हल्दी का जिक्र आते ही सामान्यतः लोगों को मसालेदानी में मिलने वाली हल्दी याद आ जाती है. हल्दी न सिर्फ हमारे खाने की रंगत और गुण बढ़ती है, बल्कि शादी ब्याह और पूजा-पाठ में भी इसका होना जरूरी माना जाता है. आयुर्वेद में हल्दी को काफी गुणकारी औषधि माना जाता गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली पीली हल्दी के अलावा भी हल्दी की कुछ अन्य प्रजातियां होती हैं!
हल्दी के फायदे और उपयोग सिर्फ यहीं तक ही सीमित नही है. सेहत को बेहतर और शरीर को निरोगी रखने में इसे काफी उपयोगी माना जाता है. जिसका सिर्फ सेवन ही नही बल्कि उसका लेपन (Paste application) भी कई समस्याओं से बचाव कर सकता है या समस्या होने पर उसका इलाज कर सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं मसालेदानी में मिलने वाली हल्दी के अलावा भी हल्दी के कई अन्य प्रकार (Types of turmeric) होते हैं, जिनका उपयोग सेहत के साथ सौन्दर्य को दुरुस्त रखने में भी किया जाता है.
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कई प्रकार की होती है हल्दी : बेंगलुरु के चिकित्सक व सलाहकार डॉ वेंकट एस राव (Dr. Venkata S Rao, physician and consultant of Chakra Hospital, Bangalore) बताते हैं कि आम पीली हल्दी की अन्य प्रजातियां भी होती हैं और वे सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं. सभी प्रजातियों वाली हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सहित कई अन्य गुण तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं. वैसे तो हल्दी की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन इसकी चार प्रजातियां जो काफी आम हैं तथा जिनका उल्लेख आयुर्वेद में भी मिलता है, इस प्रकार हैं.
- पीली हल्दी (Yellow turmeric)
- काली हल्दी (Black turmeric)
- जंगली/कस्तूरी हल्दी (Wild/Musk Turmeric)
- आंवा/सफेद हल्दी (White turmeric)
हल्दी की प्रजातियां और उनके लाभ: डॉ वेंकट (Dr Venkata S Rao) बताते हैं कि कोरोना काल में सिर्फ देश में ही नही बल्कि विदेशों में भी हल्दी के गुण और फ़ायदों को लेकर लोगों में काफी जागरूकता बढी है. हल्दी के सेवन से ना सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि कई गंभीर रोगों से बचाव भी संभव है. यूं तो हल्दी की सभी प्रजातियां गुणकारी ही होती हैं लेकिन हल्दी की सबसे प्रचलित प्रजातियों के गुण तथा उनसे मिलने वाले फायदे इस प्रकार हैं.
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