ऊनाः जिला के इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम में चल रही सेना की खुली भर्ती में भाग लेने के लिए अब युवाओं को कोविड-19 के लिए सैंपलिंग करवाने की जरूरत नहीं होगी. अब सरकारी मेडिकल ऑफिसर जारी किए गए फिटनेस सर्टिफिकेट के आधार पर ही युवा सेना भर्ती में भाग ले सकेंगे.
गौरतलब है कि सेना भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी, जिसके चलते वीरवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला से रिकॉर्ड 14 सौ लोगों की सैंपलिंग की गई थी. हालांकि इस दौरान करीब 2 दर्जन युवा संक्रमित पाए गए थे. वहीं, सैंपलिंग के लिए उमड़ रही हजारों युवाओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने फैसला बदलते हुए अब युवाओं की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें महज फिटनेस सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की है.
फिटनेस सर्टिफिकेट देने का जिम्मा मेडिकल ऑफिसर को सौंपा
पुष्टि करते हुए सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि युवाओं की स्क्रीनिंग के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे. इस सर्टिफिकेट में युवाओं को पूरी तरह से फिट दर्शाया जाएगा ताकि वह सेना भर्ती में भाग ले सकें. हालांकि इस सर्टिफिकेट के लिए युवाओं को महज इस स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए दो टीमों को सेना भर्ती स्थल के बाहर भी तैनात कर दिया है, जबकि रीजनल अस्पताल के अलावा सिविल अस्पतालों में भी युवाओं को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए मेडिकल ऑफिसर को दायित्व सौंपा गया है.
एसिंप्टोमेटिक युवाओं को अब आसानी से मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट
वीरवार को संक्रमित पाए गए सेना भर्ती में जाने के इच्छुक अधिकतर युवा एसिंप्टोमेटिक थे, लेकिन शुक्रवार से फैसले में बदलाव करते हुए केवल फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए जो व्यवस्था लागू की गई है. ऐसे में प्रश्न यह है कि एसिंप्टोमेटिक युवाओं को अब आसानी से फिटनेस सर्टिफिकेट मिल सकता है और वह भर्ती रैली में जाकर अन्य अभ्यर्थियों और सैन्य अधिकारियों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकते हैं.
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