ऊनाः कोरोना काल में जहां एक ओर सरकार व प्रशासन महामारी से निपटने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. वहीं दूसरे कुछ लोग प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए चांदी कूटने में लगे हुए हैं. करोना संकट की आड़ में प्रवासियों को लूटने का क्रम भी जारी है.
ऐसा ही एक मामला बुधवार शाम सब्जी मंडी ऊना के पास देखने को मिला. जहां पर आरटीओ विभाग ने कांगड़ा से बिहार जा रही एक प्राइवेट बस को काबू किया. बस में जहां सभी सीटों पर सवारियां थी. वहीं, कोरोना कर्फ्यू की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही थी. दरअसल आरटीओ विभाग को सूचना मिली थी कि एक प्राइवेट बस कांगड़ा से सवारियां लेकर बिहार जा रही है.
सब्जी मंडी ऊना के समीप लगाया था नाका
इसी सूचना के आधार पर विभाग ने सब्जी मंडी ऊना के समीप नाका लगाया और बस की चेकिंग के दौरान विभागीय टीम ने पाया कि 24 सीट की बस में पूरी सवारियां भरी हुई है. कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है और परमिट दिखाने पर पता चला कि कांगड़ा प्रशासन की ओर से इस बस में कुछ प्रवासियों को बिहार जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन इसी परमिट की आड़ में तीसरा चक्कर बिहार की ओर लगाया जा रहा था और परमिट भी पुराना है.
इसके लिए प्रवासियों से प्रति सवारी 2 हजार रुपये लिए गए हैं. आरटीओ ऊना आरसी कटोच ने इस पूरे मामले में कार्रवाई की जा रही है और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला जिलाधीश ऊना राघव शर्मा को भेज दिया जाएगा.
वासी मजदूरों से भरी एक बस को जिला मुख्यालय के पास काबू
आरटीओ ऊना रमेश कटोच ने कहा कि कांगड़ा से बिहार जा रही प्रवासी मजदूरों से भरी एक बस को जिला मुख्यालय के पास काबू किया है. 24 सीटर इस बस में प्रवासी मजदूरों को ले जाया जा रहा था. कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में बस को पकड़कर कार्रवाई शुरू कर दी है. शुरूआती पूछताश में पता चला है कि प्रवासी मजदूरों को बिहार छोड़ने के लिए प्रति व्यक्ति 2 हजार किराया लिया गया है.
मामले में उचित कार्रवाई लाई जाएगी अमल
वहीं, बस ऑपरेटर द्वारा विभाग से एक स्पेशल परमिट लेकर तीसरा चक्कर लगाया जा रहा था. आरटीओ ऊना रमेश कटोच ने बताया कि विभाग द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
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