ऊना: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नवरात्र मेलों के दौरान दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे की कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट (RTPCR) या फिर वैक्सीनेशन (vaccination) की दोनों खुराक का सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है. इसके बाद अब हजारों श्रद्धालुओं को हिमाचल में प्रवेश नहीं मिल रहा है. इसी के चलते जिला ऊना की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब के श्रद्धालुओं द्वारा जमकर बवाल काटा जा रहा है.
सोमवार पूरी रात जिला के गगरेट स्थित प्रवेश द्वार पर पंजाब के श्रद्धालु हुड़दंग मचाते दिखाई दिए. सभी श्रद्धालु बिना कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के ही मंदिरों में जाने की जिद्द पर अड़े हुए थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन द्वारा उनकी एक न चलने दी गई. विरोध स्वरूप सभी श्रद्धालुओं ने हिमाचल-पंजाब की सीमाओं पर जमकर विवाद करने के साथ-साथ धरना प्रदर्शन भी किया. गौरतलब है कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान करीब 20,000 से अधिक बाहरी श्रद्धालुओं को बिना नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के बैरंग वापस लौटाया गया है. वहीं, ऊना के डीसी और एसपी ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है.
वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करवाने के लिए प्रशासन भी पूरी तरह सख्ती बरत रहा है. जिले की सीमाओं पर रोके गए श्रद्धालुओं द्वारा सोमवार को जहां दिनभर हंगामा किया गया, वहीं सोमवार रात भी जमकर विवाद किया गया. इस दौरान प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई. वहींं, श्रद्धालुओं ने सड़क को जाम करने का भी प्रयास किया. उनकी एक न चली तो उन्होंने पंजाब की सीमा में जाकर हिमाचल के लोगों को पंजाब आने से रोक डाला. इसके बाद जिला प्रशासन को पंजाब प्रशासन की मदद लेते हुए हिमाचली लोगों के लिए रास्ता खुलवाना पड़ा.
इस बारे में ऊना एसपी अर्जित सेन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. किसी को भी नियमों से समझौता कर मंदिरों में दर्शन के लिए आगे नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि सभी लोग कोविड-19 से 72 घंटे पूर्व की आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट लाना सुनिश्चित करें. जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उसका सर्टिफिकेट अपने साथ लाएं ताकि उन्हें मंदिर में देवी देवताओं के दर्शन के लिए किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े.
वहीं, ऊना डीसी राघव शर्मा ने भी श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है. डीसी राघव शर्मा ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए और आमजन को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए ही यह नियम तय किये गए हैं. सभी को इन नियमों का पालन करना चाहिए.
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