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Solan News: आज भी पगडंडियों के सहारे अपने सफर को तय कर रहे सैंज के ग्रामीण, सड़क सुविधा को लेकर अब सुक्खू सरकार से आस

तेजी से विकास करने के दावे करने वाली सरकारें आजादी के 76 साल बाद भी सोलन जिले के सैंज गांव में सड़क निर्माण नहीं करवा सकी है. पिछले कई वर्षों से सैंज गांव में सड़क बनाने की मांग हो रही है, लेकिन इस ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण ग्रामीणों और स्कूल के बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पढ़ें पूरी खबर.. (Condition of Solan SAINJ Village) (Solan SAINJ Village Without Road)

Condition of Solan SAINJ Village
सड़क न होने से सैंज के ग्रामीणों को हो रही परेशानी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 5:01 PM IST

Updated : Oct 18, 2023, 7:36 PM IST

आजादी के 76 साल बाद भी सोलन जिले के सैंज गांव में सड़क निर्माण नहीं

सोलन: हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला तेजी से विकसित होते शहरों में से एक है, शिक्षा हब के साथ लगातार इंड्रस्टी हब भी यहां पर बढ़ता जा रहा है, हर गांव तक सड़क सुविधा पहुंच चुकी है, लेकिन इतना विकास होने के बावजूद भी सोलन के साथ लगते ओछघाट क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां पर लोगों को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है. हम बात ग्राम पंचायत सनहोल के गांव सैंज की कर रहे है. दरअसल, यहां के लोग आजादी के 76 वर्षों बाद भी अपनी मंजिल को पगडंडियों के सहारे नापते हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री इसी विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं,पूर्व की 2012 से 2017 की वीरभद्र सरकार में भी वह मंत्री थे, तब भी इस क्षेत्र को सड़क की सुविधा नसीब नहीं हो पाया है.

बताया जा रहा है कि ग्रामीण पिछले कई वर्षों से अपनी फरियाद चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रशासन और सरकार के लोगों तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन आलम यह है कि सड़क की मांग पूरी होना तो दूर की बात है, उसकी ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है. अब प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सता में आई सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से यहां के लोगों को उम्मीद है कि उनकी समस्या का हल होगा.

'बच्चों को स्कूल ले जाने में होती है परेशानी': ग्राम पंचायत सनहोल के वार्ड टटूल के गांव सैंज की महिला सीमा ने बताया कि आज तक उनके गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है, बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए जंगल के रास्ते जाना पड़ता है. वहीं, घर का राशन भी सड़क सुविधा न होकर सर और पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता है. सीमा का कहना है दिक्कतें बहुत हैं, लेकिन हल कुछ भी नहीं.

'खच्चर करके ले जाना पड़ता है घरों का सामान': सैंज के ही रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के चलते कोई भी व्यक्ति अगर अपना घर बनाना चाहता है तो उसको खच्चर करके अपने घर का मटेरियल ढोना पड़ता है. ऐसे में घर बनाने से पहले के खर्च से घर बनाने के लिए उपयोग में आने वाले मटेरियल को गांव तक पहुंचाने का खर्चा उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि आपदा में उनके घर चले गए. वहीं, सरकार ने 1 लाख रुपये घर बनाने के लिए दिए हैं, लेकिन सड़क न होने के चलते इतना खर्चा तो उन्हें सामान ढोने के लिए ही उठाना पड़ेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी सड़क की मांग पर ध्यान दिया जाए.

'सड़क न होने के चलते 2 लोगों ने गंवाई जान': ग्राम पंचायत सनहोल की प्रधान कुसुम ठाकुर ने बताया कि टटूल वार्ड के गांव सैंज में सड़क सुविधा न होने के चलते लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके प्रधान कार्यकाल में ही अभी तक सड़क न होने के चलते दो लोग समय रहते अस्पताल नहीं पहुंच पाए हैं और उन्हें अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा है, यहां पर स्कूल तो है, लेकिन स्कूल आने के लिए कोई भी टीचर इच्छुक नहीं है.

'डर के साए में करना पड़ता है महिलाओं को जंगल का सफर': डर के साए में यहां पर रोजाना महिलाओं को सफर करना पड़ता है. घर के लिए कोई सामान लाना हो तो उसके लिए भी खच्चर या फिर अपनी पीठ पर ही लादकर सामान ढोना पड़ता है. ऐसे में सरकार और प्रशासन से भी आग्रह करते हैं कि उनकी सड़क की मांग पर ध्यान दिया जाए.

'सीएम सुक्खू ने दिया है आश्वासन': बता दें कि सोलन दौरे के दौरान एक निजी विश्विद्यालय की ओर जाते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था और ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द उनकी सड़क की मांग को लेकर विचार किया जाएगा.

