ऊना: जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांव रामपुर में झोलाछाप चिकित्सक की वजह से कोरोना संक्रमित मरीज की जान जाने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा भी इस निजी प्रैक्टिशनर के खिलाफ शिकंजा कस दिया गया है.
बताया जा रहा है कि यह प्रैक्टिशनर बिना किसी नाम, बोर्ड, डिग्री या रजिस्ट्रेशन के कई सालों से प्रैक्टिस कर रहा है. वहीं, हाल ही में संक्रमण के चलते दम तोड़ने वाले युवा मरीज की केस हिस्ट्री में यह खुलासा हुआ कि वह कई दिन से इसी निजी प्रैक्टिशनर से दवाई लेता रहा. जब हालात बेहद बिगड़ गए तो उसके बाद यह मरीज अस्पताल पहुंचा, लेकिन चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद इसे बचाया नहीं जा सका.
आरंभिक जांच में ही हुए खुलासों से सभी के होश फाख्ता हो गए
संक्रमण के चलते युवा मरीज की मौत के बाद प्रशासन ने मामले की जांच करने का फैसला लिया. जिसके बाद एसडीएम के साथ ड्रग इंस्पेक्टर, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर आधारित टीम ने इसकी जांच शुरू की. आरंभिक जांच में ही हुए खुलासों से सभी के होश फाख्ता हो गए हैं. बहरहाल टीम ने इस निजी प्रैक्टिशनर के खिलाफ चालान करने के साथ-साथ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18ए और 18सी के तहत केस भी दर्ज कर लिया है.
जिला मुख्यालय से सटे रामपुर में एक युवा कोविड-19 संक्रमित मरीज की मौत मामले को लेकर प्रशासन ने छानबीन शुरू कर दी है. आरंभिक जांच में सामने आए तथ्य हैरान करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि यह मरीज पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था, लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद जब यह मरीज अस्पताल पहुंचा तो टेस्टिंग में उसके संक्रमित पाए जाने की पुष्टि हुई.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जब उसकी बीमारी की स्थिति को लेकर छानबीन की तो पता चला कि वह पिछले कई दिन से बीमार था और अपने ही गांव में किसी निजी प्रैक्टिशनर से दवाई लेकर अपना इलाज करवा रहा था. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रशासन को इस मामले की सूचना दी गई.
निजी प्रैक्टिशनर के पास कोई भी क्वालिफाइड प्रैक्टिशनर की डिग्री नहीं
प्रशासन द्वारा गठित टीम में एसडीएम ऊना निधि पटेल, ड्रग इंस्पेक्टर, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच में जुट गए. निजी प्रैक्टिशनर के संबंध में जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि उसके पास कोई भी क्वालिफाइड प्रैक्टिशनर की डिग्री नहीं है.
क्लीनिक में तरह-तरह की दवाइयां और इंजेक्शन भी बरामद
इसके अतिरिक्त इस व्यक्ति के क्लीनिक में तरह-तरह की दवाइयां और इंजेक्शन भी बरामद किए गए. जिनमें बच्चों से लेकर बड़ों तक की तमाम दवाएं शामिल थी. इतना ही नहीं इस व्यक्ति ने खुद कबूल किया है कि है वो पिछले 10 से 12 सालों से इस क्षेत्र में बिना किसी नाम और बोर्ड के निजी प्रैक्टिशनर के तौर पर काम कर रहा है.
एसडीएम ऊना डॉक्टर निधि पटेल ने बताया कि प्रशासनिक टीम ने इस झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रशासनिक टीम द्वारा इस व्यक्ति का चालान काटा गया है, जबकि इसके खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18ए और 18 सी के तहत मुकद्दमा भी दर्ज किया जा रहा है.
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