- किसानों के लिए 30,000 एडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फंड स्थापित कर रहे हैं, यह नाबार्ड के जरिए होगा.
- सरकार क्रेडिट लिंक बेस्ड सब्सिडी स्कीम (एमआईजी) को मार्च 2021 तक बढ़ा रही है.
विशेष आर्थिक पैकेज : वित्त मंत्री बोलीं- हर राज्य में लागू होगी वन नेशन-वन कार्ड योजना
17:12 May 14
17:03 May 14
- सरकारी जमीन पर भी बनेगा अफोर्डेबल घर. प्राइवेट कंपनियों को घर बनाने में मदद करेगी सरकार.
- रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा लोन, 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकेंगे. 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को होगा फायदा.
- मुद्रा शिशु लोन के दायरे में जो आते हैं, उन्हें ब्याज से राहत दी जाएगी.
- मुद्रा शिशु लोन लेने वालों के ब्याज में 2 फीसदी की छूट होगी, इसका खर्चा सरकार उठाएगी.
16:56 May 14
- गरीबों को कम किराए पर रहने के लिए घर मिलेगा.
- प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ की योजना.
- वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का एलान.
- ये राशन कार्ड हर राज्यों में मान्य होगा.
- देश के किसी भी डिपों से राशन ले सकते हैं.
- मजदूरों के लिए क्रांतिकारी कदम होगा.
- प्रवासी मजदूरों के लिए किफायती घर की योजना.
- पीपीपी के जरिए रेंटल हाउसिंग विकसित की जाएगी.
- किफायती दर पर गरीबों के लिए रेंटल स्कीम
16:46 May 14
- मजदूरों को अनाज की फ्री सप्लाई.
- 8 करोड़ मजदूरों के लिए मुफ्त राशन मिलेगा.
- मुफ्त अनाज का पूरा खर्चा उठाएगी सरकार.
- बिना कार्ड वाले मजदूरों के लिए 5 किलो अनाज.
16:40 May 14
- नाबार्ड ने ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी है.
- श्रम कानूनों पर सुधार के लिए काम चल रहा है.
- न्यूनतम मजदूरी के भेदभाव को खत्म किया जाएगा.
- मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा.
- गांव लौटने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत मदद मिलेगी.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कदम उठाए गए हैं.
- महिलाओं के लिए रात्रि की पाली में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी.
16:32 May 14
- 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है.
- आरआईडीएफ के तहत 42000 करोड़ रुपये की मदद
- को-ऑपरेटिव बैंक के जरिए 29500 करोड़ रुपये का लोन.
- औसत मजदूरी बढ़ाकर 202 रुपये पहले से की गई.
- 2 करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूरों को काम मिलेगा.
- 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला.
- अब तक मनरेगा पर 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज.
16:23 May 14
- 3 करोड़ किसानों के लिए चार लाख करोड़ की मदद.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कदम उठाए जाएंगे.
- लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र में काफी ऋण दिया गया.
- फसल कर्ज अदायगी की समय सीमा बढ़ाई जाएगी.
- राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ रुपये की मदद दी.
- पैसा सीधा किसानों के हाथों में जा रहा है.
- शहरी गरीबों के लिए 11 हजार करोड़ की मदद.
- शहरी गरीबों को शेल्टर और भोजन मुहैया कराया गया.
- प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जाएगा.
- कृषि क्षेत्र को 86,600 करोड़ रुपये का लोन.
- राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई.
- एसडीआरएफ के जरिए 11 हजार करोड़ रुपये की मदद की जाएगी.
16:13 May 14
- स्वरोजगारी, रेहड़ी-पटरी, छोटे व्यापारियों, छोटे किसानों के लिए राहत पैकेज.
- कृषि क्षेत्र के लिए निवेश लगातार कम किया जा रहा है.
- 25 लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड.
- 3 करोड़ किसानों के लिए सस्ती दर पर लोन.
15:29 May 14
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया को संबोधित की. वह विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर विस्तार से जानकारी दी. बुधवार को उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को दिए जाने वाले पैकेज की जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.
वित्तमंत्री ने सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई को बढा़वा देने के लिए बड़ी राहत देने के साथ-साथ एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव का एलान किया.
एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेटल फ्री यानी बगैर किसी जमानत या बंधक के कर्ज प्राप्त करने की व्यवस्था की है, जिसका फायदा करीब 45 लाख कारोबारियों को मिलेगा. यह कर्ज चार साल के लिए होगा और एक साल मूलधन चुकाने में राहत मिलेगी. इसमें 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिल पाएगा.
संकटग्रस्त एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे दो लाख से ज्यादा एमएसएमई को फायदा होगा. बेहतर कारोबार करने वाले एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इनके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड की स्थापना की जाएगी. इस प्रकार एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी.
