ऊना: बेशक सरकार गरीबों के लिए दर्जनों योजनाएं चलाने के दावे करती रहे, लेकिन नरेश के परिवार के लिए सरकार के सभी दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं. ऊना जिला मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर ही एक ऐसा गरीब परिवार है, जिसे आज दिन तक सरकार की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.
बीपीएल सूची में शामिल होने के बाबजूद इस परिवार को आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. इस परिवार का मुखिया नरेश कुमार अक्सर बीमार रहता है और मनरेगा के अलावा मजदूरी कर बमुश्किल से ही अपने परिवार के लिए दो वख्त की रोटी का प्रबंध कर पाता है. परिवार की हालत इतनी खस्ता है कि नरेश कुमार का एक बेटा 9वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है और दूसरा बेटा डीजल मैकेनिक की आईटीआई करने के बाद रोजगार न मिलने के कारण अब ग्रेजुएशन कर रहा है. नरेश का बेटा भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए समय मिलने पर मेहनत मजदूरी कर अपना पढ़ाई का खर्च निकालता है.
यूं तो नरेश कुमार के पास दो कमरों का घर है, लेकिन इसमें से एक कमरे की खस्ताहाल के चलते उसमें कोई नहीं रहता वहीं, जिस कमरे में यह पूरा परिवार अपनी पालतू बकरियों के साथ रह रहा है. उस कमरे के लैंटर का पलस्तर भी कई जगह से गिर चुका है. कमरे में बहुत सी दरारें पड़ चुकी है, बरसात के दिनों में बारिश का पानी रिस कर कमरे के भीतर इकट्ठा हो जाता है. इस परिवार के पास शौचालय की सुविधा भी नहीं है.
नरेश के परिवार को सरकारी उपेक्षा के कारण बकरियों के साथ एक ही कमरे में बदबूदार वातावरण में रहना पड़ रहा है. नरेश और उसके बेटे का कहना है कि उन्होंने कई जगह अपनी तंगहाली की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन और सरकार ने आज दिन तक कोई मदद नहीं की.
ग्राम पंचायत नंगड़ा के प्रतिनिधि भी मानते हैं कि यह परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. पंचायत प्रधान और उपप्रधान की मानें तो नरेश कुमार का परिवार बीपीएल सूची में शामिल है और पंचायत द्वारा करीब एक साल पहले इस परिवार को आवास योजना का लाभ देने की सिफारिश भी विभाग से की थी, लेकिन आज दिन तक भवन निर्माण के लिए इस परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है. वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि प्रशासन जल्द ही इस परिवार तक पहुंच बनाकर जानकारी लेगा. इस परिवार को जल्द ही आवास की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी.