ऊना: लॉकडाउन के कारण कामगारों पर कोई उद्योग मनमानी ना करे इसके लिए सरकार ने सभी उद्योगों को कामगारों को पूरा वेतन दिए जाने के निर्देश दिए थे. वहीं, कोरोना संकट में ऊना की एक कंपनी पर इन निर्देशों के उलंघन का आरोप लगा है. टाहलीवाल में इस उद्योग प्रबंधन पर कामगारों ने वेतन का एक तिहाई हिस्सा देकर नौकरी से निकाले जाने का आरोप लगाया है.
लॉकडाउन में कामगारों के हितों को देखते हुए सभी उद्योगों को अपने कामगारों को पूरा वेतन दिए जाने के आदेश सरकार ने दिए थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. टाहलीवाल में एक निजी उद्योग प्रबंधन पर वहां के कामगारों ने वेतन का एक तिहाई हिस्सा देकर ही काम से निकाले जाने का आरोप लगाया है. नाराज कामगारों ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
कामगारों का आरोप है कि दोबारा काम शुरू करने की सरकारी अनुमति के बाद भी उन्हें काम पर नहीं बुलाया गया, जबकि उनके स्थान पर पड़ोसी राज्य पंजाब से कामगार लाए गए. जानकारी के मुताबिक इस उद्योग प्रबंधन में लॉकडाउन से पहले 290 कामगार थे ,जिनमें से केवल 56 कर्मचारियों को ही दोबारा काम पर बुलाया गया. अन्य सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसी बात को लेकर कामगारों में नाराजगी है. उन्होंने इसको लेकर डीएम को ज्ञापन भी सौंपा है.
वहीं, इन कामगारों के हक मे कई मजदूर यूनियन भी उतर आई हैं. मजदूर यूनियन्स ने भी उद्योग प्रबंधन को मजदूरों का पूरा वेतन दिए जाने की चेतावनी दी है. वहीं, उद्योग विभाग ने कामगारों और उद्योग प्रबंधन से बातचीत कर रास्ता निकाले जाने और कामगारों को अधिकार दिलाए जाने का आश्वासन दिया है.
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