ऊना: मौसमी में बदलाव से फसल के संभावित नुकसान से किसानों व बागवानों को होने वाले आर्थिक की नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना कार्यान्वित की है.
इन योजनाओं के बारे में जिला के किसानों को जागरुक करने के लिए डीसी ऊना राघव शर्मा ने आज एक मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 15 दिसंबर तक चलने वाले इस जागरुकता अभियान के अंतर्गत ऊना के प्रत्येक गांव को कवर किया जाएगा.
इस तिथि तक होगा पंजीकरण
डीसी ने बताया कि ऊना में इन योजनाओं के तहत खरीफ की फसलें मक्की, धान व आलू और फलों में आम व नींबू को शामिल किया गया है. आम की फसल के लिए किसानों को 20 दिसंबर तक पंजीकरण करवाना होगा और नींबू के लिए 14 फरवरी तक पंजीकरण तिथि निर्धारित की गई है.
खरीफ की फसल का बीमा पंजीकरण किसान 31 अगस्त तक करवा सकेंगे. 5 साल से अधिक आयु के आम व नींबू के पेड़ों का बीमा किया जा सकेगा. किसान लोक मित्र केंद्र बैंक शाखा और सीधे सरकार के पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकण करवा सकते हैं. कृषि ऋण लेने वाले किसान बैंक के माध्यम से पंजीकृत होंगे. इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1800116515 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
किस स्थिति में मिलेगा क्लेम
डीसी राघव शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण खड़ी फसल की पैदावार में कमी होने पर जलभराव, ओलावृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना व आसमानी बिजली से प्राकृतिक आग के कारण खड़ी फसल के नुकसान पर फसली कटाई के 14 दिनांक तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई कटी फसल का चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा, बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के अलावा कम बारिश व विपरीत मौसम की परिस्थितियों के कारण फसल न बीजी जाने पर इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को क्लेम दिया जाता है.
उपायुक्त ने बताया कि ओलावृष्टि के काराण होने वाले नुकसान के लिए किसान व बागवान को 72 घंटों के अंदर बैंक और बीमा कार्यालय को सूचित करना जरूरी है. इस अवसर पर उन्होंने लोगों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी प्रेरित किया.