ऊना: जिले में खनन को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जिला में बढ़ रहे खनन माफिया को सरकार और प्रशासन का सरंक्षण होने का आरोप जड़ा है. अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस को सरकार की ओर से खनन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने के निर्देश मिले हुए हैं.
नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार खनन माफिया को खत्म करने के ऐलान के साथ आई थी, लेकिन सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा अवैध खनन कारोबार फलफूल रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहला पुलिस प्रशासन देखा है जिसने ठान लिया है कि खनन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी के लोग लोगों को नौकरी मांगने की बजाय स्वां नदी में खनन करने की दलील दे रहे है.
अग्निहोत्री ने कहा कि घरों और विकास कार्यों के निर्माण के लिए खनन जरूरी है, लेकिन प्रशासन और सरकार को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्यावरण का नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि ऊना देश के उन जिलों में शुमार हो गया है, जहां जलस्तर बहुत कम हो रहा है. इसके बावजूद प्रशासन खनन पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है.
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नेता विपक्ष ने कहा कि खनन से ऊना जिला में स्वां नदी तटीकरण की 922 करोड़ की योजना को नुकसान हो रहा है. ऊना जिला में लोगों की भूमि को बचाने के लिए स्वां नदी के तटीकरण पर 922 करोड़ रुपये खर्चे जा रहे है, लेकिन खनन के कारण इस योजना पर भी खतरा मंडराने लगा है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार खनन से 300 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा करना चाहती है और सरकार इसे चलाए, लेकिन खनन के नियमों को भी देखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिला ऊना में 150 से अधिक अवैध तौर पर रेत के बड़े-बड़े डंप लगे हुए हैं. बावजूद इसके ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा कि विभाग ने इसे लेकर कोई नोटिस जारी किया हो.
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