विश्व एड्स वैक्सीन दिवस 2023 : ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस या एचआईवी/एड्स एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती माना जाता है. इस रोग का स्थाई उपचार अभी पूरी तरह से संभव नहीं है लेकिन इसके सही प्रबंधन से इस रोग के गंभीर प्रभावों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. किसी भी रोग से बचाव के लिए वैक्सीन आदर्श सुरक्षा मानी जाती है . इसी सोच के साथ एचआईवी/एड्स से बचाव के लिए वैक्सीन रूपी सुरक्षा की खोज के लिए भी पिछले कई सालों से प्रयास किए जा रहे हैं. AIDS Vaccine . World AIDS Vaccine Day 2023 .
हालांकि इस दिशा में अभी तक ज्यादा सफलता नहीं मिली है. इस रोग को लेकर जागरूकता तथा इसके उपचार व प्रबंधन के क्षेत्र में प्रगति का नतीजा है दुनिया भर में पहले के मुकाबले एड्स पीड़ितों तथा एड्स से संबंधित अन्य कारणों के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 के पीड़ितों व मृत्युदर के आंकड़ों में वर्ष 2004 के आंकड़ों के मुकाबले लगभग 64% की गिरावट आई है. इस दिशा में ज्यादा अनुसंधानों के लिए प्रयास करने के लिए मौके बनाने तथा इस वायरस से बचाव के लिए सुरक्षित व पूरी तरह से कारगर वैक्सीन की आवश्यकता व एड्स जैसे रोग के बारे में आमजन में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार,वर्ष 2019 के अंत में लगभग 38 मिलियन लोग एचआईवी/एड्स के साथ जी रहे थे. वहीं उसी वर्ष, एड्स तथा उससे संबंधित बीमारियों के कारण लगभग 690,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इसके बाद वर्ष 2020 के अंत तक, एचआईवी पीड़ितों की संख्या लगभग 37.7 मिलियन देखी गई थी, जिनमें से 1.7 मिलियन 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे. उक्त वर्ष में इस रोग तथा उससे संबंधित कारणों के चलते लगभग 680,000 लोग मारे गए थे.
महत्व तथा इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 1983 में पहली बार एचआईवी के वायरस की खोज के बाद लगभग 79.3 मिलियन लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. इस संक्रमण के गंभीर प्रभावों तथा ज्यादा मृत्युदर के सामने आने के बाद से लगातार ना सिर्फ इस रोग व उसके कारणों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने बल्कि इसके उपचार व प्रबंधन के लिए चिकित्सकों, वैज्ञानिकों तथा स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है. एड्स से बचाव के लिए टीके की खोज के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जो अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हुए हैं.
एड्स के उपचार व प्रबंधन की दिशा में काम करने वाले तथा इसके सुरक्षित और प्रभावी टीके को खोजने के लिए प्रयास करने वाले वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रयासों को याद करने के उद्देश्य से वर्ष 1998 में पहली बार विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया गया था. गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 1997 में अंतर्राष्ट्रीय एड्स वैक्सीन परीक्षण किया गया था. जिसकी वर्षगांठ के अवसर पर 18 मई 1998 को एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस मनाया गया था. इस दिवस को सबसे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज , यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ तथा एचआईवी/एड्स वैक्सीन के विकास की दिशा में काम करने संगठनों द्वारा मनाया गया था.
वर्तमान समय में दुनिया भर के कई सरकारी, गैर सरकारी, स्वास्थ्य व सामाजिक संगठन एड्स तथा उससे बचाव के लिए टीके की जरूरत को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए इस अवसर पर सामुदायिक कार्यक्रम , रैली , सम्मेलन तथा मीडिया अभियान जैसी सहित गतिविधियों का आयोजन करते हैं. गौरतलब है कि विश्व एड्स वैक्सीन दिवस एक ऐसा अवसर है जो एचआईवी/एड्स की वैक्सीन की दिशा में निरंतर अनुसंधान और विकास के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने , उन लोगों के प्रयासों को सराहने जो इस दिशा में लगातार कार्य कर रहें हैं, इस रोग के इलाज व प्रबंधन को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने तथा इन सभी विषयों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करता है.
क्या है एचआईवी
एचआईवी यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस एक ऐसा वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है. यह संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सुई के दोबारा उपयोग , संक्रमित रक्त चढ़ाने तथा असुरक्षित संभोग से फैलता है. वहीं यह गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे तक भी पहुंच सकता है. इस संक्रमण के प्रभाव में आने के बाद कुछ हफ्तों में ही पीड़ित में बुखार, गले में खराश और थकावट जैसे फ्लू जैसे लक्षण नजर आने शुरू ही जाते हैं. इस रोग का अभी तक स्थाई उपचार नहीं है लेकिन इसके सही समय पर पता चलने तथा सही प्रबंधन से पीड़ित कुछ प्रतिबंधों के साथ कुछ हद तक स्वस्थ जीवन जी सकता है.
बेहद जरूरी है वैक्सीन
गौरतलब है कि मानव इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) को लेकर कुछ टीके अभी तक ट्रायल तक ही सीमित हैं. एचआईवी के निवारक तथा उपचारात्मक टीके की उपलब्धता वर्तमान समय की काफी बड़ी जरूरत है. क्योंकि इस संक्रमण के प्रभाव में आने से पहले ही यदि शरीर में उसके खिलाफ सुरक्षा मौजूद हो तो बहुत से लोगों को इस रोग के प्रभाव में आने से बचाया जा सकता है.ऐसे में एचआईवी से बचाव में मददगार टीके की जल्द से जल्द खोज बहुत जरूरी है. विश्व एड्स वैक्सीन दिवस,एचआईवी वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए इस दिशा में नए अनुसंधानों के प्रेरित करने तथा संबंधित लोगों के लिए मौके उपलब्ध करने का भी अवसर देता . World AIDS Vaccine Day 2023 . AIDS Vaccine . AIDS Vaccine Day
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