Positive Bharat Podcast: सरकारी नौकरी छोड़ क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने वाले ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या के संघर्ष की दास्तां

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24 मार्च 1991 को जन्मे क्रुणाल पांड्या ने 6 बरस की उम्र में ही हाथ में गेंद और बल्ला थामकर ठान लिया था कि एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होना है. क्रिकेट के दीवाने पिता हिमांशु पांड्या ने (Cricket player Krunal Pandya) अपने दोनों बेटों क्रुणाल और हार्दिक को इस खेल से रू-ब-रू करवाया था. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी पिता ने अपने बेटों को वडोदरा में किरण मोरे क्रिकेट अकादमी में भेजा, जहां से हार्दिक और क्रुणाल के क्रिकेटर बनने की (Positive Bharat Podcast ) यात्रा शुरू हुई. मेहनत रंग लाई और छोटे भाई हार्दिक पांड्या को साल 2016 में टीम इंडिया के 11 खिलाड़ियों में शामिल किया गया. लेकिन बड़े भाई क्रुणाल पांड्या का संघर्ष अभी भी जारी था. और टीम इंडिया की मंजिल तक पहुंचने में उन्हें 2 साल का इंतजार करना पड़ा. 4 नवंबर 2018 को वो दिन आ ही गया जब क्रुणाल ने टीम इंडिया की जर्सी पहनकर अपना सपना पूरा किया. एक वक्त ऐसा भी आया जब दोनों भाई एक साथ मैदान पर टीम इंडिया के लिए खेलते दिखे. आज क्रुणाल की गिनती दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ियों में होती है. अपनी बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी और फील्डिंग तक से वो टीम इंडिया की जीत में अपनी भागीदारी निभाते रहे हैं. कभी पैसों की तंगी झेलने वाले पांड्या परिवार का ये बेटा आईपीएल में करोड़ों में खरीदा गया. 2022 आईपीएल के लिए लखनऊ की टीम ने क्रुणाल पांड्या के लिए 8.25 करोड़ की बोली लगाई. क्रुणाल पांड्या की कहानी बताती है कि सपने देखने के साथ उनको पूरा करने के लिए पूरी जी जान लगाना भी जरूरी है किस्मत भी मेहनत का साथ देती है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:20 PM IST

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