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जातीय जनगणना पर ETV BHARAT से बोले नीतीश कुमार- केंद्र से नहीं मिली अनुमति तो बिहार के संदर्भ में विचार करेंगे

पीएम मोदी से जातीय जनगणना को लेकर मुलाकात को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सकारात्मक बताया है. उन्होंने इस मुलाकात के बेहतर परिणाम होने की उम्मीद जताई है. वहीं, उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि अगर केंद्र सरकार इसकी अनुमति नहीं देती है, तो बिहार के संदर्भ में हम विचार करेंगे.

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Published : Aug 23, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली/पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा है कि पीएम मोदी (PM Modi) से हम लोगों ने मुलाकात की है. बिहार के 10 दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से जातीय जनगणना (Caste Census) कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मुलाकात सकारात्मक रही है. हमें उम्मीद है कि इस मुलाकात से जातीय जनगणना को लेकर रास्ता निकलेगा.

"जातीय जनगणना एक बार होनी चाहिए. यह बिहार सहित पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगा. अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित अन्य कमजोर वर्ग की जातियों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. उनका तेजी से विकास भी होगा. इसलिए जातीय जनगणना कराने में अब देर नहीं करना चाहिए. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी. दो बार बिहार से हम लोग सर्व सम्मति से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेज चुके हैं. इससे समाज में कोई तनाव नहीं फैलेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

सीएम नीतीश कुमार से खास बातचीत.

नीतीश कुमार से ईटीवी भारत संवाददाता ने जब यह पूछा कि अगर केंद्र सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी तो क्या बिहार सरकार खुद जातीय जनगणना कराएगी? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हमको पूरा विश्वास है कि देश भर में केंद्र सरकार इसे कराएगी. आज बातचीत बहुत सकारात्मक रही है. अगर केंद्र सरकार नहीं करेगी तो बिहार में कैसे कराना है? किस तरह कराना है उसपर विचार करेंगे. लेकिन हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार ठोस कदम उठाएगी.

पीएमओ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बिहार के 10 दल के नेताओं ने मुलाकात की. जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, बिहार सरकार में मंत्री एवं विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी, एमआईएमआईएम विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान के साथ वाम दलों के नेता शामिल रहे.

बड़ी बात ये है कि इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भाजपा भी थी. भाजपा की ओर से मंत्री जनक राम को भेजा गया था. बता दें कि बिहार में सारे दल जहां जातीय जनगणना के पक्ष में हैं, वहीं भाजपा इसपर अपनी सहमति नहीं दे रही है. भाजपा की ओर से लगातार दलीलें आ रही हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में समाज के हर तबके का विकास हो रहा है. अलग से जातिगत जनगणना कराने की जरूरत नहीं है.

इसे भी पढ़ें- मान गए पीएम मोदी? CM नीतीश बोले- Caste Census पर सबकी एक सहमति

नई दिल्ली/पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा है कि पीएम मोदी (PM Modi) से हम लोगों ने मुलाकात की है. बिहार के 10 दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से जातीय जनगणना (Caste Census) कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मुलाकात सकारात्मक रही है. हमें उम्मीद है कि इस मुलाकात से जातीय जनगणना को लेकर रास्ता निकलेगा.

"जातीय जनगणना एक बार होनी चाहिए. यह बिहार सहित पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगा. अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित अन्य कमजोर वर्ग की जातियों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. उनका तेजी से विकास भी होगा. इसलिए जातीय जनगणना कराने में अब देर नहीं करना चाहिए. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी. दो बार बिहार से हम लोग सर्व सम्मति से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेज चुके हैं. इससे समाज में कोई तनाव नहीं फैलेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

सीएम नीतीश कुमार से खास बातचीत.

नीतीश कुमार से ईटीवी भारत संवाददाता ने जब यह पूछा कि अगर केंद्र सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी तो क्या बिहार सरकार खुद जातीय जनगणना कराएगी? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हमको पूरा विश्वास है कि देश भर में केंद्र सरकार इसे कराएगी. आज बातचीत बहुत सकारात्मक रही है. अगर केंद्र सरकार नहीं करेगी तो बिहार में कैसे कराना है? किस तरह कराना है उसपर विचार करेंगे. लेकिन हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार ठोस कदम उठाएगी.

पीएमओ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बिहार के 10 दल के नेताओं ने मुलाकात की. जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, बिहार सरकार में मंत्री एवं विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी, एमआईएमआईएम विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान के साथ वाम दलों के नेता शामिल रहे.

बड़ी बात ये है कि इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भाजपा भी थी. भाजपा की ओर से मंत्री जनक राम को भेजा गया था. बता दें कि बिहार में सारे दल जहां जातीय जनगणना के पक्ष में हैं, वहीं भाजपा इसपर अपनी सहमति नहीं दे रही है. भाजपा की ओर से लगातार दलीलें आ रही हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में समाज के हर तबके का विकास हो रहा है. अलग से जातिगत जनगणना कराने की जरूरत नहीं है.

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