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बकरियों संग एक कमरे में रहने को मजबूर नरेश का परिवार, सरकार की बेरुखी ने छुड़वा दी बेटे की पढ़ाई - ऊना में सरकार की बेरुखी

ऊना जिला के गांव नंगड़ा के नरेश का चार सदस्यीय परिवार बेहद ही तंगहाली में अपना गुजर बसर कर रहा है. इस परिवार की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान और बकरियां एक ही कमरे में साथ रहते हैं. पूरा परिवार उसी कमरे में सोता है और उसी कमरे में खाना बनाया जाता है.

डिजाइन फोटो.
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Published : Sep 6, 2019, 8:33 AM IST

Updated : Sep 6, 2019, 3:39 PM IST

ऊना: बेशक सरकार गरीबों के लिए दर्जनों योजनाएं चलाने के दावे करती रहे, लेकिन नरेश के परिवार के लिए सरकार के सभी दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं. ऊना जिला मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर ही एक ऐसा गरीब परिवार है, जिसे आज दिन तक सरकार की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

बीपीएल सूची में शामिल होने के बाबजूद इस परिवार को आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. इस परिवार का मुखिया नरेश कुमार अक्सर बीमार रहता है और मनरेगा के अलावा मजदूरी कर बमुश्किल से ही अपने परिवार के लिए दो वख्त की रोटी का प्रबंध कर पाता है. परिवार की हालत इतनी खस्ता है कि नरेश कुमार का एक बेटा 9वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है और दूसरा बेटा डीजल मैकेनिक की आईटीआई करने के बाद रोजगार न मिलने के कारण अब ग्रेजुएशन कर रहा है. नरेश का बेटा भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए समय मिलने पर मेहनत मजदूरी कर अपना पढ़ाई का खर्च निकालता है.

वीडियो.

यूं तो नरेश कुमार के पास दो कमरों का घर है, लेकिन इसमें से एक कमरे की खस्ताहाल के चलते उसमें कोई नहीं रहता वहीं, जिस कमरे में यह पूरा परिवार अपनी पालतू बकरियों के साथ रह रहा है. उस कमरे के लैंटर का पलस्तर भी कई जगह से गिर चुका है. कमरे में बहुत सी दरारें पड़ चुकी है, बरसात के दिनों में बारिश का पानी रिस कर कमरे के भीतर इकट्ठा हो जाता है. इस परिवार के पास शौचालय की सुविधा भी नहीं है.

नरेश के परिवार को सरकारी उपेक्षा के कारण बकरियों के साथ एक ही कमरे में बदबूदार वातावरण में रहना पड़ रहा है. नरेश और उसके बेटे का कहना है कि उन्होंने कई जगह अपनी तंगहाली की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन और सरकार ने आज दिन तक कोई मदद नहीं की.

ग्राम पंचायत नंगड़ा के प्रतिनिधि भी मानते हैं कि यह परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. पंचायत प्रधान और उपप्रधान की मानें तो नरेश कुमार का परिवार बीपीएल सूची में शामिल है और पंचायत द्वारा करीब एक साल पहले इस परिवार को आवास योजना का लाभ देने की सिफारिश भी विभाग से की थी, लेकिन आज दिन तक भवन निर्माण के लिए इस परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है. वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि प्रशासन जल्द ही इस परिवार तक पहुंच बनाकर जानकारी लेगा. इस परिवार को जल्द ही आवास की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी.

ऊना: बेशक सरकार गरीबों के लिए दर्जनों योजनाएं चलाने के दावे करती रहे, लेकिन नरेश के परिवार के लिए सरकार के सभी दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं. ऊना जिला मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर ही एक ऐसा गरीब परिवार है, जिसे आज दिन तक सरकार की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

बीपीएल सूची में शामिल होने के बाबजूद इस परिवार को आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. इस परिवार का मुखिया नरेश कुमार अक्सर बीमार रहता है और मनरेगा के अलावा मजदूरी कर बमुश्किल से ही अपने परिवार के लिए दो वख्त की रोटी का प्रबंध कर पाता है. परिवार की हालत इतनी खस्ता है कि नरेश कुमार का एक बेटा 9वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है और दूसरा बेटा डीजल मैकेनिक की आईटीआई करने के बाद रोजगार न मिलने के कारण अब ग्रेजुएशन कर रहा है. नरेश का बेटा भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए समय मिलने पर मेहनत मजदूरी कर अपना पढ़ाई का खर्च निकालता है.

वीडियो.

यूं तो नरेश कुमार के पास दो कमरों का घर है, लेकिन इसमें से एक कमरे की खस्ताहाल के चलते उसमें कोई नहीं रहता वहीं, जिस कमरे में यह पूरा परिवार अपनी पालतू बकरियों के साथ रह रहा है. उस कमरे के लैंटर का पलस्तर भी कई जगह से गिर चुका है. कमरे में बहुत सी दरारें पड़ चुकी है, बरसात के दिनों में बारिश का पानी रिस कर कमरे के भीतर इकट्ठा हो जाता है. इस परिवार के पास शौचालय की सुविधा भी नहीं है.

नरेश के परिवार को सरकारी उपेक्षा के कारण बकरियों के साथ एक ही कमरे में बदबूदार वातावरण में रहना पड़ रहा है. नरेश और उसके बेटे का कहना है कि उन्होंने कई जगह अपनी तंगहाली की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन और सरकार ने आज दिन तक कोई मदद नहीं की.

