चिंतपूर्णी: तिब्बतियन यूथ कांग्रेस नेता तेंजिन सुंडू तिब्बत की आजादी की मांग के लिए 12 फरवरी को धर्मशाला से दिल्ली के लिए निकले हैं. तेंजिन 500 किमी का पैदल मार्च पैदल अपने 2 अन्य साथियों के साथ 10 मार्च तक पूरा करेंगे. 17 फरवरी को चिंतपूर्णी में पहुंचकर तेंजिन ने कहा कि वह तिब्बत के लिए 1 मील तक चल सकते हैं, तो लोग मेरे समर्थन में कुछ कदम तो मेरे साथ चल ही सकते हैं.
तेंजिन ने कहा कि वर्तमान में भारत-चीन बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है. इस तनाव का खत्म करने के लिए कोई ना कोई रास्ता निकालना होगा, लेकिन वह रास्ता लड़ाई-झगड़े से बिल्कुल नहीं निकल सकता.
भारत-चीन नीति को निरस्त करने को लिए किया पैदल मार्च
तेंजिन सुंडू ने कहा कि दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है. इसी कड़ी में वह दिल्ली के लिए पदयात्रा निकाल रहे हैं. उनके इस पैदल मार्च का उद्देश्य है कि वर्तमान में भारत-चीन के बीच संबंधों को निरस्त किया जाए. इसके लिए वह इस यात्रा के दौरान वो हस्ताक्षर अभियान भी चलाएंगे.
2020 में गलवान घाटी में चीनी सेना ने आक्रमण कर हमारे देश के जवानों को शहीद कर दिया था. तब भारत ने भी जवाबी कार्रवाई कर चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था. पर इस हमले के पीछे की वजह को आज तक कोई नहीं समझ पाया कि आखिर ये हमला क्यों हुआ था. आखिर क्यों चीन भारतीय सीमा के भीतर लद्दाख ,सिक्किम और अरुणाचल में लगातार घुसपैठ करता रहता है, क्योंकि भारत और चीन के संबंधों की जटिलता सिर्फ तिब्बत के मसले के कारण है, क्योंकि भारत सरकार ने तिब्बत के लोगों को निर्वाचन के दौरान भारत में शरण दी थी.
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