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कांग्रेस का गुजरात सरकार पर हमला, कहा- कोरोना से निबटने में सरकार नाकाम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस वार्ता के दौरान गुजरात सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आज गुजरात में कोई स्वास्थ्य प्रणाली मौजूद नहीं है. हमारा तंत्र बीमार हो चुका है. कोरोना वायरस में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम हुई है.

अभिषेक मनु सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : May 24, 2020, 7:04 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट द्वारा अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की तुलना एक 'कालकोठरी' से करने के ठीक एक दिन बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर चौतरफा हमला करते हुए कोरोना वायरस से निबटने में नाकाम होने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज गुजरात में कोई स्वास्थ्य प्रणाली मौजूद नहीं है. हमारा तंत्र बीमार हो चुका है. कोरोना वायरस में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम हुई है.

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन को लेकर एक स्वतः संज्ञान लेकर दिए गए अपने आदेश में गुजरात उच्च न्यायलय ने राज्य सरकार पर कोरोना डेटा को कृत्रिम रूप से नियंत्रित करने और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल को कालकोठरी करार दिया.

अदालत ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि सिविल अस्पताल में अब तक 377 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है, जो गुजरात में होने वाली कुल मौतों का 45 प्रतिशत है.

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक ओर N95 मास्क जैसी आवश्यक वस्तु से मुनाफा खोरी कर रही है, तो दूसरी तरफ सार्वजनिक रूप से मास्क नहीं पहनने वालों पर कड़ा जुर्माना लगा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक अस्पतालों को मौत का जाल बना रही है और उसके नाक के नीचे वेंटिलेटर घोटाला कर रही है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या गुजरात और भारत के आम आदमी द्वारा इस तरह की चौतरफा मार को बर्दाश्त किया जा सकता है?

वरिष्ठ नेता ने सवाल किया कि भाजपा में सरकार के नेतृत्व वाले जांच दलों को गुजरात क्यों नहीं भेजा, जिसे कोविड-19 की स्थिति के बारे में जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल भेजा गया था.

पढ़ें- दीदी नहीं, जनता के लिए बंगाल गए थे पीएम मोदी : विजयवर्गीय

उन्होंने कहा, क्या उन्होंने पश्चिम बंगाल और गुजरात के लिए समान मानकों, समान शर्तों और समान निरीक्षण टीमों का उपयोग किया है?

सिंघवी ने कहा कि राज्य के गवर्नर ने अपने राज्य में वैसे ही मानकों को क्यों नहीं अपनाया जैसा कि उनके समकक्ष पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने किया?

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह गुजरात से हैं, क्या वह नहीं जानते हैं कि उनके अपने गृहराज्य में क्या हो रहा है? यदि हां, तो क्या उन्होंने कभी हस्तक्षेप किया है?

अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट द्वारा अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की तुलना एक 'कालकोठरी' से करने के ठीक एक दिन बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर चौतरफा हमला करते हुए कोरोना वायरस से निबटने में नाकाम होने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज गुजरात में कोई स्वास्थ्य प्रणाली मौजूद नहीं है. हमारा तंत्र बीमार हो चुका है. कोरोना वायरस में राज्य सरकार पूरी तरह नाकाम हुई है.

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन को लेकर एक स्वतः संज्ञान लेकर दिए गए अपने आदेश में गुजरात उच्च न्यायलय ने राज्य सरकार पर कोरोना डेटा को कृत्रिम रूप से नियंत्रित करने और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल को कालकोठरी करार दिया.

अदालत ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि सिविल अस्पताल में अब तक 377 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है, जो गुजरात में होने वाली कुल मौतों का 45 प्रतिशत है.

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक ओर N95 मास्क जैसी आवश्यक वस्तु से मुनाफा खोरी कर रही है, तो दूसरी तरफ सार्वजनिक रूप से मास्क नहीं पहनने वालों पर कड़ा जुर्माना लगा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक अस्पतालों को मौत का जाल बना रही है और उसके नाक के नीचे वेंटिलेटर घोटाला कर रही है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या गुजरात और भारत के आम आदमी द्वारा इस तरह की चौतरफा मार को बर्दाश्त किया जा सकता है?

वरिष्ठ नेता ने सवाल किया कि भाजपा में सरकार के नेतृत्व वाले जांच दलों को गुजरात क्यों नहीं भेजा, जिसे कोविड-19 की स्थिति के बारे में जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल भेजा गया था.

पढ़ें- दीदी नहीं, जनता के लिए बंगाल गए थे पीएम मोदी : विजयवर्गीय

उन्होंने कहा, क्या उन्होंने पश्चिम बंगाल और गुजरात के लिए समान मानकों, समान शर्तों और समान निरीक्षण टीमों का उपयोग किया है?

सिंघवी ने कहा कि राज्य के गवर्नर ने अपने राज्य में वैसे ही मानकों को क्यों नहीं अपनाया जैसा कि उनके समकक्ष पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने किया?

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह गुजरात से हैं, क्या वह नहीं जानते हैं कि उनके अपने गृहराज्य में क्या हो रहा है? यदि हां, तो क्या उन्होंने कभी हस्तक्षेप किया है?

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