नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से पारित कराए गए तीन कृषि कानूनों पर पिछले 13 दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है. दिल्ली-हरियाणी की सीमा पर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों का हुजूम लगातार जमा हुआ है. आज किसानों ने भारत बंद आहूत किया था, जिसे केंद्र सरकार विफल बता रही है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज विपक्ष के मंसूबे हारे हैं, और भारत की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने किसान नेताओं और कृषि संगठनों को कई मौकों पर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने बताया कि सितंबर से 5 दिसंबर तक 33 लाख किसानों ने भारत सरकार को अपने धान बेचा है.
स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष ने सबसे अधिक भ्रम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर फैलाया था, लेकिन वे नाकाम रहे. एमएसपी ऑपरेशंस के तहत बेचे गए 336 लाख मीट्रिक टन धान भारत सरकार ने खरीदा. उन्होंने दावा किया कि पंजाब के 60 फीसदी किसान लाभान्वित हुए हैं.
बकौल स्मृति ईरानी ने कहा कि 60 हजार करोड़ रुपये देशभर के किसानों को दिए गए हैं. पंजाब की कांग्रेस सरकार वहां की मंडी तंत्र की सफलता की साक्षी रही है, लेकिन राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए विपक्ष गलत तरीके अपना रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता अपनी पार्टियों के झंडे लेकर रेल रोक रहे हैं. डंडों के जोर पर मंडियां बंद कराई जा रही हैं, इसलिए उनके मंसूबे विफल हुए हैं.
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स्मृति ईरानी ने कहा कि कानून के तहत किसानों का संरक्षण हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी. राहुल गांधी और शरद पवार के ट्वीट को लेकर एक सवाल के जवाब में ईरानी ने कहा कि 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने खुद अपने घोषणा पत्र में लिखा था कि एपीएमसी कानून को भंग करने की बात कही थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस कानून को हाथ तक नहीं लगाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को गंभीरता से लेने की जरूरत नहींं है.
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बता दें कि सोमवार को किसान कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेता टिकैत ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद जनता के समर्थन से सफल होगा. उन्होंने कहा कि बीकेयू कार्यकर्ता दिल्ली-यूपी गाजीपुर सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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सोमवार को राकेश टिकैत दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं के साथ बैठक करते दिखे. उन्होंने बताया कि वह यहां देशव्यापी भारत बंद की योजना पर चर्चा करने आए थे. ईटीवी भारत से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि उन्होंने मंगलवार के भारत बंद के लिए 'अपना गांव-अपनी सड़क' का नारा दिया है.
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बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह इससे पहले भी किसानों को वार्ता करने की सलाह दे चुके हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों को वार्ता के लिए आमंत्रित करते हुए कहा था कि सरकार सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने गतिरोध खत्म करने और बुराड़ी मैदान में जाने की अपील की थी.
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कहां से पनपना शुरू हुआ असंतोष
बीते 17 सितंबर को विधेयकों के पारित होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा, किसान को उत्पाद सीधे बेचने की आजादी मिलेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भी जारी रहेगी.
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कृषि सुधार विधेयकों को लेकर पीएम मोदी का कहना है कि विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है. उनके अनुसार इन विधेयकों के पारित हो जाने के बाद किसानों की न सिर्फ आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उनके सामने कई विकल्प भी मौजूद होंगे.