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पेगासस पर राजनीति : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, मोदी की भी हो जांच - अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर

पेगासस हैकिंग विवाद (Pegasus Row) बढ़ता ही जा रहा है. कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त (Congress Amit Shah Resignation) करने की मांग की है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेगासस पर (Pegasus spying Mallikarjun Kharge) कहा कि शाह के साथ-साथ पीएम मोदी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.

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कांग्रेस नेता पेगासस पर मीडिया को संबोधित करते
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Published : Jul 19, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 3:26 PM IST

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) मामला तूल पकड़ने लगा है. रविवार को जैसे ही एक वेबसाइट ने इसका खुलासा किया, मीडिया में यह खबर प्रमुखता से छा गई. कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर भी सवाल उठाए. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूरे मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाती रहेगी.

पेगासस पर राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान

लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे (Amit Shah Resignation) की मांग की.

पेगासस पर राजनीति : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, मोदी की भी हो जांच

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी की जासूसी कराई गई. सरकार ने खुद अपने मंत्रियों को जासूसी की. हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई. क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा ?'

पेगासस पर राजनीति : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, मोदी की भी हो जांच

उन्होंने दावा किया कि भाजपा अब 'भारतीय जासूस पार्टी' बन गई है.

सुरजेवाला ने सवाल किया कि पीएम मोदी, राहुल गांधी के फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे ? वह मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे. खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे ?

कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.

सुरजेवाला ने कहा, 'मंत्रीजी, आपने राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ लेते को इतना झूठ नहीं बोलते. उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया.'

पेगासस विवाद पर कांग्रेस की प्रेस वार्ता

उन्होंने सवाल किया, 'क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना क्या देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हो तो क्या है ? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे ? यह इजरायली स्पाईवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ ?'

सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार है ? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए ? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए ?'

उधर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

Pegasus Snooping से जुड़ी अन्य खबरें-

  1. Pegasus Report Congress : प्रियंका बोलीं, निजता पर हमले की आशंका, पार्टी ने जेपीसी जांच की मांग की
  2. Pegasus Snooping : भाजपा बोली- कांग्रेस के आरोप शर्मनाक, मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों आई रिपोर्ट ?
  3. Pegasus Case पर बोली मोदी सरकार, 'फोन टैपिंग की रिपोर्ट गलत, लीक डेटा में तथ्य सही नहीं'

क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) मामला तूल पकड़ने लगा है. रविवार को जैसे ही एक वेबसाइट ने इसका खुलासा किया, मीडिया में यह खबर प्रमुखता से छा गई. कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर भी सवाल उठाए. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूरे मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाती रहेगी.

पेगासस पर राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान

लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे (Amit Shah Resignation) की मांग की.

पेगासस पर राजनीति : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, मोदी की भी हो जांच

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी की जासूसी कराई गई. सरकार ने खुद अपने मंत्रियों को जासूसी की. हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई. क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा ?'

पेगासस पर राजनीति : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, मोदी की भी हो जांच

उन्होंने दावा किया कि भाजपा अब 'भारतीय जासूस पार्टी' बन गई है.

सुरजेवाला ने सवाल किया कि पीएम मोदी, राहुल गांधी के फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे ? वह मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे. खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे ?

कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.

सुरजेवाला ने कहा, 'मंत्रीजी, आपने राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ लेते को इतना झूठ नहीं बोलते. उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया.'

पेगासस विवाद पर कांग्रेस की प्रेस वार्ता

उन्होंने सवाल किया, 'क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना क्या देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हो तो क्या है ? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे ? यह इजरायली स्पाईवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ ?'

सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार है ? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए ? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए ?'

उधर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

Last Updated : Jul 25, 2021, 3:26 PM IST
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