देहरादून : हरिद्वार में योगगुरु बाबा रामदेव ने कोरोनिल से जुड़े विवादों पर जवाब दिया है. बाबा रामदेव ने कहा कि जिस तरह से देशद्रोही के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते हैं, ऐसे मुकदमे उनके खिलाफ दर्ज हुए हैं. उन्होंने पिछले तीन दशकों में करोड़ों लोगों को निरोगी किया है, योग सिखाया है. आज आयुष मंत्रालय ने भी पतंजलि योगपीठ के कार्य की सराहना की है. आज से पूरे देश में कोरोनिल किट उपलब्ध होगी, मैं आयुष मंत्रायल और भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देता हूं.
बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल को लेकर ड्रग माफिया द्वारा देश में साजिश और दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भौतिक आतंकवाद और नफरत का वातावरण बनाने वालों के मंसूबों पर आज पानी फिर जाएगा. रामदेव अलग-अलग बीमारियों के लिए बनाई गई औषधियों के बारे में भी बताएंगे.
योग गुरु बाबा रामदेव प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
- बाबा रामदेव बोले जिस तरह से देशद्रोही के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते हैं, ऐसे मुकदमे दर्ज हुए ये मानसिकता हमें कहां लेकर जाएगी.
- हम दोनों पतंजलि के लिए 35 वर्षों से साथ काम कर रहे हैं, दोनों सामान्य परिवार से आए हैं. इसलिए लोगों को मिर्ची लगती है.
- आयुष मंत्रलाय ने भी क्लीनिकल ट्रायल को अप्रूव किया, तीन दिन में ठीक हो गए थे सभी लोग.
- सारे अप्रूवल लेकर अभी कोरोना के ऊपर ट्रायल हुआ है, अन्य तीन बड़ी बीमारियों का भी क्लीनिकल ट्रायल होना बाकी है.
- अभी पतंजलि ने एक ही क्लीनिकल ट्रायल लोगों के सामने रखा है, जिससे ड्रग माफिया में हड़कंप मचा हुआ है.
- पतंजलि 500 लोगों की टीम के साथ कोरोना की दवा बनाने को लेकर शोध कर रही है.
- आयुष मंत्रालय ने भी पतंजिल के क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल को सही बताया है. यह पहला चरण है, आगे भी शोध होंगे.
- क्या कोई सन्यासी या आचार्य वैज्ञानिक विधि अपनाते हुए आयुर्वेद को लेकर शोध नहीं कर सकता.
- कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बाद ड्रग कंपनी और मल्टीनेशनल दवा कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ.
- आयुर्वेद के क्लीनिकल ट्रायल पर हुए शोध के बाद कोरोनिल दवा को लोगों के सामने रखा था.
- बाबा रामदेव और दिव्य फॉर्मेसी ने दवा बनाकर क्या गुनाह किया है.
- मेडिकल ट्रमनोलॉजी और शब्दों के भ्रमजाल में आकर दबाया जा रहा आयुर्वेद का सत्य.
- पतंजलि रिसर्च सेंटर का पीएम ने उद्घाटन किया था.
- एविडेंस बेस आयुर्वेद मेडिसिन को अपनाएगा विश्व.
- एविडेंस बेस मेडिसिन के तौर पर श्वासारी और कोरोनिल को किया था लॉन्च.
- वैज्ञानिक विधि से किया गया था क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल का चौथा चरण भी पूरा.
- अस्थमा, डेंगू, चिकिनगुनिया, मधुमेह और उच्च रक्तचाप को आयुर्वेदिक से किया है सही.
- ड्रग माफिया भी इनिशियल ट्रायल करके बाजार में दवा ले आए हैं. वह भी तो लूट मचा रहे हैं.
- शब्दों के मायाजाल में सबको फंसाया जा रहा है. कोरोना क्योर नहीं मैनेजमेंट बोलो... मैंने कभी क्योर का दावा नहीं किया.
- आयुर्वेद द्वारा बीमारी को समाप्त करने में लगता है समय.
- षडयंत्र के तहत आयुर्वेद को किया जा रहा है बदनाम, आयुर्वेद की दवा खाने से किसी को नुकसान नहीं, एलोपैथी से लोगों को खतरा.
- क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल आगे भी जारी रहेगा, सरकार से निवेदन है कोरोनिल और श्वासारी को हर जगह उपलब्ध करवाएं. ताकि, कोरोना की महामारी से लोग बाहर निकल सके.
- पतंजलि की आयुर्वेद दवा एक करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुंच चुकी है, जो सारे तत्व कोरोनिल में हैं, उन उत्पादों का पहले से ही लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. पतंजलि जीवनरक्षा के लिए कार्य कर रहा है.
- शंका का समाधान होता, प्रश्नों का उत्तर होता है, लेकिन दुर्भावना का कोई इलाज नहीं है. जनभावनाएं हमारे साथ है. हमें कोरोना को हराने का श्रेय नहीं चाहिए, कोरोनिल किट में कोरोनिल, श्वासारी और अणुतेल किट में उपलब्ध है. पतंजलि आज भी लोकसेवा भाव से कार्य कर रहा है.
- कोरोनिल पर हुए क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट को पतंजलि आज भी आपके सम्मुख रख रहे हैं, सत्य और तथ्य को कोई झूठला नहीं सकता.
- शरीर ना तो आयुर्वेद को समझता और ना एलोपैथ को... हम अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं को साथ लेकर भी करेंगे काम. आगे भी क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल भी रहेंगे जारी.
- बाबा रामदेव बोले- कोरोना पेशेंट को ऊपर हुआ था क्लीनिकल ट्रायल, आयुष मंत्रायल ने माना संक्रमित लोग हुए ठीक... भाषा के मायाजाल में लोगों को फंसाया जा रहा है. क्योर, मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट को समझना होगा.
- आयुष मंत्रालय ने माना कि कोरोनिल को लेकर पतंजलि ने किया है कार्य, आगे भी जारी रहेगा क्लीनिकल ट्रायल. जल्द ही मोबाइल एप के जरिये देश-विदेश में पहुंचेगी दवा.
- आयुष मंत्रालय ने कहा कि कोरोना क्योर नहीं... मैनेजमेंट शब्द का होगा इस्तेमाल.
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गौरतलब है कि, पिछले दिनों बाबा रामदेव ने प्रेस वार्ता कर कोरोनिल दवा के बारे में देश को बताया था. उन्होंने कोरोनिल को कोरोना की दवा के रूप में पेश किया था. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना के लिए कोरोनिल दवा को शत-प्रतिशत कारगर बताया था. जिसके बाद आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी थी.