क्या बोले पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी: सड़क के मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग सब डिवीजन ओछघाट के एसडीओ शुभम अग्रवाल ने कहा कि सरकार से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि ग्राम पंचायत सनहोल के वार्ड टटूल के गांव सैंज में सड़क को लेकर कार्य किया जाना है यहां पर सरकारी जमीन का स्टेटस अभी क्लियर नहीं है जिसके लिए फॉरेस्ट केस बनाया जाएगा इसके बाद आगामी कार्रवाई विभाग सड़क को लेकर कर सकता है।

ये भी पढ़ें: Himachal Special Relief Package: 23 अक्टूबर को सीएम सुक्खू आपदा प्रभावितों को बांटेंगे राहत राशि, मंडी में होगा कार्यक्रम का आयोजन

आजादी के 76 साल बाद भी सोलन जिले के सैंज गांव में सड़क निर्माण नहीं

सोलन: हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला तेजी से विकसित होते शहरों में से एक है, शिक्षा हब के साथ लगातार इंड्रस्टी हब भी यहां पर बढ़ता जा रहा है, हर गांव तक सड़क सुविधा पहुंच चुकी है, लेकिन इतना विकास होने के बावजूद भी सोलन के साथ लगते ओछघाट क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां पर लोगों को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है. हम बात ग्राम पंचायत सनहोल के गांव सैंज की कर रहे है. दरअसल, यहां के लोग आजादी के 76 वर्षों बाद भी अपनी मंजिल को पगडंडियों के सहारे नापते हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री इसी विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं,पूर्व की 2012 से 2017 की वीरभद्र सरकार में भी वह मंत्री थे, तब भी इस क्षेत्र को सड़क की सुविधा नसीब नहीं हो पाया है.

बताया जा रहा है कि ग्रामीण पिछले कई वर्षों से अपनी फरियाद चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रशासन और सरकार के लोगों तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन आलम यह है कि सड़क की मांग पूरी होना तो दूर की बात है, उसकी ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है. अब प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सता में आई सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से यहां के लोगों को उम्मीद है कि उनकी समस्या का हल होगा.

'बच्चों को स्कूल ले जाने में होती है परेशानी': ग्राम पंचायत सनहोल के वार्ड टटूल के गांव सैंज की महिला सीमा ने बताया कि आज तक उनके गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है, बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए जंगल के रास्ते जाना पड़ता है. वहीं, घर का राशन भी सड़क सुविधा न होकर सर और पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता है. सीमा का कहना है दिक्कतें बहुत हैं, लेकिन हल कुछ भी नहीं.

'खच्चर करके ले जाना पड़ता है घरों का सामान': सैंज के ही रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के चलते कोई भी व्यक्ति अगर अपना घर बनाना चाहता है तो उसको खच्चर करके अपने घर का मटेरियल ढोना पड़ता है. ऐसे में घर बनाने से पहले के खर्च से घर बनाने के लिए उपयोग में आने वाले मटेरियल को गांव तक पहुंचाने का खर्चा उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि आपदा में उनके घर चले गए. वहीं, सरकार ने 1 लाख रुपये घर बनाने के लिए दिए हैं, लेकिन सड़क न होने के चलते इतना खर्चा तो उन्हें सामान ढोने के लिए ही उठाना पड़ेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी सड़क की मांग पर ध्यान दिया जाए.

'सड़क न होने के चलते 2 लोगों ने गंवाई जान': ग्राम पंचायत सनहोल की प्रधान कुसुम ठाकुर ने बताया कि टटूल वार्ड के गांव सैंज में सड़क सुविधा न होने के चलते लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके प्रधान कार्यकाल में ही अभी तक सड़क न होने के चलते दो लोग समय रहते अस्पताल नहीं पहुंच पाए हैं और उन्हें अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा है, यहां पर स्कूल तो है, लेकिन स्कूल आने के लिए कोई भी टीचर इच्छुक नहीं है.

'डर के साए में करना पड़ता है महिलाओं को जंगल का सफर': डर के साए में यहां पर रोजाना महिलाओं को सफर करना पड़ता है. घर के लिए कोई सामान लाना हो तो उसके लिए भी खच्चर या फिर अपनी पीठ पर ही लादकर सामान ढोना पड़ता है. ऐसे में सरकार और प्रशासन से भी आग्रह करते हैं कि उनकी सड़क की मांग पर ध्यान दिया जाए.

'सीएम सुक्खू ने दिया है आश्वासन': बता दें कि सोलन दौरे के दौरान एक निजी विश्विद्यालय की ओर जाते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था और ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द उनकी सड़क की मांग को लेकर विचार किया जाएगा.

क्या बोले पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी: सड़क के मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग सब डिवीजन ओछघाट के एसडीओ शुभम अग्रवाल ने कहा कि सरकार से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि ग्राम पंचायत सनहोल के वार्ड टटूल के गांव सैंज में सड़क को लेकर कार्य किया जाना है यहां पर सरकारी जमीन का स्टेटस अभी क्लियर नहीं है जिसके लिए फॉरेस्ट केस बनाया जाएगा इसके बाद आगामी कार्रवाई विभाग सड़क को लेकर कर सकता है।

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Last Updated : Oct 18, 2023, 7:36 PM IST
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