नई दिल्ली : टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने बड़ा फैसला लिया है. बीएआरसी ने आने वाले तीन महीनों के लिए रेटिंग्स जारी नहीं करने का निर्णय लिया है. बता दें, बीएआरसी टीवी रेटिंग्स जारी करने वाली संस्था है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि काउंसिल सांख्यिकीय मजबूती में सुधार के लिए माप के वर्तमान मानकों की समीक्षा करने और उन्हें बेहतर बनाने का इरादा रखती है, और इस कवायद के चलते साप्ताहिक रेटिंग 12 सप्ताह तक स्थगित रहेगी.
इससे पहले मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में घोटाले का भंडाफोड़ किया.
गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं.
बार्क द्वारा दिए जाने वाले दर्शकों के अनुमानों से विज्ञापन का खर्च प्रभावित होता है. मुंबई पुलिस का आरोप है कि जिन घरों में मॉनिटर लगाए गए थे, उन्हें प्रभावित करके रेटिंग में हेराफेरी की जा रही थी.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर बार्क बोर्ड ने प्रस्ताव दिया है कि माप के मौजूदा मानकों और डेटा जमा करने के तरीकों को बेहतर बनाने की जरूरत है. इसके साथ ही काउंसिल ने कहा कि मॉनिटरिंग वाले घरों में किसी तरह की घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम करने के लिए ये कवायद की जा रही है.
इस कवायद में हिंदी, अंग्रेजी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं के सामान्य समाचार चैनल और कारोबारी समाचार चैनल शामिल हैं.
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बयान में कहा गया, इस कवायद के दौरान सभी समाचार चैनलों के लिए बार्क की साप्ताहिक व्यक्तिगत रेटिंग का प्रकाशन बंद रहेगा. बार्क ने कहा कि यह कवायद आठ से 12 सप्ताह तक चलेगी और इसमें सत्यापन तथा परीक्षण शामिल है.
बार्क के चेयरमैन पुनीत गोयनका ने कहा उद्योग और काउंसिल के लिए अपने कड़े प्रोटोकॉल की समीक्षा करने और इन्हें आगे और मजबूत बनाने के लिए कुछ दिन के लिए निलंबन जरूरी है.
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वहीं उच्चतम न्यायालय ने टीआरपी घोटाला मामले में आज सुनवाई की. इस मामले में एक मीडिया ग्रुप के खिलाफ जारी समन को लेकर कोर्ट ने मीडिया हाउस को समन के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय के पास जाने के लिए कहा है.