ऊना: जिला ऊना के गांव सनोली के देवेंद्र सिंह की मृत्यु प्रकरण को लेकर हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार मैहतपुर स्थित चंडीगढ़ धर्मशाला नेशनल हाईवे पर पिछले 24 घंटे से चल रहा चक्का जाम शनिवार शाम को खुल पाया. हालांकि चक्का जाम शुरू होने से लेकर करीब 24 घंटे तक प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई. लेकिन वह हर बार विफल होती रही. जबकि, शनिवार दोपहर बाद डीसी राघव शर्मा के साथ विफल हुई वार्ता के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था.
उग्र हुई भीड़ डीसी ऊना राघव शर्मा की तरफ बढ़ती नजर आई, जिसे पुलिस कर्मचारियों और पुलिस की ही क्विक रिस्पांस टीम द्वारा कड़ी मशक्कत से काबू किया गया. हालांकि इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीड़ित परिवार को कुछ आश्वासन दिए. जिन्हें लिखित रूप में मृतक देवेंद्र सिंह के परिजनों को प्रशासन की तरफ से पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने सौंपा.
परिवार को दिया हर संभव मदद का भरोसा: एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन पीड़ित परिवार को दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को हर मदद का भरोसा दिलाया गया है. उन्होंने कहा कि देवेंद्र सिंह की मौत मामले की जांच जारी रहेगी और डीएसपी स्तर के अधिकारी को इसकी जांच सौंपी जाएगी. इन आश्वासनों के बाद प्रदर्शनकारियों ने धरना प्रदर्शन और चक्का जाम को खत्म करने पर सहमति जताई है. जिसके बाद यातायात को चंडीगढ़ धर्मशाला नेशनल हाईवे पर सुचारू कर दिया गया है.
क्या है मामला: बता दें कि ऊना जिले के मैहतपुर स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद गांव सनोली के एक युवक की मौत हो गई थी. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे. वहीं, निजी अस्पताल के संचालक डॉ. कोमल मलिक ने परिजनों द्वारा लगाए जा रहे लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि युवक का ऑपरेशन सफल हो गया था. लेकिन जब ऑपरेशन के बाद युवक को शिफ्ट करने लगे तो उसकी सांस रुकने लगी, जिसके बाद युवक को मोहाली शिफ्ट किया गया. लेकिन, तब तक युवक की मृत्यु हो चुकी थी.
ये भी पढ़ें: UNA: ऑपरेशन के बाद युवक की मौत का मामला, प्रदर्शनकारियों और पुलिस में बेहद तनावपूर्ण हुआ माहौल, वार्ता रही विफल