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कुटलैहड़ की 14 पंचायतों को बनाया जाएगा मॉडल, मंत्री वीरेंद्र कंवर बोले- युवाओं को भी मिलेगा रोजगार - CM Jairam thakur

जिला ऊना के कुटलैहड़ की 14 पंचायतों को मॉडल बनाया जाएगा. जिसके तहत इन पंचायतों में कई तरह के विकास कार्य किए जाएंगे. बात दें कि पहले चरण में मोमन्यार, बोहरू, थाना कलां, चंगर, टीहरा, डियूंगली, लठियाणी, तनोह, मलांगड़, बंगाणा, पिपलू, सिंहाणा, पलाहटा और बुधान पंचायत का चयन किया गया है.

वीरेंद्र कंवर
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Published : Jul 24, 2019, 9:23 AM IST

ऊना: जिला के कुटलैहड़ की 14 पंचायतों को परियोजना के आधार पर मॉडल बनाया जाएगा. इन मॉडल पंचायतों में पर्यावरण को लेकर काम किया जाएगा, जिससे युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा. यह बात पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज में मोहराग पंचायत को पायलट परियोजना के आधार पर मॉडल बनाया गया है और अब इसी तर्ज़ पर कुटलैहड़ की 14 पंचायतों में विकास कार्य किए जाएंगे. इन मॉडल पंचायतों में विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ सड़क, पानी, शिक्षा व अन्य मूलभूत सुविधाओं का ढांचा तैयार करने पर पैसा खर्च किया जाएगा. साथ ही हर पंचायत में एक मोक्षधाम का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया जाएगा। इसके तहत पंचायतों की सभी बस्तियों को पक्के रास्तों की सुविधा मिलेगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में पर्यावरण संरक्षण पर भी काम होगा. पंचायतों को हरा-भरा बनाने के लिए पौधारोपण किया जाएगा और पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल भी की जाएगी. इस कार्यक्रम में जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ-साथ गिरते भू-जल स्तर में सुधार लाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शामिल है, जहां पर भू-जल स्तर चिंताजनक रूप से गिर रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मॉडल पंचायतों में जल सरोवर तैयार किए जाएंगे, जिनके माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार लाया जाएगा.

साथ ही मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मॉडल पंचायतों में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही आर्थिक मदद भी दी जाएगी. युवाओं को मधुमक्खी पालन, बागवानी और कृषि पर आधारित स्वरोज़गार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा. मॉडल पंचायतों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और यहां पर तैयार होने वाले ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद दी जाएगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में रूरल हाट यानी महिला स्वयं सहायता समूह केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. इन केंद्रों पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं कई तरह की गतिविधियों का आयोजन कर सकेंगी. इसके अलावा भारत निर्माण सेवा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. जहां पर लोग सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकेंगे. युवाओं के लिए स्टेडियम बनेंगे ताकि खेल प्रतिभाओं को भी निखरने का अवसर मिल सके.

ये भी पढ़ें: वल्लभ कॉलेज मंडी में राष्ट्र स्तरीय वर्कशॉप का आगाज, चयनित 5 स्टूडेंट्स IIT मद्रास के शास्त्र फेस्ट में लेंगे भाग
मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि पहले चरण में मोमन्यार, बोहरू, थाना कलां, चंगर, टीहरा, डियूंगली, लठियाणी, तनोह, मलांगड़, बंगाणा, पिपलू, सिंहाणा, पलाहटा और बुधान पंचायत का चयन किया गया है. इसके बाद दूसरे चरण में अन्य पंचायतों में भी इसी तरह के काम करवाकर उन्हें भी आदर्श बनाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: पंचायती राज विभाग का होगा अब अपना इंजीनियरिंग विंग, प्रदेश भर में इंजीनियर्स के प्रमोशन के खुले रास्ते

