चिंतपूर्णी: उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी (Chintpurni Mata Mandir in UNA) में श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. चिंतपूर्णी में धार्मिक एवं सांस्कृतिक म्यूजियम को हरी झंडी देने के बाद अब प्रशासन ने श्रद्धालुओं को पैदल चलने की समस्या और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का निर्णय लिया है. इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की योजना को शुरू करने से पहले प्रशासन द्वारा शनिवार को इसका ट्रायल किया गया. इस दौरान एसडीएम अंब डॉ. मदन कुमार सहित मंदिर न्यास के अधिकारी भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि श्रद्धालुओं को चिंतपूर्णी बस स्टैंड से मंदिर परिसर तक पैदल ही पहुंचना पड़ता है. फिलहाल श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए प्रशासन द्वारा कुछ वाहनों को माई दास सदन से मंदिर परिसर तक ले जाने के लिए कुछ टैक्सियों को परमिट जारी किए गए हैं. लेकिन चिंतपूर्णी क्षेत्र में श्रद्धालुओं (Chintpurni Temple in UNA) की सुविधा और क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की योजना तैयार की है.
एसडीएम अंब डॉ. मदन कुमार ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की योजना बनाई गई है. जिसका एक ट्रायल शनिवार को लिया गया. सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इसे श्रद्धालुओं की सेवा के लिए माई दास सेवा सदन से मंदिर परिसर या लिफ्ट तक ले जाने का प्रबंध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क होगा या फिर इसके लिए कोई शुल्क लिया जाएगा, यह अभी आगामी बैठकों में तय होना बाकी है.
वहीं, दूसरी तरफ स्थानीय टैक्सी ऑपरेटर्स ने जिला प्रशासन द्वारा चिंतपूर्णी मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric taxis will run in Chintpurni Temple) की सुविधा दिए जाने का विरोध किया है. टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने विरोध जताते हुए कहा है कि प्रशासन के इस निर्णय से टैक्सी ऑपरेटरों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किल पेश आएगी. ऐसे में यहां पर इलेक्ट्रिक वाहन न चलाए जाएं.
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