मुंबई: ऐजाज लकड़ावाला की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई भी दी. गृहमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से जानकारी दी, कि कैसे पुलिस ने लकड़ावाला को पकड़ने के लिए कड़ी से कड़ी को जोड़ा और आखिर में उन्हें कामयाबी हाथ लगी.
गृह मंत्री देशमुख ने बताया कि लकड़ावाला की लड़की जिसका नाम सिफा शेख है उसने मनीष आडवानी के नाम से फर्जी पासपोर्ट बना रखा था.
सबसे पहले हमारी पुलिस ने उस सिफा शेख को पासपोर्ट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. सिफा शेख से पूछताछ के दौरान जो जानकारियां मिली थी, उसके आधार पर हमारी पुलिस ने पूरी योजना बनाकर पटना पहुंची और लकड़ावाला को गिरफ्तार किया गया.
देशमुख ने बताया कि लकड़ावाला गैंगस्टरों की दुनिया का पुराना नाम था, जो अपने गैंग को सालों से ऑपरेट कर रहा था. शुरू में लकड़ावाला दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन गैंग से जुड़ा हुआ था, बाद में जब छोटा राजन दाऊद से अलग हो गया, तब लकड़ावाला छोटा राजन के साथ मिलकर काम करने लगा.
उन्होंने बताया कि बाद में लकड़ावाला और छोटा राजन भी अलग हो गए. 2008-2009 से लकड़ावाला ने खुद का फिरौती सहित अन्य धंधे शुरू कर दिए. गृहमंत्री के मुताबिक लकड़ावाला पर फिरौती के तकरीबन 25 एफआईआर दर्ज हैं.
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गृहमंत्री देशमुख ने बताया कि लकड़ावाला के खिलाफ 80 अन्य प्रकार केस भी दर्ज हैं. जबकि चार मकोका के केस भी चल रहे हैं. एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि जो भी अधिकारी इस अभियान से जुड़े हुए थे सरकार से उनके लिए रिवार्ड की अुनशंसा की जाएगी.