ऊना: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार अब पहली अप्रैल से स्वच्छता अभियान के तहत घरों से गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग देना अनिर्वाय कर दिया गया है.वैसे तो ये योजना हर जगह लागू हो चुकी है, लेकिन जिला ऊना के नगर परिषदों व गांवों में इस बात से काफी लोग अभी भी अंजान हैं. लोग जिला में अभी भी एनजीटी के आदेशों को पूरा करने के लिए नगर परिषदों को सहयोग नहीं कर रहे.
कुल मिलाकर जिला के सभी गांवों व नगर निकायों में लोग घर में रखे कूड़े की छंटनी नहीं कर रहे हैं. वहीं दुकान, बैंक, सरकारी एवं गैर सरकारी व्यवसायिक और शिक्षण संस्थानों को भी इस कार्य में सहयोग करना होगा नहीं तो इस लापरवाही का आगामी दिनों में जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
लोगों को घर का कूड़ा अलग-अलग करने में तीन प्रकार से कार्य करना होगा. कूड़ा एकत्रित करने के लिए घरों में जहां गलनशील कूड़े में सब्जियों, फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन, खराब अनाज और अन्य खाद्य मग्री को अलग रखना होगा.वहीं ,अगलनशील कूड़े में प्लास्टिक, कपड़ा, रबड़ व अन्य सामग्री जो गलनशील न हो उसे अलग से एकत्रित करना होगा. घरेलू हानिकारक कचरे में कांच की शीशीयां और इलेक्ट्रॉनिक कचरा अलग-अलग कर नगर परिषद के नियुक्त सफाई कर्मचारियों को देना होगा.
100 रुपये से 2500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार, अब कूड़े को अलग-अलग कर देना अनिवार्य किया गया है. इन आदेशों की अनुपालना न करने पर नियमों के अनुसार, लोगों को 100 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है.