रांची: संथाल परगना के कई जिले पश्चिम बंगाल की सीमा से लगते हैं. लिहाजा, सीमावर्ती जिलों के लोगों का एक राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार और रोजगार के लिए आना जाना लगा रहता है. इस बीच हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका ने संथाल परगना को सुर्खियों में ला दिया है. डेनियल दानिश नामक याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाईकोर्ट को बताया है कि संथाल में बांग्लादेश से सटे बॉर्डर इलाके वाले जिलों में बांग्लादेशी लव जिहाद को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही लैंड भी हड़प रहे हैं. लिहाजा, इस गंभीर मसले की जांच होनी चाहिए.
याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को बिंदुवार अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने राज्य और केंद्र से रिपोर्ट तलब करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई मुकर्र की है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि संथाल परगना के कई जिले पश्चिम बंगाल से सटे हुए हैं. उसी का फायदा उठाकर बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन एक प्लान के तहत झारखंड के आदिवासी लड़कियों को प्रेमजाल में फांसकर लव जिहाद के तहत शादी कर रहे हैं. आदिवासियों लड़कियों के नाम से जमीन भी हड़पी जा रही है. इसका रोका जाना बेहद जरूरी है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में संथाल में बांग्लादेशी सीमा से सटे इलाकों में मदरसों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. याचिकाकर्ता ने करीब 46 मदरसों की सूची कोर्ट को सौंपी है, जिनका निर्माण हाल के दिनों में हुआ है. याचिका के जरिए यह भी बताया गया है कि इन मदरसों के जरिए देश विरोधी काम किए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि झारखंड में अक्सर बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठता रहता है. खासकर साहिबगंज के राजमहल से भाजपा विधायक अनंत ओझा इस मसले को उठाते रहते हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी भी जब संथाल के दौरे पर होते हैं तो इसे गंभीर मसला बताते हैं. हालांकि सदन में राज्य सरकार कह चुकी है कि अगर झारखंड में कहीं भी बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है तो उसका प्रमाण दें. इसपर कार्रवाई होगी. अब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है.