ऊना: जिला ऊना में राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. 2021 तक क्षय रोग को जड़ से खत्म करने के लिये युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. अभियान को सफलता का अमलीजामा पहनाने के लिए जिला ऊना में क्षय रोग से निपटने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों एवं फार्मेसिस्टों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में जिलाभर से आए आयुर्वेदिक चिकित्सक अधिकारियों ने हिस्सा लिया. जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र नाग ने बताया कि क्षय रोग एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता सकता है.
उन्होंने कहा कि क्षय रोग का शत प्रतिशत इलाज संभव है और सरकार द्वारा सभी दवाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में फ्री उपलब्ध करवाई गई हैं. डॉट्स प्रोवाइडर के माध्यम से मरीज की सुविधानुसार घर-द्वार पर इलाज की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है.
डॉ. सुशील चन्द्र ने बताया कि सरकार की तरफ से क्षय रोग के मरीजों को खुराक के लिए हर महीने 500 रूपये का भत्ता भी दिया जा रहा है. डॉ. सुशील चंद्र नाग ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से क्षय रोग का इलाज क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में उपलब्ध है.
डॉ. सुशील चन्द्र नाग की माने तो क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिये सरकार द्वारा आयुर्वेदिक विभाग को भी शामिल किया गया है. क्योंकि प्रदेश की हर पंचायत में आयुर्वेद डिस्पेंसरियां उपलब्ध है. जिनके माध्यम से जल्द क्षय रोग से निपटा जा सकता है, और भारत सरकार द्वारा निर्धारित 2021 तक क्षय रोग मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है.