ऊना: खनन गतिविधियों (mining activities) में संलिप्त पाए गए ट्रैक्टर मालिकों (tractor owners) के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले को लेकर आज जिला मुख्यालय के एमसी पार्क में ट्रैक्टर मालिकों ने पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. ट्रैक्टर मालिकों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस का डंडा मशीनों से खनन करने वाले लोगों के खिलाफ नहीं चल पाता. ऐसे में गरीब लोगों को तंग करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चोरी के मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
ट्रैक्टर मालिकों ने प्रदेश सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले 15 दिनों में ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस न लिया गया और आगे इस कार्रवाई को बंद न किया गया तो सभी ट्रैक्टर मालिक अपने अपने ट्रैक्टर और ट्रॉली लेकर सड़कों पर चक्का जाम करेंगे. इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.
ट्रैक्टर मालिकों के धरना प्रदर्शन को ऊना जनहित मोर्चा का भी साथ मिला. ट्रैक्टर मालिकों का आरोप है कि पुलिस द्वारा खनन के नाम पर ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ चोरी के मामले दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लेबर की मदद से ट्रॉली में रेत और बजरी भरने वाले ट्रैक्टर मालिकों पर पुलिस का डंडा खूब चल रहा है जबकि एक एक टिप्पर में करीब 20 से 22 ट्रॉली का माल भरने वालों के खिलाफ पुलिस की बोलती बंद हो जाती है. इस दौरान ट्रैक्टर मालिकों ने पुलिस और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
ट्रैक्टर मालिकों ने कहा कि विधानसभा में बैठे कांग्रेस और भाजपा के विधायक मिलीभगत करते हुए गरीबों पर अत्याचार कर रहे हैं. नेताओं के संरक्षण में टिप्पर भर-भर कर जिला की संपदाओं को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान आदि क्षेत्रों को भेज रहे हैं. लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों के भी हाथ कांपते हैं.
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