कोटा : किसी भी बदलाव के लिए जनभागीदारी और जागरूकता सबसे अहम तत्व हैं. इसी की मिसाल है राजस्थान का एक गांव. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझते हुए कोटा के केशवपुरा गांव में लोगों ने इसका प्रयोग बंद कर दिया है.
विगत दो अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का आह्वान किया था. इसका मकसद देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाना है.
राजस्थान का केशवपुरा गांव पीएम मोदी के आह्वान से काफी पहले से ही अपनी मुहिम चला रहा है. यहां के लोग जागरूकता के कारण खुद से मुहिम चला रहे हैं.
कई मवेशियों की मौत के बाद गांव वालों ने खुद प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का बीड़ा उठाया. गांव वालों ने 11 जुलाई, 2019 को पूरे गांव से प्लास्टिक जमा किया और एक गड्ढा बनाकर इसे जला दिया.
केशवपुरा गांव में रहने वाले लोगों ने इस पहल के बाद से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने का प्रण लिया. इस संकल्प से न केवल उन्हें राहत मिली, बल्कि मवेशियों की सेहत भी बेहतर हुई.
ग्रामीणों की पहल से उत्साहित होने के बाद केशवपुरा की ग्रामीण विकास समिति ने आधिकारिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का फैसला लिया. इसमें विशेष रूप से उन प्लास्टिक को बंद किया गया, जिनका उपयोग शादी-समारोह और अन्य सामुदायिक कार्यक्रमों के दौरान किया जाता है.
गांव की विकास समिति ने आगे यह तय किया कि केशवपुरा में कचरे के प्लास्टिक डिब्बे के बजाय धातु डिब्बों का इस्तेमाल किया जाए.
इस छोटे से गांव का हर निवासी खरीददारी के लिए या तो कागज का थैला या कपड़े का थैला रखता है.
केशवपुरा गांव राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 40 किमी दूर स्थित है. यहां लगभग 600 लोगों की आबादी पाई जाती है. लेकिन अब ये गांव अपने कई पड़ोसी गांवों को इसी तरह के पर्यावरण के अनुकूल उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है.