भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर जिले के एक गांव का दलित समाज अंबडेकर जयंती की शोभायात्रा के दौरान किए गए उपद्रव से नाराज है. इस नाराजगी के चलते मंगलवार को दलित समाज के तीन सौ परिवार गांव से पलायन कर जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने पहुंच गए थे. शाम करीब चार बजे जिला कलक्टर आलोक रंजन ने समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की. साथ ही गांव छोड़कर आए लोगों को नाश्ता कराया और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीणों को बस में बिठाकर उनके गांव भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक गांव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जाटव समाज के लोगों ने शोभायात्रा निकाली थी. लेकिन इस दौरान कुछ दबंग लोगों ने उन पर पथराव किया. घटनास्थल पर तनाव फैल गया. दोनों पक्षों के बीच में मारपीट हुई. इसके बाद अंबेडकर जयंती के लिए आयोजन स्थल पर टेंट में लोग जमा थे. जहां कुछ लोगों ने पहुंचकर टेंट में आग लगा दी. इस पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. जब यह मामला थाने पहुंचा, तब मामले में 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है. लेकिन मामला यहां शांत नहीं हुआ है. दबंगों से परेशान दलित समाज गांव से पलायन कर जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंच गए.
ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव में दबंग घरों में घुसकर मारपीट कर रहे हैं, जिसकी वजह से गांव से पलायन करना पड़ा है.उनकी शिकायत है कि प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कदम उठाने की गुहार को जब अनसूनी कर दी गई तब, गांव वालों ने पलायन करने का निश्चित किया. अचानक उठाए गए इस कदम की प्रशासन ने भी अपेक्षा नहीं की थी. लेकिन जैसे ही मीडिया के जरिए खबर के बारे में पता चला पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया.
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि समाज के लोगों से मिलकर उनकी समस्या सुनी जाएगी और समाधान किया जाएगा. साथ ही कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने समाज के लोगों को गुमराह कर माहौल खराब करने का प्रयास किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग दलित समाज के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है और उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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