ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के खिलाड़ी कई खेलों में राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर जिला का नाम रोशन कर रहे हैं. वहीं, कई खेल ऐसे हैं, जिनके प्रशिक्षकों की कमी के चलते खेल प्रतिभाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं. ऐसा ही हाल जिला युवा सेवाएं और खेल विभाग में जूडो विंग का है. जिसमें पिछले 9 माह से एक भी कोच उपलब्ध नहीं होने के चलते खिलाड़ी इस खेल को अलविदा कह रहे हैं. जिला युवा सेवाएं एवं खेल विभाग द्वारा चलाये जा रहे खेल छात्रावास में 18 खिलाड़ियों का स्थान है, लेकिन इस बार ट्रायल न हो पाने के कारण खेल छात्रावास में भी एकमात्र जूडो खिलाड़ी ही रह रहा है. वह भी प्रशिक्षक नहीं होने के चलते खिलाड़ी असमंजस की स्थिति में है. दूसरी तरफ जिला जूडो संघ के पदाधिकारी भी खेल प्रशिक्षक उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं.
2022 से चल रहा जूडो कोच का पद खाली: बताया जा रहा है कि जूडो प्रशिक्षक कुलदीप शर्मा बतौर जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी वर्ष 2022 में ही सेवानिवृत्त हो गए. तब से लेकर आज तक जूडो कोच का पद खाली चल रहा है. जिला ऊना में जूडो का कोच उपलब्ध नहीं होने के चलते जूडो के खिलाड़ियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि जहां जूडो में जिला की टीम विजेता के कई खिताब अपने नाम करती रही है वहीं, अब इस खेल पर ग्रहण लगता जा रहा है, जिसका कारण जिला ऊना में जूडो कोच का न होना है. प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं होने के चलते खिलाड़ी भी अब इस खेल से मुंह मोड़ना शुरू कर चुके हैं.
जूडो से किनारा करना शुरू कर चुके खिलाड़ी: बता दें, खेल विभाग के छात्रावास में इस बार जूडो का केवल मात्र एक खिलाड़ी ही है. क्योंकि छात्रावास के लिए कुछ समय से पंजीकरण प्रक्रिया भी नहीं हुई है. वहीं रोजाना इंडोर स्टेडियम में अभ्यास करने आने वाले दर्जनों खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षक न होने के चलते अपने खेल को संवार नहीं पा रहे हैं. सिर्फ वरिष्ठ खिलाड़ी ही अपने स्तर पर इन खिलाडियों को अभ्यास करवा रहे है. इंदिरा मैदान में स्थित खेल छात्रावास में रह रहे जूडो के एकमात्र खिलाड़ी मयंक ने बताया कि यहां पहले कई खिलाड़ी जूडो के प्रति गहरी रूचि रखते थे और वे जूडो में कई प्रतियोगिताएं भी जीत चुके हैं, लेकिन अब पिछले 9 महीने से यहां पर जूडो का कोच उपलब्ध नहीं होने के कारण एक तरफ जहां खिलाड़ियों को तकनीक सीखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, इन हालातों के बीच खिलाड़ी जूडो से भी किनारा करना शुरू कर चुके हैं.
खेलों का हब रहा है ऊना जिला: खिलाड़ी मयंक ने बताया कि जूडो एक ऐसा खेल है, जिसकी बिना प्रशिक्षक के कोई तैयारी नहीं हो सकती. उन्होंने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि जूडो का कोच उपलब्ध कराया जाए. ताकि वह और उनके साथ अन्य खिलाड़ी भी इस खेल से जुड़कर प्रदेश का नाम रोशन कर सके. मयंक ने बताया कि फिलहाल जूडो के वरिष्ठ खिलाड़ी और सेवानिवृत्त हो चुके प्रशिक्षक अपने स्तर पर खिलाड़ियों को तैयारी करवा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी रहता है. वहीं, जिला जूडो संघ के महासचिव विनय शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला खेलों का हब रहा है. यदि जूडो की बात की जाए तो प्रतिवर्ष जिला की टीम राज्य स्तर पर शानदार प्रदर्शन करती रही है, लेकिन पिछले 9 महीने से जूडो का कोच उपलब्ध नहीं होने के चलते केवल मात्र एक खिलाड़ी ही छात्रावास में बचा है.
विनय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार आनन-फानन में अधिकारियों को एक्सटेंशन देकर उनके पदों पर बनाए रखने का काम कर रही है. ऐसे में पिछले ही वर्ष सेवानिवृत्त हुए जूडो कोच को भी एक्सटेंशन देते हुए खिलाड़ियों का भविष्य संभालने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने मांग किया कि प्रदेश सरकार जल्द जूडो के प्रशिक्षक की तैनाती करें ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी चंद्रमोहन शर्मा भी मानते है कि जूडो का प्रशिक्षक उपलब्ध नहीं होने के चलते खिलाड़ियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया है. उन्होंने कहा कि खेल छात्रावास में केवल मात्र एक खिलाड़ी मयंक है जो जूडो का प्रशिक्षण लेने के लिए रह रहा है इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर करीब 20 से 25 बच्चे रोजाना इनडोर स्टेडियम में जूडो का अभ्यास करने के लिए पहुंचते हैं.
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