्रामीण गांव छोड़ कर फरार हैं. रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया. वहीं परिजन के लिखित आवेदन को लेकर पुलिस ने कई लोगों पर एफआईआर दर्ज कर हमलावरों की खोजबीन में लग गई है.
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