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हिमाचल में गौवंश की हत्या पर 5 साल की सजा, जरूरत पड़ी तो करेंगे बदलाव: कंवर

हिमाचल प्रदेश गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर पांच वर्ष के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. आवश्यकता अनुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी और कानून को और कड़ा किया जा सकता है.

virender kanwar
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Published : Jul 16, 2020, 7:40 PM IST

ऊना: हिमाचल प्रदेश गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर पांच साल के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. आवश्यकता अनुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी और कानून को और कड़ा किया जा सकता है.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार को बचत भवन में जिला स्तरीय पशु कल्याण समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही, बैठक में जिला के गौ सदन संचालक शामिल हुए.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुछ वाहन चालक जानबूझ कर सड़क पर गौवंश को टक्कर मारते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. ऐसे मामलों को भी गौ हत्या ही माना जाएगा. कैबिनेट मंत्री ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक अगस्त से गौ सदन संचालकों को प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक माह 500 रुपये प्रति गाय की राशि मिलना शुरू हो जाएगी.

बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान, लोगों व संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गौ सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा.

इस राशि का लाभ लेने के लिए गौ सदन संचालक जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करें और सोसाइटी बनाकर उसमें दो सरकारी सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करें.

स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से सड़क से गौवंश को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गौशाला और घरों में रखे जाने वाले सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि उनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास रहे.

मार्च 2021 तक हिमाचल बेसहारा पशु मुक्त बनेगा

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2021 तक हिमाचल प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य के 11 जिलों में गौ अभ्यारण्य स्थापित किए जा रहे हैं.

थाना कलां में बनाए जा रहे गौ अभ्यारण्य सहित पांच गौ अभ्यारण्यों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि इस माह के अंत तक उन्हें क्रियाशील कर दिया जाएगा, जिससे सड़क पर बेसहारा गौवंश की समस्या समाप्त करने में मदद मिलेगी. पड़ोसी राज्यों से भी गौवंश को लाकर हिमाचल प्रदेश की सीमा के अंदर छोड़ा जा रहा है, जिसे रोकने के लिए पुलिस मुस्तैदी के साथ कार्य करे.

किसानों को देंगे उन्नत नस्ल की देसी गाय

पंचायती राज मंत्री ने कहा कि देसी गाय प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए प्रदेश सरकार गौ विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, जहां पर गाय की उन्नत नस्ल तैयार की जाएगी और उन्हें किसानों को प्रदान किया जाएगा.

बैठक में जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल, गौ सेवा आयोग के सदस्य कृष्णपाल शर्मा, डीसी ऊना संदीप कुमार, एडीसी अरिंदम चौधरी, एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन, जिला पंचायत अधिकारी रमण कुमार शर्मा और पशु पालन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

पढ़ें: दिल्ली से भुंतर हवाई सेवा 4 महीने बाद शुरू, हफ्ते में 3 दिन मिलेगी सुविधा

ऊना: हिमाचल प्रदेश गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर पांच साल के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. आवश्यकता अनुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी और कानून को और कड़ा किया जा सकता है.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जानकारी देते हुए कहा कि गुरुवार को बचत भवन में जिला स्तरीय पशु कल्याण समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही, बैठक में जिला के गौ सदन संचालक शामिल हुए.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुछ वाहन चालक जानबूझ कर सड़क पर गौवंश को टक्कर मारते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. ऐसे मामलों को भी गौ हत्या ही माना जाएगा. कैबिनेट मंत्री ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक अगस्त से गौ सदन संचालकों को प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक माह 500 रुपये प्रति गाय की राशि मिलना शुरू हो जाएगी.

बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान, लोगों व संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गौ सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा.

इस राशि का लाभ लेने के लिए गौ सदन संचालक जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करें और सोसाइटी बनाकर उसमें दो सरकारी सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करें.

स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से सड़क से गौवंश को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गौशाला और घरों में रखे जाने वाले सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि उनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास रहे.

मार्च 2021 तक हिमाचल बेसहारा पशु मुक्त बनेगा

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2021 तक हिमाचल प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य के 11 जिलों में गौ अभ्यारण्य स्थापित किए जा रहे हैं.

थाना कलां में बनाए जा रहे गौ अभ्यारण्य सहित पांच गौ अभ्यारण्यों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि इस माह के अंत तक उन्हें क्रियाशील कर दिया जाएगा, जिससे सड़क पर बेसहारा गौवंश की समस्या समाप्त करने में मदद मिलेगी. पड़ोसी राज्यों से भी गौवंश को लाकर हिमाचल प्रदेश की सीमा के अंदर छोड़ा जा रहा है, जिसे रोकने के लिए पुलिस मुस्तैदी के साथ कार्य करे.

किसानों को देंगे उन्नत नस्ल की देसी गाय

पंचायती राज मंत्री ने कहा कि देसी गाय प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए प्रदेश सरकार गौ विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, जहां पर गाय की उन्नत नस्ल तैयार की जाएगी और उन्हें किसानों को प्रदान किया जाएगा.

बैठक में जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल, गौ सेवा आयोग के सदस्य कृष्णपाल शर्मा, डीसी ऊना संदीप कुमार, एडीसी अरिंदम चौधरी, एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन, जिला पंचायत अधिकारी रमण कुमार शर्मा और पशु पालन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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