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ऊना में निजी स्कूल यूनियन का सराहनीय फैसला, नौकरी खोने वाले पेरेंट्स से फीस नहीं लेगा प्रबंधन - ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम

ऊना में शनिवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों की अहम मीटिंग का आयोजन किया गया. लॉकडाउन के कारण नौकरी खोने वाले लोगों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल मुफ्त में शिक्षा प्रदान करेगा. वहीं, अगर किसी के पेरेंट्स का कोई कारोबार नहीं चला रहा है तो उन्हें भी फीस देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.

Private schools
प्राइवेट स्कूल यूनियन
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Published : Jun 20, 2020, 6:21 PM IST

ऊना: जिला ऊना में शनिवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से स्कूल संचालकों ने निर्यण लिया कि अगर किसी का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है और लॉकडाउन के कारण उसके माता-पिता की नौकरी चली गई है तो प्राइवेट स्कूल उनके बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करेगा.

वीडियो

वहीं, अगर किसी के पेरेंट्स का कोई कारोबार नहीं चला रहा है तो उन्हें भी फीस देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. इसके लिए पेरेंट्स को स्कूल में लिखित रूप से अपनी समस्या बतानी होगी. इसके चलते पेरेंट्स दो महीने बाद भी अपने बच्चे की फीस जमा कर सकेंगे.

वहीं, स्कूल एसोसिएशन की बैठक में ये भी कहा गया कि प्राइवेट स्कूल मालिकों के पास स्कूल स्टाफ को सैलेरी देने के लिए पैसा नहीं है. एसोसिएशन ने अन्य बच्चों के पेरेंट्स से जल्द फीस जमा करवाने का आग्रह किया है, जिससे वह स्टाफ को जल्द सैलरी दे सकें. स्कूल यूनियन का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई का कार्यक्रम शुरू करने से छात्रों को बहुत फायदा हो रहा है और इससे पेरेंट्स भी काफी खुश हैं.

लॉकडाउन के कारण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को व्हाट्सएप्प ग्रुप पर जोड़ा है, जिससे टीचर बच्चों को असाइनमेंट दे रहे हैं और बच्चे घर पर ही अपना होमवर्क कर रहे हैं.

ऊना: जिला ऊना में शनिवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से स्कूल संचालकों ने निर्यण लिया कि अगर किसी का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है और लॉकडाउन के कारण उसके माता-पिता की नौकरी चली गई है तो प्राइवेट स्कूल उनके बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करेगा.

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वहीं, अगर किसी के पेरेंट्स का कोई कारोबार नहीं चला रहा है तो उन्हें भी फीस देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. इसके लिए पेरेंट्स को स्कूल में लिखित रूप से अपनी समस्या बतानी होगी. इसके चलते पेरेंट्स दो महीने बाद भी अपने बच्चे की फीस जमा कर सकेंगे.

वहीं, स्कूल एसोसिएशन की बैठक में ये भी कहा गया कि प्राइवेट स्कूल मालिकों के पास स्कूल स्टाफ को सैलेरी देने के लिए पैसा नहीं है. एसोसिएशन ने अन्य बच्चों के पेरेंट्स से जल्द फीस जमा करवाने का आग्रह किया है, जिससे वह स्टाफ को जल्द सैलरी दे सकें. स्कूल यूनियन का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई का कार्यक्रम शुरू करने से छात्रों को बहुत फायदा हो रहा है और इससे पेरेंट्स भी काफी खुश हैं.

लॉकडाउन के कारण बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को व्हाट्सएप्प ग्रुप पर जोड़ा है, जिससे टीचर बच्चों को असाइनमेंट दे रहे हैं और बच्चे घर पर ही अपना होमवर्क कर रहे हैं.

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