17:12 May 14
- किसानों के लिए 30,000 एडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फंड स्थापित कर रहे हैं, यह नाबार्ड के जरिए होगा.
- सरकार क्रेडिट लिंक बेस्ड सब्सिडी स्कीम (एमआईजी) को मार्च 2021 तक बढ़ा रही है.
17:03 May 14
- सरकारी जमीन पर भी बनेगा अफोर्डेबल घर. प्राइवेट कंपनियों को घर बनाने में मदद करेगी सरकार.
- रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा लोन, 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकेंगे. 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को होगा फायदा.
- मुद्रा शिशु लोन के दायरे में जो आते हैं, उन्हें ब्याज से राहत दी जाएगी.
- मुद्रा शिशु लोन लेने वालों के ब्याज में 2 फीसदी की छूट होगी, इसका खर्चा सरकार उठाएगी.
16:56 May 14
- गरीबों को कम किराए पर रहने के लिए घर मिलेगा.
- प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ की योजना.
- वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का एलान.
- ये राशन कार्ड हर राज्यों में मान्य होगा.
- देश के किसी भी डिपों से राशन ले सकते हैं.
- मजदूरों के लिए क्रांतिकारी कदम होगा.
- प्रवासी मजदूरों के लिए किफायती घर की योजना.
- पीपीपी के जरिए रेंटल हाउसिंग विकसित की जाएगी.
- किफायती दर पर गरीबों के लिए रेंटल स्कीम
16:46 May 14
- मजदूरों को अनाज की फ्री सप्लाई.
- 8 करोड़ मजदूरों के लिए मुफ्त राशन मिलेगा.
- मुफ्त अनाज का पूरा खर्चा उठाएगी सरकार.
- बिना कार्ड वाले मजदूरों के लिए 5 किलो अनाज.
16:40 May 14
- नाबार्ड ने ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी है.
- श्रम कानूनों पर सुधार के लिए काम चल रहा है.
- न्यूनतम मजदूरी के भेदभाव को खत्म किया जाएगा.
- मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा.
- गांव लौटने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत मदद मिलेगी.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कदम उठाए गए हैं.
- महिलाओं के लिए रात्रि की पाली में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी.
16:32 May 14
- 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है.
- आरआईडीएफ के तहत 42000 करोड़ रुपये की मदद
- को-ऑपरेटिव बैंक के जरिए 29500 करोड़ रुपये का लोन.
- औसत मजदूरी बढ़ाकर 202 रुपये पहले से की गई.
- 2 करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूरों को काम मिलेगा.
- 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला.
- अब तक मनरेगा पर 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज.
16:23 May 14
- 3 करोड़ किसानों के लिए चार लाख करोड़ की मदद.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कदम उठाए जाएंगे.
- लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र में काफी ऋण दिया गया.
- फसल कर्ज अदायगी की समय सीमा बढ़ाई जाएगी.
- राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ रुपये की मदद दी.
- पैसा सीधा किसानों के हाथों में जा रहा है.
- शहरी गरीबों के लिए 11 हजार करोड़ की मदद.
- शहरी गरीबों को शेल्टर और भोजन मुहैया कराया गया.
- प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जाएगा.
- कृषि क्षेत्र को 86,600 करोड़ रुपये का लोन.
- राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई.
- एसडीआरएफ के जरिए 11 हजार करोड़ रुपये की मदद की जाएगी.
16:13 May 14
- स्वरोजगारी, रेहड़ी-पटरी, छोटे व्यापारियों, छोटे किसानों के लिए राहत पैकेज.
- कृषि क्षेत्र के लिए निवेश लगातार कम किया जा रहा है.
- 25 लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड.
- 3 करोड़ किसानों के लिए सस्ती दर पर लोन.
15:29 May 14
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया को संबोधित की. वह विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर विस्तार से जानकारी दी. बुधवार को उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को दिए जाने वाले पैकेज की जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.
वित्तमंत्री ने सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई को बढा़वा देने के लिए बड़ी राहत देने के साथ-साथ एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव का एलान किया.
एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेटल फ्री यानी बगैर किसी जमानत या बंधक के कर्ज प्राप्त करने की व्यवस्था की है, जिसका फायदा करीब 45 लाख कारोबारियों को मिलेगा. यह कर्ज चार साल के लिए होगा और एक साल मूलधन चुकाने में राहत मिलेगी. इसमें 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिल पाएगा.
संकटग्रस्त एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे दो लाख से ज्यादा एमएसएमई को फायदा होगा. बेहतर कारोबार करने वाले एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इनके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड की स्थापना की जाएगी. इस प्रकार एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी.