नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र गत 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था. आज पीएम मोदी लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें
- राष्ट्रपति का अभिभाषण देश को दिशा देने वाला.
- आपके लिए गांधी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए जिंदगी हैं.
- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी
- हम सबको दिशा देने वाला यह अभिभाषण है
- हम सभी वक्ताओं का धन्यवाद करते हैं.
- अधीर रंजन चौधरी, ओवैसी, राम कृपाल, पीपी चौधरी, पीनाकी मिश्रा, अखिलेश यादव, शशि ठाकुर...सबका धन्यवाद
सबने सवाल पूछा है कि सरकार इतनी जल्दी इतने काम क्यों कर रही है. - हम लीक से हटकर काम करते हैं. यदि नहीं करते तो ...
- मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती
- नाबालिग से रेप के मामले में फांसी की सजा कानून ना बना पाते
- राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती
- करतारपुर साहिब कोरिडोर कभी नहीं बन पाता
- भारत बांग्लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुलझता
- देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पाल कोशिश करता रहा है.
- दुनिया की भारत से बहुत बड़ी अपेक्षा है, हम चुनौतियों को चुनौती देते हैं, हम सबको साथ लेकर चलने का गति बढ़ाते हैं.
- अगर कांग्रेस का रास्ते चलते, तो 50 साल के बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार करते रहते
- लड़ाकू विमान का इंतजार करते रहते, बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं होता, सीडीएस की नियुक्ति नहीं हो पाती
- हमारी सरकार तेज गति की वजह से चलती है.
- हम नई लकीर और लीक से हटकर चलना चाहते हैं.
- यदि हम तेज नहीं चलते, तो 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट ना खुलते
- 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय ना बनता
- 13 करोड़ परिवारों के पास एलपीजी ना पहुंचता
- दो करोड़ घर नहीं बनते, गरीबों के
- लंबे समय से अटके दिल्ली की 1700 से ज्यादा अवैध कालोनियों का काम पूरा नहीं होता, उन्हें उनका हक भी मिल गया.
- उत्तर पूर्व के द्वार पर दिल्ली खड़ी है, यह पहले नहीं होता था, सारे मंत्री वहां जाते हैं
- हमने बोडो समस्या का समाधान किया. यह समझौता एक नजीर है, उनके लिए जो हिंसा का रास्ता अपनाए हुए हैं. उन्होंने अस्त्र सरेंडर किया. उन्होंने स्वीकार किया कि अब बोडो के सामने कोई समस्या नहीं बची है, समझौता पत्र में यह लिखा है.
- किसानों के मुद्दे पर
- डेढ़ गुना एमएसपी का विषय लंबे समय से अटका हुआ था.
- सिंचाई योजना 20 सालों से पड़ी थी. हमने ऐसी 99 योजना को लक्ष्य तक ले गए. पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों में विश्वास पैदा हुआ. 13 हजार करोड़ प्रीमियम आया, किसानों को बीमा के तौर पर 56 हजार करोड़ मिला. हम चाहते हैं कि किसानों का इनपुट कम हो, हम लगातार प्रयासरत हैं. इनाम योजना- किसान बाजार में माल बेच सकता है. पौने दो करोड़ किसान इससे जुड़ चुके हैं. पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, सौर ऊर्जा, सोलर पंप पर काम किया.
- 2014 में कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ था, अब 1.50 लाख करोड़ कर दिया. पीएम किसान सम्मान योजना- किसानों के खाते में सीधे पैसे जाते हैं. 45 हजार करोड़ सीधे उनके खाते में जा चुका है.
- आज विपक्ष को भी लगता है कि करेगा, तो मोदी सरकार ही करेगा, क्योंकि आज आप लोग भी ये सवाल करते हैं कि ये काम कब होगा.
- भ्रष्टाचार की पहले चर्चा खूब होती थी. बैंकिंग, बीमा पॉलिसी, संसाधनों की बंदरबांट की चर्चा होती थी. लेकिन हमने निश्चित दिशा में चलने का निर्णय लिया. आज इकोनोमी में फिजकल डेफिसिट पर नियंत्रण लगा.
- आर्थिक स्थिति पर
- जीएसटी को हमने लागू किया. एफडीआई आज 26 बिलि. डॉलर पार कर गया है. भारत के प्रति विदेशियों का विश्वास बढ़ा है. तभी वे लोग निवेश करते हैं. हम जॉब पैदा करने पर जोर दे रहे हैं. मैं किसानों से बहुत कुछ सीखता हूं. मुद्रा योजना, स्टार्ट अप योजना, स्टैंड अप इंडिया...इसमें रोजगार मिला है. मुद्रा योजना में 70 फीसदी महिलाओं को लोन मिला है. 28 हजार स्टार्ट अप योजना की शुरुआत,
- डिजिटल इकोनोमी करोड़ों रोजगार लेकर आई है. स्किल डेवलपमेंट का कार्यक्रम जारी है, हम पिछली सदी की सोच के साथ आगे नहीं बढ़ सकते हैं. बदली हुई परिस्थिति में काम करना होगा. लेबर रिफॉर्म पर सहमति बनेगी. ऐसी हमारी उम्मीद है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में आगे बढ़ रहे हैं, पांच ट्रिलियन इकोनोमी को प्राप्त करेंगे.