ऊना: जिला के कुटलैहड़ की 14 पंचायतों को परियोजना के आधार पर मॉडल बनाया जाएगा. इन मॉडल पंचायतों में पर्यावरण को लेकर काम किया जाएगा, जिससे युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा. यह बात पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज में मोहराग पंचायत को पायलट परियोजना के आधार पर मॉडल बनाया गया है और अब इसी तर्ज़ पर कुटलैहड़ की 14 पंचायतों में विकास कार्य किए जाएंगे. इन मॉडल पंचायतों में विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ सड़क, पानी, शिक्षा व अन्य मूलभूत सुविधाओं का ढांचा तैयार करने पर पैसा खर्च किया जाएगा. साथ ही हर पंचायत में एक मोक्षधाम का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया जाएगा। इसके तहत पंचायतों की सभी बस्तियों को पक्के रास्तों की सुविधा मिलेगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में पर्यावरण संरक्षण पर भी काम होगा. पंचायतों को हरा-भरा बनाने के लिए पौधारोपण किया जाएगा और पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल भी की जाएगी. इस कार्यक्रम में जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ-साथ गिरते भू-जल स्तर में सुधार लाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शामिल है, जहां पर भू-जल स्तर चिंताजनक रूप से गिर रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मॉडल पंचायतों में जल सरोवर तैयार किए जाएंगे, जिनके माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार लाया जाएगा.

साथ ही मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मॉडल पंचायतों में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही आर्थिक मदद भी दी जाएगी. युवाओं को मधुमक्खी पालन, बागवानी और कृषि पर आधारित स्वरोज़गार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा. मॉडल पंचायतों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और यहां पर तैयार होने वाले ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद दी जाएगी.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में रूरल हाट यानी महिला स्वयं सहायता समूह केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. इन केंद्रों पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं कई तरह की गतिविधियों का आयोजन कर सकेंगी. इसके अलावा भारत निर्माण सेवा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. जहां पर लोग सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकेंगे. युवाओं के लिए स्टेडियम बनेंगे ताकि खेल प्रतिभाओं को भी निखरने का अवसर मिल सके.

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मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि पहले चरण में मोमन्यार, बोहरू, थाना कलां, चंगर, टीहरा, डियूंगली, लठियाणी, तनोह, मलांगड़, बंगाणा, पिपलू, सिंहाणा, पलाहटा और बुधान पंचायत का चयन किया गया है. इसके बाद दूसरे चरण में अन्य पंचायतों में भी इसी तरह के काम करवाकर उन्हें भी आदर्श बनाया जाएगा.

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Intro:कुटलैहड़ की 14 पंचायतों को बनाया जाएगा मॉडल, मॉडल पंचायतों में पर्यवरण को लेकर भी होगा कार्य, बेरोजगार युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार।Body:पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि पहले चरण में कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र की 14 पंचायतों को मॉडल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज में मोहराग पंचायत को पायलट परियोजना के आधार पर मॉडल बनाया गया है और अब इसी तर्ज़ पर कुटलैहड़ की 14 पंचायतों में विकास कार्य किए जाएंगे। इन मॉडल पंचायतों में विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ सड़क, पानी, शिक्षा व अन्य मूलभूत सुविधाओं का ढांचा तैयार करने पर धन खर्च किया जाएगा। हर पंचायत में एक मोक्षधाम का निर्माण किया जाएगा, साथ ही यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया जाएगा। पंचायतों की सभी बस्तियों को पक्के रास्तों की सुविधा प्राप्त होगी।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में पर्यावरण संरक्षण पर भी काम होगा। पंचायतों को हरा-भरा बनाने के लिए पौधारोपण किया जाएगा और पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल भी की जाएगी। इस कार्यक्रम में जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही गिरते भू-जल स्तर में सुधार लाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शामिल है, जहां पर भू-जल स्तर चिंताजनक रूप से गिर रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मॉडल पंचायतों में जल सरोवर तैयार किए जाएंगे, जिनके माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार लाया जाएगा।
मॉडल पंचायतों में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा तथा आर्थिक मदद भी दी जाएगी। युवाओं को मधुमक्खी पालन, बागवानी और कृषि पर आधारित स्वरोज़गार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा। मॉडल पंचायतों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और यहां पर तैयार होने वाले ऑर्गेनिक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद दी जाएगी
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मॉडल पंचायतों में रूरल हाट यानी महिला स्वयं सहायता समूह केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। इन केंद्रों पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर सकेंगी। इसके अलावा भारत निर्माण सेवा केंद्रों का भी निर्माण किया जाएगा। जहां पर पंचायत निवासी सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकेंगे। युवाओं के लिए स्टेडियम बनेंगे ताकि खेल प्रतिभाओं को भी निखरने का अवसर मिल सके।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में मोमन्यार, बोहरू, थाना कलां, चंगर, टीहरा, डियूंगली, लठियाणी, तनोह, मलांगड़, बंगाणा, पिपलू, सिंहाणा, पलाहटा तथा बुधान पंचायत का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में अन्य पंचायतों में भी इसी तरह के काम करवाकर आदर्श बनाया जाएगा।
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