ग्राम पंचायत नंगड़ा के प्रतिनिधि भी मानते हैं कि यह परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. पंचायत प्रधान और उपप्रधान की मानें तो नरेश कुमार का परिवार बीपीएल सूची में शामिल है और पंचायत द्वारा करीब एक साल पहले इस परिवार को आवास योजना का लाभ देने की सिफारिश भी विभाग से की थी, लेकिन आज दिन तक भवन निर्माण के लिए इस परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है. वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि प्रशासन जल्द ही इस परिवार तक पहुंच बनाकर जानकारी लेगा. इस परिवार को जल्द ही आवास की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी.

Intro:स्लग -- गरीब परिवार की गुहार, बीपीएल के बाबजूद है सरकारी योजनाओं की दरकार, एक ही कमरे में बकरियों के साथ रहने को मजबूर चार सदस्यीय परिवार, आवास योजना के तहत आवेदन के बाबजूद भी नहीं मिली सहायता।Body:एंकर -- ऊना जिला के गांव नंगड़ा के नरेश का चार सदस्यीय परिवार बेहद ही तंगहाली में अपना गुजर बसर कर रहा है। इस परिवार की हालत अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान एक ही कमरे में बकरियों के साथ रहते है उसी कमरे में खाना बनता है। बेशक सरकार गरीबो के लिए दर्जनों योजनाएं चलाने के दावे करती रहें लेकिन नरेश के परिवार के लिए सरकारों के दावे खोखले ही साबित हो रहे है।

वी ओ 1 -- ऊना जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर ही एक ऐसा गरीब परिवार है जिसे आज दिन तक सरकार की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। ऊना के गांव नंगड़ा का नरेश कुमार अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ एक ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कमरे में रहने को मजबूर है। नरेश की गरीबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेट पालने के लिए बकरियां तो रखी है लेकिन नरेश के परिवार को अपना कमरा अपनी 6 बकरियों के साथ भी सांझा करना पड़ रहा है। मजबूरी यह है कि गरीबी से उभरने के लिए नरेश बकरियां पालनी पड़ी। वहीँ इसी कमरे के एक कोने में रसोई बनाई जाती है। जहां पर परिवार का खाना पकाया जाता है , और इसी कमरे में बकरियों के बीच खाना भी खाना पड़ता है। बीपीएल सूची में शामिल होने के बाबजूद भी इस परिवार को आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है। इस परिवार का मुखिया नरेश कुमार अक्सर बीमार रहता है और मनरेगा के अलावा मेहनत मजदूरी करके बामुश्किल से ही अपने परिवार का पालन पोषण रहा है। जबकि नरेश कुमार का एक 9वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है और दूसरा बेटा डीजल मैकेनिक की आई.टी.आई. करने के बाद रोजगार न मिलने के कारण अब ग्रेजूएशन कर रहा हैं। नरेश का बेटा भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए समय मिलने पर मेहनत मजदूरी कर अपना पढ़ाई खर्च निकालता है। यूँ तो नरेश कुमार के पास दो कमरों का घर है लेकिन इसमें से एक कमरे की खस्ताहाल के चलते उसमें कोई नहीं रहता वहीँ जिस कमरें में यह पूरा परिवार अपनी पालतू बकरियों के साथ रह रहा है उस कमरे के लैंटर का पलस्तर भी कई जगह से गिर चुका है। वहीँ कमरों में बहुत सी दरारें भी पड़ चुकी है जिस कारण अक्सर बरसातों में बारिश का पानी रिसकर इनके कमरे के भीतर इकट्ठा हो जाता है। वहीँ इस परिवार के पास शौचालय की सुविधा भी नहीं है। नरेश के परिवार को सरकारी उपेक्षा के कारण ना केवल इसी एक कमरे में बकरियों के साथ बदबूदार वातावरण में रहना पड़ रहा है वहीँ इसी कमरे खाना बनाना और खाना खाना भी पड़ रहा है। नरेश और उसके बेटे की माने तो उन्होंने कई जगह अपनी तंगहाली की गुहार लगाई लेकिन ना ही प्रशासन और न ही सरकार ने आज दिन तक कोई मदद की।

बाइट -- नरेश कुमार (पीड़ित)
FAMILY & GOATS 4

बाइट -- विक्की (नरेश का बेटा)
FAMILY & GOATS 5

वहीँ ग्राम पंचायत नंगड़ा के प्रतिनिधि भी मानते है कि यह परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। पंचायत प्रधान और उपप्रधान की माने तो नरेश कुमार का परिवार बीपीएल सूची में शामिल है और पंचायत द्वारा करीब एक साल पहले इस परिवार को आवास योजना का लाभ देने की सिफारिश भी विभाग से की थी लेकिन आज दिन तक भवन निर्माण के लिए इस परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है।

बाइट -- रणविजय (प्रधान, ग्राम पंचायत नंगड़ा)
FAMILY & GOATS 6

बाइट -- सर्वजीत (उपप्रधान, ग्राम पंचायत नंगड़ा)
FAMILY & GOATS 7


बाइट -- संदीप कुमार (डीसी ऊना)
FAMILY & GOATS 8

वहीं डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि प्रशासन जल्द ही इस परिवार तक पहुँच बनाकर जानकारी लेगा और जिस भी योजना के तहत इस परिवार की मदद हो सकती होगी जल्द ही इस परिवार को मुहैया करवाई जाएगी।

Conclusion:
Last Updated : Sep 6, 2019, 3:39 PM IST
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