- दिल्ली में हजारों ट्रक हर रोज प्रवेश करती थी. दिल्ली के चारों ओर एक्सप्रेस वे बनाने का संकल्प 2009 तक पूरा होना था. हमने 2014 में काम शुरू किया, हमने इसे पूरा कर दिया. दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करवाने में मदद की.
- संविधान बचाने पर
- कुछ लोगों ने संविधान बचाने की बात बार-बार की है. कांग्रेस को ऐसा बार-बार करना चाहिए. अगर संविधान को कांग्रेस समझती, तो ऐसा ना होता. संविधान की ताकत का अहसास अब आपको होना चाहिए.
आपात काल में आपको संविधान याद नहीं आया. न्यायपालिका से न्यायिक समीक्षा की ताकत वापस ले लिया था. इन्होंने जीने का अधिकार छीन लिया था. सबसे ज्यादा बार संविधान में बदलाव आपने लाया. दर्जनों बार राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया. - कैबिनेट के प्रस्ताव को फाड़ देने वालों को जानने की जरूरत है. पीएम और पीएमओ के ऊपर नेशनल एडवायजरी काउंसिल रिमोट कंट्रोल से चलाने वालों को संविधान को समझना जरूरी है. संविधान के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, यह पूरा देश देख रहा है.
- सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि हड़ताल और आंदोलन से आम लोगों को तकलीफ ना हो. पूरा देश यह देख रहा है. कभी ना कभी तो इसका जवाब मिलेगा. कांग्रेस, वाम के लोग वहां जाकर भड़का रहे हैं.
- कश्मीर पर
- एक सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने अपनी पहचान खो दी है. किसी ने कश्मीर का मतलब जमीन ही समझ लिया. हमारे लिए कश्मीर भारत का मुकुट मणि है. बम, बंदूक और अलगाववाद इसकी पहचान बना दी गई थी. 19 जनवरी 1990 को कश्मीर की पहचान को दफना दिया था. कश्मीर की पहचान उसकी सूफी परंपरा है. सर्वधर्म समभाव है. सैयद बुलबुलशाह उनकी पहचान हैं. 370 के हटाने के बाद लोगों ने कहा था कि आग लग जाएगी.
- कुछ लोग कहते हैं कि हमने 1947 में गलत निर्णय लिया भारत के साथ रहने का. उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि 370 को हटाना ऐसा भूकंप लाएगा कि कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा. फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि 370 का हटाया जाना, कश्मीर के लोगों की आजादी का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, कश्मीर में भारत का झंडा फहराने वाला कोई नहीं रह जाएगा. क्या कोई भी इससे असहमत हो सकता है. ये वो लोग हैं, जिनको कश्मीर की आवाम पर भरोसा नहीं है. हमें वहां की जनता पर पूरा भरोसा है. हमने उनपर भरोसा किया. 370 को हटाया और आज तेज गति से उनका विकास भी हो रहा है. देश के किसी भी क्षेत्र के हालात को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को सफल नहीं होने दिया जाएगा.
- सीएए
- भारत के मुसलमानों को गुमराह करने के लिए विपक्ष बार-बार चाल चल रही है. लेकिन वे सफल नहीं हो रहे हैं. हमारी नजर में सारे लोग पहले हिंदुस्तानी हैं. मुझे खान अब्दुल गफ्फार खान के चरण छूने का मौका मिला है. कांग्रेस और उसके दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरू किया, उस दिन से उसे गलती का अहसास हो जाएगा. सीएए विरोध के कारण कांग्रेस का असली रूप जनता के सामने आ गया. देश जानता है कि दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है.
- पाक में लगातार अल्पसंख्यकों के साथ क्या हुआ है, दुनिया जानती है. नेहरू-लियाकत समझौते में भी इसका जिक्र है. उन्होंने भी अल्पसंख्यक शब्द का नाम लिया. नेहरू ने असम के तब के सीएम गोपीनाथ को लिखा-- आपको हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम इमीग्रेंट के बीच फर्क करना ही होगा...देश को इन शरणार्थियों को लेना ही पड़ेगा. नेहरू ने 5 नवंबर 1950 को सदन में कहा था -- इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो प्रभावित लोग सेटल करने आए हैं, वे नागरिकता पाने के हकदार हैं. अगर कानून में बदलाव लाना है, तो करें. 1963 में लोकसभा में कॉल अटेंशन मॉशन के दौरान नेहरू बोले- पूर्वी पाक में वहां की ऑथिरिटी हिंदुओं पर जबरदस्त दबाव बना रही है.
- सिख दंगों के आरोप लगने वालों को कांग्रेस ने सीएम बना दिया. क्या सिख माइनोरिटी नहीं हैं. क्या कांग्रेस सिख दंगा भूल चुकी है. कांग्रेस जिम्मेवार विपक्ष के रास्ते पर नहीं चल रही है.
क्या अनार्की के रास्ते पर देश चलेगा. लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का हक सबको है. लेकिन झूठ नहीं फैलाना चाहिए. आइए संविधान का सम्मान करें.
बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान सरकार की कई उपलब्धियों का जिक्र किया था. लोकसभा में तीन फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की गई. हालांकि, विपक्ष ने चर्चा में भाग नहीं लिया और कई सांसद वॉकआउट कर गए.
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