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'घर में बिजली का मीटर नहीं, फिर भी दिव्यांग को पकड़ा दिया 10000 का बिल', ये है बिहार बिजली विभाग का कारनामा

बिहार के जमुई में एक दिव्यांग बेटे के घर में मां के नाम से बिजली का कनेक्शन है, लेकिन बेटे को भी बिजली विभाग ने 10 हजार रुपए का बिल थमा दिया. जबकि पीड़ित दिव्यांग का दावा है कि उसके घर में जब उसके नाम का मीटर ही नहीं लगा तो बिजली का बिल कहां से आया? इसकी शिकायत उसने बिजली विभाग से भी की... लेकिन,

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Published : Aug 11, 2023, 5:58 PM IST

जमुई : बिहार के जमुई में एक दिव्यांग को 10 हजार रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया. जबकि, खास बात ये है कि उसके घर में कभी मीटर लगा ही नहीं. बिजली का कनेक्शन मां के नाम पर है, जिसका बिल वो भरते आ रहे हैं. पीड़ित दिव्यांग है और वो बीपीएल लाल कार्ड धारी है. उसने जब अपनी समस्या को बिजली विभाग के सामने रखा तो कोई सुनने को तैयार नहीं.

ये भी पढें- Good News : 65 साल बाद पहली बार बिहार बिजली बोर्ड को मुनाफा, सवाल- क्या स्मार्ट मीटर ने दिलाई उपलब्धि?

बिहार में बिजली विभाग का एक और कारनामा : जमुई में बिजली विभाग के इस कारनामे से दिव्यांग विलास रजक परेशान है. उसका घर खैरा प्रखंड के चिहुटिया गांव में है. उसने बताया कि ''कुछ दिन पहले उसके गांव में बिजली विभाग से जुड़े कुछ लोग आए थे. उन्होंने मेरा बीपीएल लाल कार्ड लिया और कनेक्शन का मीटर थमा दिया था, लेकिन वो लगा ही नहीं. फिर कुछ दिन बाद वही मीटर मेरे घर से वही लोग ले गए. अब मेरे पास सालों बाद 10 हजार रुपए का बिल आया है.''


घर में मीटर नहीं और बिल 10 हजार रुपए : पूछने पर दिव्यांग विलास रजक ने बताया कि ''मेरे घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. मैं खुद चलने फिरने में असमर्थ हूं. फिर भी प्रयास करता हूं, जो भी बन पड़ता है मां और मैं मजदूरी करते हैं, उसी से पेट पलता है. ऐसे में 10 हजार का बिल कहां से चुकाएं?'' विलास ने कहा कि इसके लिऐ रोज बिजली विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है. 15 किलोमीटर की दूरी आने जाने में वह अपने परिवार के घर खर्च के लिए भी कमाई नहीं कर पा रहा है. विलास रजक ने कहा कि हमारे परिवार के सामने दिक्कतें आ रहीं हैं.

"बिजली विभाग के दफ्तर में रोज जाता हूं. सबसे मिन्नतें करता हूं. साहब कुछ करो मेरे साथ ज्यादती हुई है. कोई सुनता नहीं है. टेबल के पीछे बैठे कुछ अधिकारी जरूर कहते हैं कि बिजली बिल आया है तो देना ही पड़ेगा. साहब हम इतनी रकम कहां से लाएंगे?" - विलास रजक, पीड़ित दिव्यांग

कौन देगा पीड़ित दिव्यांग के सवालों का जवाब? : सवाल ये है कि जब घर में मीटर नहीं लगा तब बिल कैसे आया? कौन हैं वो लोग जो दिव्यांग विलास रजक के घर आए और बिजली का मीटर दे गए, फिर कुछ दिन बाद उसी मीटर को कहां ले गए? बिजली विभाग अपने कर्मियों की हरकत पर कुछ बताता क्यों नहीं? जब मां के नाम पर पूरे घर में कनेक्शन है तो फिर बेटे के नाम से बीपीएल लाल कार्ड धारी दिव्यांग युवक को कनेक्शन क्यों दिया गया? ये वो सवाल हैं जिसको दिव्यांग विलास रजक पूछ रहा है. देखना है कि बिजली विभाग की ओर से इसका क्या जवाब उसे मिलता है.

जमुई : बिहार के जमुई में एक दिव्यांग को 10 हजार रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया. जबकि, खास बात ये है कि उसके घर में कभी मीटर लगा ही नहीं. बिजली का कनेक्शन मां के नाम पर है, जिसका बिल वो भरते आ रहे हैं. पीड़ित दिव्यांग है और वो बीपीएल लाल कार्ड धारी है. उसने जब अपनी समस्या को बिजली विभाग के सामने रखा तो कोई सुनने को तैयार नहीं.

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बिहार में बिजली विभाग का एक और कारनामा : जमुई में बिजली विभाग के इस कारनामे से दिव्यांग विलास रजक परेशान है. उसका घर खैरा प्रखंड के चिहुटिया गांव में है. उसने बताया कि ''कुछ दिन पहले उसके गांव में बिजली विभाग से जुड़े कुछ लोग आए थे. उन्होंने मेरा बीपीएल लाल कार्ड लिया और कनेक्शन का मीटर थमा दिया था, लेकिन वो लगा ही नहीं. फिर कुछ दिन बाद वही मीटर मेरे घर से वही लोग ले गए. अब मेरे पास सालों बाद 10 हजार रुपए का बिल आया है.''


घर में मीटर नहीं और बिल 10 हजार रुपए : पूछने पर दिव्यांग विलास रजक ने बताया कि ''मेरे घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. मैं खुद चलने फिरने में असमर्थ हूं. फिर भी प्रयास करता हूं, जो भी बन पड़ता है मां और मैं मजदूरी करते हैं, उसी से पेट पलता है. ऐसे में 10 हजार का बिल कहां से चुकाएं?'' विलास ने कहा कि इसके लिऐ रोज बिजली विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है. 15 किलोमीटर की दूरी आने जाने में वह अपने परिवार के घर खर्च के लिए भी कमाई नहीं कर पा रहा है. विलास रजक ने कहा कि हमारे परिवार के सामने दिक्कतें आ रहीं हैं.

"बिजली विभाग के दफ्तर में रोज जाता हूं. सबसे मिन्नतें करता हूं. साहब कुछ करो मेरे साथ ज्यादती हुई है. कोई सुनता नहीं है. टेबल के पीछे बैठे कुछ अधिकारी जरूर कहते हैं कि बिजली बिल आया है तो देना ही पड़ेगा. साहब हम इतनी रकम कहां से लाएंगे?" - विलास रजक, पीड़ित दिव्यांग

कौन देगा पीड़ित दिव्यांग के सवालों का जवाब? : सवाल ये है कि जब घर में मीटर नहीं लगा तब बिल कैसे आया? कौन हैं वो लोग जो दिव्यांग विलास रजक के घर आए और बिजली का मीटर दे गए, फिर कुछ दिन बाद उसी मीटर को कहां ले गए? बिजली विभाग अपने कर्मियों की हरकत पर कुछ बताता क्यों नहीं? जब मां के नाम पर पूरे घर में कनेक्शन है तो फिर बेटे के नाम से बीपीएल लाल कार्ड धारी दिव्यांग युवक को कनेक्शन क्यों दिया गया? ये वो सवाल हैं जिसको दिव्यांग विलास रजक पूछ रहा है. देखना है कि बिजली विभाग की ओर से इसका क्या जवाब उसे मिलता है.

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