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Operation Kaveri 2023 : कितने दिन का बचा था राशन, रोहित की जुबानी सूडान की कहानी..

ऑपरेशन कावेरी हिमाचल के बेटे रोहित और उसके परिवार वालों के लिए खुशहाली लेकर आया है. रोहित सकुशल ऊना अपने घर पहुंच गया. उसके पास कितना बचा था राशन और क्या चल रहे सूडान के हालात.पढें पूरी खबर..

Operation Kaveri 2023
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Published : Apr 29, 2023, 1:09 PM IST

रोहित की जुबानी सूडान की कहानी

ऊना: भारत सरकार के ऑपरेशन कावेरी के चलते ऊना का रोहित शर्मा सकुशल अपने परिजनों के पास पहुंच गया. उपमंडल अंब के लोअर अंदोरा गांव का रहने वाला 25 साल का रोहित करीब साढ़े तीन साल से वहां रह रहा था, लेकिन सूडान में चल रहे गृह युद्ध के चलते उसे वापस देश लौटना पड़ा.अब अपने देश और घर आकर रोहित काफी खुश है और केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए सूडान से सभी भारतीयों के सकुशल लौटने की कामना कर रहा है.

15 दिन की कहानी रोहित की जुबानी: सूडान में अंतिम 15 दिनों को याद करते हुए रोहित ने बताया कि वहां पर हालात बहुत खराब हो गए थे. हमारे पास सिर्फ 15-20 दिनों का ही राशन बचा था. अगर नहीं आ पाता तो बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता,क्योंकि हर तरफ बस बमबारी ही बमबारी हो रही है.

सूडान से देश वापस आने में लगे चार दिन: रोहित ने बताया एक कमरे में बंद रहकर वो दिन गुजार रहे थे और बमों की बारिश के बीच पल -पल जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा था. केंद्र सरकार के ऑपरेशन कावेरी का प पता चला तो थोड़ा साहस मिला. रोहित ने बताया सूडान में एयरस्पेस पूरी तरह बंद होने के बाद समुद्र के रास्ते वहां से निकालकर जेद्दाह पहुंचाया गया और वहां से उन्हें एयरलिफ्ट कर घर वापस लाया गया.

पिता सुरेंद्र कुमार ने केंद्र सरकार का आभार जताया: दूसरी तरफ बेटे की सकुशल घर वापसी के बाद रोहित के पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है. उन्होंने केंद्र सरकार को सूडान में फंसे भारतीयों को सकुशल वापस लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन कावेरी के लिए धन्यवाद किया. वहीं, रोहित के वापस आने के बाद परिजनों और गांव में खुशी का माहौल है.

ये भी पढ़ें : सूडान से लौटे भारतीयों की आपबीती- 'एक कमरे में मानो हम मृत्युशय्या पर हों'

रोहित की जुबानी सूडान की कहानी

ऊना: भारत सरकार के ऑपरेशन कावेरी के चलते ऊना का रोहित शर्मा सकुशल अपने परिजनों के पास पहुंच गया. उपमंडल अंब के लोअर अंदोरा गांव का रहने वाला 25 साल का रोहित करीब साढ़े तीन साल से वहां रह रहा था, लेकिन सूडान में चल रहे गृह युद्ध के चलते उसे वापस देश लौटना पड़ा.अब अपने देश और घर आकर रोहित काफी खुश है और केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए सूडान से सभी भारतीयों के सकुशल लौटने की कामना कर रहा है.

15 दिन की कहानी रोहित की जुबानी: सूडान में अंतिम 15 दिनों को याद करते हुए रोहित ने बताया कि वहां पर हालात बहुत खराब हो गए थे. हमारे पास सिर्फ 15-20 दिनों का ही राशन बचा था. अगर नहीं आ पाता तो बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता,क्योंकि हर तरफ बस बमबारी ही बमबारी हो रही है.

सूडान से देश वापस आने में लगे चार दिन: रोहित ने बताया एक कमरे में बंद रहकर वो दिन गुजार रहे थे और बमों की बारिश के बीच पल -पल जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा था. केंद्र सरकार के ऑपरेशन कावेरी का प पता चला तो थोड़ा साहस मिला. रोहित ने बताया सूडान में एयरस्पेस पूरी तरह बंद होने के बाद समुद्र के रास्ते वहां से निकालकर जेद्दाह पहुंचाया गया और वहां से उन्हें एयरलिफ्ट कर घर वापस लाया गया.

पिता सुरेंद्र कुमार ने केंद्र सरकार का आभार जताया: दूसरी तरफ बेटे की सकुशल घर वापसी के बाद रोहित के पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है. उन्होंने केंद्र सरकार को सूडान में फंसे भारतीयों को सकुशल वापस लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन कावेरी के लिए धन्यवाद किया. वहीं, रोहित के वापस आने के बाद परिजनों और गांव में खुशी का माहौल है.

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