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लंदन में सम्मानित होंगे केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक, मिला ये सम्मान - शिक्षा मंत्री 'निशंक'

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान (वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड) 21 नवम्बर को दिया जाएगा. सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी वो 75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं.

रमेश पोखरियाल निशंक
रमेश पोखरियाल निशंक
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Published : Nov 18, 2020, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान (वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड) 21 नवम्बर को दिया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय वातायन-पुरस्कार अधिकांशत: हाउस ऑफ लॉर्डस अथवा नेहरु-केंद्र-लंदन में दिए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के चलते यह वर्चुअल-समारोह में दिए जाएंगे.

निशंक विख्यात लेखक और कवि हैं और अब तक उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें यह सम्मान वातायन के सालाना पुरस्कार समारोह में उनकी साहित्य के लिए की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाएगा. निशंक को देश-विदेश में कई साहित्यिक सम्मान मिल चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सम्मान हिंदी भाषा के वैश्वीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है और इस प्रकार के पुरस्कार वो अपनी हिन्दी भाषा व देश को समर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली संस्थाएं बधाई की पात्र हैं.

75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं निशंक

फ्रेडरिक पिनकॉट यकूे अवॉर्ड-2014 की विजेता संस्था वातायन की स्थापना व समारोह की शुरुआत वर्ष 2003 में साहित्यानुरागी विलियम ब्लैक के जन्मदिन पर की गई थी. डॉ. निशंक ना सिर्फ एक राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि एक समर्थ लेखक भी हैं. सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी वो 75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं, जो कि पूरी दुनिया और भारत में 10 से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं. इन 75 किताबों में काव्य संग्रह एवं कथा संग्रह शामिल है और उनमें से बहुत सी रचनाओं का अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मराठी, जर्मन, फ्रेंच, आदि कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.

इनको भी मिलेगा सम्मान

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि मनोरंजन मुंतशिर को भी वातायान अंतरराष्ट्रीय कविता सम्मान (इंटरनेशनल वातायन लिटररी अवार्ड) से विभूषित किया जाएगा. वातायन पुरस्कार विजेताओं में केसरी नाथ त्रिपाठी, प्रसनू जोशी, जावेद अख्तर, निदा फाजली, कुंवर बेचैन, राजेश रेड्डी, लक्ष्मी शंकर बाजपाई, डॉ. पुष्पिता अवस्थी, नरेश शांडिल्य आदि कई लेखकों के नाम शामिल हैं.

पढ़ें- 'भारत पहला देश होगा जो स्कूल में सिखाएगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस'

नई दिल्ली : हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को वातायन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान (वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड) 21 नवम्बर को दिया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय वातायन-पुरस्कार अधिकांशत: हाउस ऑफ लॉर्डस अथवा नेहरु-केंद्र-लंदन में दिए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के चलते यह वर्चुअल-समारोह में दिए जाएंगे.

निशंक विख्यात लेखक और कवि हैं और अब तक उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें यह सम्मान वातायन के सालाना पुरस्कार समारोह में उनकी साहित्य के लिए की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाएगा. निशंक को देश-विदेश में कई साहित्यिक सम्मान मिल चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सम्मान हिंदी भाषा के वैश्वीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है और इस प्रकार के पुरस्कार वो अपनी हिन्दी भाषा व देश को समर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली संस्थाएं बधाई की पात्र हैं.

75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं निशंक

फ्रेडरिक पिनकॉट यकूे अवॉर्ड-2014 की विजेता संस्था वातायन की स्थापना व समारोह की शुरुआत वर्ष 2003 में साहित्यानुरागी विलियम ब्लैक के जन्मदिन पर की गई थी. डॉ. निशंक ना सिर्फ एक राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि एक समर्थ लेखक भी हैं. सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी वो 75 से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके हैं, जो कि पूरी दुनिया और भारत में 10 से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं. इन 75 किताबों में काव्य संग्रह एवं कथा संग्रह शामिल है और उनमें से बहुत सी रचनाओं का अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मराठी, जर्मन, फ्रेंच, आदि कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.

इनको भी मिलेगा सम्मान

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि मनोरंजन मुंतशिर को भी वातायान अंतरराष्ट्रीय कविता सम्मान (इंटरनेशनल वातायन लिटररी अवार्ड) से विभूषित किया जाएगा. वातायन पुरस्कार विजेताओं में केसरी नाथ त्रिपाठी, प्रसनू जोशी, जावेद अख्तर, निदा फाजली, कुंवर बेचैन, राजेश रेड्डी, लक्ष्मी शंकर बाजपाई, डॉ. पुष्पिता अवस्थी, नरेश शांडिल्य आदि कई लेखकों के नाम शामिल हैं.

पढ़ें- 'भारत पहला देश होगा जो स्कूल में सिखाएगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस'

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