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Lumpy Virus: लंपी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में पशुपालन विभाग ऊना, पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी - लंपी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में पशुपालन विभाग ऊना

हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है. जिसे लेकर पशुपालन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. विभाग ने लोगों से पशुओं को टीकाकरण करवाने और लंपी वायरस प्रभावित इलाकों से पशुओं की खरीद-फरोख्त न करने की अपील की है. जिससे जिले में लंपी वायरस को आने से रोका जा सके.

Animal Husbandry Department issued advisory regarding lumpy virus in Una.
लंपी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में पशुपालन विभाग ऊना.
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Published : May 23, 2023, 3:39 PM IST

जानकारी देते हुए डाॅ. जय सिंह सेन.

ऊना: जिला ऊना में पालतू पशुओं में पाए जाने वाले लंपी वायरस को लेकर एक बार फिर पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और उत्तराखंड की सीमा से लगते हिमाचल के कुछ क्षेत्रों के पशुओं में बढ़ते लंपी चमड़ी रोग के प्रकोप को देखते हुए ऊना जिले में पशुपालन विभाग ने इस बीमारी से निपटने के लिए कमर कस ली है. पशुपालन विभाग ने एक ओर जहां पशुपालकों से अपने पशुओं के टीकाकरण की अपील की है. वहीं, पड़ोसी राज्यों से पशुओं की खरीद फरोख्त न करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं.

पिछले साल लंपी वायरस ने बरपाया था कहर: बता दें कि पिछले साल ही पशुओं में पाए जाने वाले लंपी वायरस का कहर झेल चुका पशुपालन विभाग इस बार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और इसके साथ लगते हिमाचल के कुछ क्षेत्रों के पालतू पशुओं में लंपी वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर पशुपालन विभाग सतर्क हो चुका है. गौरतलब है कि पिछले साल ही अगस्त माह में लंपी वायरस ने एकाएक ऊना जिला में भी पालतू पशुओं, विशेषकर गाय को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था और यह क्रम अक्तूबर माह तक जारी रहा था. इस दौरान ऊना जिला में 11 हजार 280 पशु लंपी वायरस की चपेट में आ गए थे. जिसमें 1209 पशुओं की मृत्यु हो गई थी जबकि 10 हजार 071 पशुओं को इस बीमारी से बचा लिया गया था.

Animal Husbandry Department issued advisory regarding lumpy virus in Una.
पशुपालन विभाग ऊना ने लंपी वायरस को लेकर जारी की एडवाइजरी.

अलर्ट मोड में ऊना पशुपालन विभाग: जिला ऊना में लंपी वायरस की दस्तक के बाद ही पशुपालन विभाग ने 52 हजार 406 पशुओं का टीकाकरण कर दिया था. अब उत्तराखंड और इसके सीमान्त इलाकों में इस बीमारी की दस्तक के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डाॅ. जय सिंह सेन ने बताया कि ऊना जिले में पशुपालन विभाग लंपी वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने जिले के सभी पशु पालकों से अपील की है वह अपने पशुओं का टीकाकरण करवा लें. यह टीका जिले के सभी पशु संस्थानों में बिलकुल मुफ्त उपलब्ध है.

'लंपी प्रभावित क्षेत्रों से न करें पशुओं की खरीद-फरोख्त': डाॅ. जय सिंह सेन ने जिला के पशु पालकों से अपील की है कि वे लंपी वायरस से प्रभावित क्षेत्रों से मवेशियों की खरीद फरोख्त न करें तथा अपने गौवंश में तेज़ बुखार, भूख न लगना, दूध में गिरावट तथा त्वचा में मोटी-मोटी गांठें जैसे कोई भी लक्षण पाए जाने पर जल्द से जल्द नजदीकी पशु चिकित्सालय या औषाधालय में संपर्क करें. डॉ. जय सिंह सेन ने कहा कि अभी तक जिला ऊना में इस रोग का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

ये भी पढ़ें: Lumpy Virus: श्वेत क्रांति को झटका देती लंपी वायरस बीमारी, उत्तराखंड सहित कई राज्य हुए प्रभावित

जानकारी देते हुए डाॅ. जय सिंह सेन.

ऊना: जिला ऊना में पालतू पशुओं में पाए जाने वाले लंपी वायरस को लेकर एक बार फिर पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और उत्तराखंड की सीमा से लगते हिमाचल के कुछ क्षेत्रों के पशुओं में बढ़ते लंपी चमड़ी रोग के प्रकोप को देखते हुए ऊना जिले में पशुपालन विभाग ने इस बीमारी से निपटने के लिए कमर कस ली है. पशुपालन विभाग ने एक ओर जहां पशुपालकों से अपने पशुओं के टीकाकरण की अपील की है. वहीं, पड़ोसी राज्यों से पशुओं की खरीद फरोख्त न करने के दिशा निर्देश जारी किए हैं.

पिछले साल लंपी वायरस ने बरपाया था कहर: बता दें कि पिछले साल ही पशुओं में पाए जाने वाले लंपी वायरस का कहर झेल चुका पशुपालन विभाग इस बार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और इसके साथ लगते हिमाचल के कुछ क्षेत्रों के पालतू पशुओं में लंपी वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर पशुपालन विभाग सतर्क हो चुका है. गौरतलब है कि पिछले साल ही अगस्त माह में लंपी वायरस ने एकाएक ऊना जिला में भी पालतू पशुओं, विशेषकर गाय को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था और यह क्रम अक्तूबर माह तक जारी रहा था. इस दौरान ऊना जिला में 11 हजार 280 पशु लंपी वायरस की चपेट में आ गए थे. जिसमें 1209 पशुओं की मृत्यु हो गई थी जबकि 10 हजार 071 पशुओं को इस बीमारी से बचा लिया गया था.

Animal Husbandry Department issued advisory regarding lumpy virus in Una.
पशुपालन विभाग ऊना ने लंपी वायरस को लेकर जारी की एडवाइजरी.

अलर्ट मोड में ऊना पशुपालन विभाग: जिला ऊना में लंपी वायरस की दस्तक के बाद ही पशुपालन विभाग ने 52 हजार 406 पशुओं का टीकाकरण कर दिया था. अब उत्तराखंड और इसके सीमान्त इलाकों में इस बीमारी की दस्तक के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डाॅ. जय सिंह सेन ने बताया कि ऊना जिले में पशुपालन विभाग लंपी वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने जिले के सभी पशु पालकों से अपील की है वह अपने पशुओं का टीकाकरण करवा लें. यह टीका जिले के सभी पशु संस्थानों में बिलकुल मुफ्त उपलब्ध है.

'लंपी प्रभावित क्षेत्रों से न करें पशुओं की खरीद-फरोख्त': डाॅ. जय सिंह सेन ने जिला के पशु पालकों से अपील की है कि वे लंपी वायरस से प्रभावित क्षेत्रों से मवेशियों की खरीद फरोख्त न करें तथा अपने गौवंश में तेज़ बुखार, भूख न लगना, दूध में गिरावट तथा त्वचा में मोटी-मोटी गांठें जैसे कोई भी लक्षण पाए जाने पर जल्द से जल्द नजदीकी पशु चिकित्सालय या औषाधालय में संपर्क करें. डॉ. जय सिंह सेन ने कहा कि अभी तक जिला ऊना में इस रोग का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

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