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बैंबू मैन ऑफ इण्डिया ने ऊना में की शिरकत, कहा- बांस के उत्पादों को आर्ट एंड क्राफ्ट से किया जाए प्रमोट

बैंबू मैन ऑफ इण्डिया (Bamboo Man of India) ने ऊना में एक कार्यक्रम में शिरकत की. वर्कशॉप में योगेश शिंदे ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों में बांस की खेती काफी बेहतर की जा सकती है. साथ ही साथ बांस के उत्पादों को आर्ट एंड क्राफ्ट से प्रमोट कर कॉरपोरेट के क्षेत्र में लाया जा सकता है.

बैंबू मैन ऑफ इण्डिया,  Bamboo Man of India
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Published : Jul 16, 2021, 7:36 PM IST

ऊना: बैंबू मैन ऑफ इण्डिया (Bamboo Man of India ) योगेश शिंदे ने ऊना में एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बैंबू की खेती के फायदे स्थानीय लोगों को बताए और उसके साथ साथ आर्ट एंड क्राफ्ट से लेकर कारपोरेट जगत तक बांस के उत्पादों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला.

जिले में बांस की खेती को बढ़ावा देने और बांस के उत्पादों की मार्केटिंग को लेकर इस व्यवसाय से जुड़े स्वयं सहायता समूहों और अन्य लोगों के लिए समर्थ ऊना के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. वर्कशॉप में योगेश शिंदे ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों में बांस की खेती काफी बेहतर की जा सकती है. साथ ही साथ बांस के उत्पादों को आर्ट एंड क्राफ्ट से प्रमोट कर कॉरपोरेट के क्षेत्र में लाया जा सकता है.

योगेश शिंदे ने बताया कि फिलहाल हिमाचल में आर्ट एंड क्राफ्ट (Art and craft) के तहत केवल हाथों से तैयार किए जाने वाले बांस के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है. यदि यहां पर पुणे की तर्ज पर ऑटोमेटिक मशीनों की स्थापना की जाती है तो बांस के उत्पादों को कॉर्पोरेट स्टैंडर्ड के मुताबिक तैयार किया जा सकता है. जिससे यहां के बैंबू प्रोडक्ट्स न केवल देश के अन्य राज्यों पर कि विदेशों में भी धूम मचा सकते हैं.

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वहीं, स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार और रोजगार की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है. जिला मुख्यालय के डीआरडीए सभागार में शुक्रवार को समर्थ ऊना अभियान के तहत बांस की खेती को बढ़ावा देने और बांस से बने उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग के तहत बाजार में उतारने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्कशाप की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त डॉ अमित शर्मा ने की, जबकि भारत के बैंबू मैन के नाम से प्रसिद्ध महाराष्ट्र के पुणे से आए कारोबारी योगेश शिंदे ने इस मौके पर विशेष रूप से शिरकत की.

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त डॉ अमित शर्मा ने कहा कि हिमाचल जैसे राज्य में बांस की खेती आसानी से की जा सकती है. बैंबू इण्डिया मिशन के तहत हिमाचल में भी कॉरपोरेट जगत के लिए बांस के उत्पादों का निर्माण करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है. जिसके चलते यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर करने में काफी मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- SMC के तहत काम करने वाले सफाई कर्मियों पर कोरोना की मार, बीते डेढ़ साल से नहीं मिला वेतन

ऊना: बैंबू मैन ऑफ इण्डिया (Bamboo Man of India ) योगेश शिंदे ने ऊना में एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बैंबू की खेती के फायदे स्थानीय लोगों को बताए और उसके साथ साथ आर्ट एंड क्राफ्ट से लेकर कारपोरेट जगत तक बांस के उत्पादों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला.

जिले में बांस की खेती को बढ़ावा देने और बांस के उत्पादों की मार्केटिंग को लेकर इस व्यवसाय से जुड़े स्वयं सहायता समूहों और अन्य लोगों के लिए समर्थ ऊना के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. वर्कशॉप में योगेश शिंदे ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों में बांस की खेती काफी बेहतर की जा सकती है. साथ ही साथ बांस के उत्पादों को आर्ट एंड क्राफ्ट से प्रमोट कर कॉरपोरेट के क्षेत्र में लाया जा सकता है.

योगेश शिंदे ने बताया कि फिलहाल हिमाचल में आर्ट एंड क्राफ्ट (Art and craft) के तहत केवल हाथों से तैयार किए जाने वाले बांस के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है. यदि यहां पर पुणे की तर्ज पर ऑटोमेटिक मशीनों की स्थापना की जाती है तो बांस के उत्पादों को कॉर्पोरेट स्टैंडर्ड के मुताबिक तैयार किया जा सकता है. जिससे यहां के बैंबू प्रोडक्ट्स न केवल देश के अन्य राज्यों पर कि विदेशों में भी धूम मचा सकते हैं.

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वहीं, स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार और रोजगार की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है. जिला मुख्यालय के डीआरडीए सभागार में शुक्रवार को समर्थ ऊना अभियान के तहत बांस की खेती को बढ़ावा देने और बांस से बने उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग के तहत बाजार में उतारने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्कशाप की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त डॉ अमित शर्मा ने की, जबकि भारत के बैंबू मैन के नाम से प्रसिद्ध महाराष्ट्र के पुणे से आए कारोबारी योगेश शिंदे ने इस मौके पर विशेष रूप से शिरकत की.

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त डॉ अमित शर्मा ने कहा कि हिमाचल जैसे राज्य में बांस की खेती आसानी से की जा सकती है. बैंबू इण्डिया मिशन के तहत हिमाचल में भी कॉरपोरेट जगत के लिए बांस के उत्पादों का निर्माण करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है. जिसके चलते यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर करने में काफी मदद मिलेगी.

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