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Krishi Vigyan Kendra Una: ऊना के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, विशेषज्ञों ने सिखाए ये गुर

ऊना के मुख्यालय से सटे रामपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में समेकित खेती को लेकर किसानों के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों को नकदी फसलों में प्रमुख (training camp for farmers in una) रूप से सब्जियों के प्रबंधन को लेकर अहम जानकारियां सांझा की जा रही हैं.

Krishi Vigyan Kendra Una, कृषि विज्ञान केंद्र ऊना
किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
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Published : Jan 19, 2022, 2:41 PM IST

ऊना: जिला ऊना के मुख्यालय से सटे रामपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra Una) में समेकित खेती को लेकर किसानों के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. सतलुज जल विद्युत निगम के सौजन्य से आयोजित किए जा रहे इस शिविर के दौरान किसानों को आर्थिक फसलों के प्रति रुझान बढ़ाने के उपयोगी टिप्स दिए गए.

इस दौरान किसानों को नकदी फसलों में प्रमुख (training camp for farmers in una) रूप से सब्जियों के प्रबंधन को लेकर अहम जानकारियां सांझा की जा रही हैं. कृषि क्षेत्र में आने वाले तमाम व्यवस्थाओं के लिए भी किसानों को उनके अनुभव के साथ आगामी कार्य योजना दी जा रही है, ताकि आने वाले समय में खेती कारोबार में किसानों की आय को बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को और उन्नत किया जा सके.

सतलुज जल विद्युत प्रबंधन के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र ऊना में आयोजित किए जा रहे समेकित खेती प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को न सिर्फ खेती बल्कि खेती क्षेत्र में गिने जाने वाले डेरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, मत्स्य पालन या मधु मक्खी पालन या अन्य व्यवसायों में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने और जीवन स्तर को उन्नत करने के उपयोगी टिप्स दिए जा रहे हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र की प्रभारी डॉ. योगिता शर्मा ने बताया कि किसानों को नकदी फसलों में सब्जी उत्पादन के संबंध में समसामयिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़ा कर व्यवसायिक खेती की तरफ ले जाया जाए और उसके लिए नकदी फसलों की तरफ उनका रुझान बढ़ाना बेहद जरूरी है.

डॉ. योगिता शर्मा ने बताया कि किसानों को कारोबार के संबंध में वैज्ञानिक जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि समय के अनुसार वह समस्याओं का स्वयं भी निराकरण करने में सक्षम बन सके. कई बार छोटी सी समस्या के लिए किसान भारी भरकम खर्च उठाते हैं, लेकिन उसके बाद भी जब समस्या हल नहीं होती तो कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक तरीके से उस समस्या का हल बेहद कम खर्च में निकाल दिया जाता है.

इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य यही है कि किसान यदि समेकित खेती करेंगे और उसे एक व्यवसाय के रूप में अपनाएंगे तो आने वाले समय में आप की आर्थिकी अवश्य मजबूत होगी.

ये भी पढ़ें- मंडी शराब मामला: अब तक चार लोगों की मौत, परिजनों ने लगाए ये आरोप

ऊना: जिला ऊना के मुख्यालय से सटे रामपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra Una) में समेकित खेती को लेकर किसानों के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. सतलुज जल विद्युत निगम के सौजन्य से आयोजित किए जा रहे इस शिविर के दौरान किसानों को आर्थिक फसलों के प्रति रुझान बढ़ाने के उपयोगी टिप्स दिए गए.

इस दौरान किसानों को नकदी फसलों में प्रमुख (training camp for farmers in una) रूप से सब्जियों के प्रबंधन को लेकर अहम जानकारियां सांझा की जा रही हैं. कृषि क्षेत्र में आने वाले तमाम व्यवस्थाओं के लिए भी किसानों को उनके अनुभव के साथ आगामी कार्य योजना दी जा रही है, ताकि आने वाले समय में खेती कारोबार में किसानों की आय को बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को और उन्नत किया जा सके.

सतलुज जल विद्युत प्रबंधन के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र ऊना में आयोजित किए जा रहे समेकित खेती प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को न सिर्फ खेती बल्कि खेती क्षेत्र में गिने जाने वाले डेरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, मत्स्य पालन या मधु मक्खी पालन या अन्य व्यवसायों में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने और जीवन स्तर को उन्नत करने के उपयोगी टिप्स दिए जा रहे हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र की प्रभारी डॉ. योगिता शर्मा ने बताया कि किसानों को नकदी फसलों में सब्जी उत्पादन के संबंध में समसामयिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़ा कर व्यवसायिक खेती की तरफ ले जाया जाए और उसके लिए नकदी फसलों की तरफ उनका रुझान बढ़ाना बेहद जरूरी है.

डॉ. योगिता शर्मा ने बताया कि किसानों को कारोबार के संबंध में वैज्ञानिक जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि समय के अनुसार वह समस्याओं का स्वयं भी निराकरण करने में सक्षम बन सके. कई बार छोटी सी समस्या के लिए किसान भारी भरकम खर्च उठाते हैं, लेकिन उसके बाद भी जब समस्या हल नहीं होती तो कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक तरीके से उस समस्या का हल बेहद कम खर्च में निकाल दिया जाता है.

इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य यही है कि किसान यदि समेकित खेती करेंगे और उसे एक व्यवसाय के रूप में अपनाएंगे तो आने वाले समय में आप की आर्थिकी अवश्य मजबूत होगी.

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