ऊना: जिला ऊना में विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर भगवान विश्वकर्मा के मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का खूब जमावड़ा लगा रहा. संतोषगढ़ स्थित प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर में हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया और व्यापार में लाभ की कामना की.
विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिर कमेटी द्वारा मंदिर परिसर में धार्मिक विषयों पर आधारित प्रदर्शनियां भी लगाई गई हैं. विश्वकर्मा दिवस के उपलक्ष्य पर सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचना शुरू हो गए थे.
विश्वकर्मा का ये मंदिर प्राचीन है, इस मंदिर की स्थापना 1948 में हकीम प्रताप सिंह नाम के श्रद्धालु ने की थी और तब से लेकर आज तक यह हिमाचल ही नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है.
श्रद्धलुओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जी के इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मुराद मांगता है भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
मंदिर कमेटी के सदस्य भजन सिंह मान ने कहा कि विश्वकर्मा दिवस के दिन सभी कारीगर भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा करने के उपरांत अपनी मशीनों की पूजा करते हैं और फिर अपना काम शुरू करते हैं.
ऐसी मानयता है कि भगवान विश्वकर्मा के आविष्कार एवं निर्माण कार्यों के सन्दर्भ में इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी का निर्माण किया गया है. पुष्पक विमान का निर्माण व देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोग में इस्तमाल होने वाली वस्तुएं भी इनके द्वारा ही बनाई गई हैं. यहां तक कि कर्ण के कुण्डल, विष्णु भगवान का सुदर्शन चक्र, शंकर भगवान का त्रिशुल और यमराज के कालदण्ड का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया है.