ऊना: देवेंद्र सिंह मौत मामले को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम के दौरान शनिवार को डीसी राघव शर्मा प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के लिए प्रदेश के सीमांत कस्बा मैहतपुर पहुंचे. करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा चली वार्ता पूरी तरह विफल रही. देखते ही देखते हालात यहां तक बिगड़ गए की वार्ता से बाहर निकले डीसी राघव शर्मा को गाड़ी तक पहुंचना मुश्किल हो गया और गुस्साई भीड़ डीसी राघव शर्मा की तरफ बढ़ गई.
ऐन मौके पर पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम ने मोर्चा संभाला. हालांकि इसके बावजूद खींचतान इतनी ज्यादा हुई कि पुलिस कर्मचारियों को डीसी राघव शर्मा और एसपी अर्जित सेन ठाकुर को भीड़ से बचाना काफी मुश्किल हो गया. करीब 20 मिनट तक नेशनल हाईवे पर डीसी राघव शर्मा को लेकर पुलिस और भीड़ के बीच काफी देर तक गतिरोध चलता रहा. यहां तक कि डीसी को रोकने के लिए लोग गाड़ी के आगे और पीछे भी लेट गए. जिन्हें पुलिस कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से सड़क से हटाया.
सड़क पर करीब 20 मिनट तक चले गतिरोध के बाद डीसी राघव शर्मा को जिला मुख्यालय की तरफ रवाना किया गया. पुलिस अधीक्षक अर्जित सिंह ठाकुर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वार्ता के दौरान जिला प्रशासन द्वारा मृतक के बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्चा और मृतक की धर्मपत्नी को निजी स्कूल में रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया गया था, जबकि इसके अतिरिक्त मृतक देवेंद्र सिंह के दुबई स्थित कंपनी में उनकी इंश्योरेंस का क्लेम भी परिवार को दिलाने के लिए प्रशासन ने प्रतिबद्धता जताई थी. लेकिन मृतक के परिवार के लोगों द्वारा प्रशासन की तरफ से की जा रही इस पेशकश को पूरी तरह नामंजूर किया गया है.
गौरतलब है कि प्रदेश के सीमांत गांव सनोली निवासी 39 साल के देवेंद्र सिंह के शव को सड़क पर रखकर चल रहा चक्का जाम शुक्रवार शाम करीब 4:00 से लगातार जारी है. प्रदर्शनकारियों द्वारा पीड़ित परिवार को त्वरित मुआवजा और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिए जाने की मांग की जा रही है. जिला ऊना के मैहतपुर स्थित निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद हुई युवक की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक परिजनों द्वारा मैहतपुर में निजी अस्पताल के आगे चंडीगढ़ धर्मशाला हाइवे पर किया जा रहा धरना प्रदर्शन दुसरे दिन भी जारी रहा. वहीं, गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने मैहतपुर के बाद संतोषगढ़ में भी चक्का जाम कर दिया. मृतक के परिजनों की मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए और परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए.
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