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स्पूतनिक-वी को सीडीएल कसौली से मिला ग्रीन टिक, आपात स्थिति में किया जाएगा प्रयोग

रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी (sputnik v) के प्रयोग को सीडीएल कसौली ने ग्रीन टिक दे दिया है. आपात स्थिति में इसका उपयोग किया जा सकता है. पहले चरण में सीडीएल कसौली ने रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी की तीन लाख डोज और दूसरी के 50 हजार डोज कंपनी को उपलब्ध करवा दिए हैं. अब दूसरी डोज के और बैच भी जांच के लिए सीडीएल कसौली पहुंचे हैं.

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Published : Jul 6, 2021, 12:11 PM IST

बीबीएन/सोलन: केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (central research institute) की सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी कसौली (Central Drugs Laboratory) दिन रात स्वदेशी और विदेशी कोरोना वैक्सीन की दिन रात जांच कर रही है. कोविड की दूसरी लहर के बाद अब फिर कोविड वैक्सीन को लेकर राहत भरी खबर सामने आई है.

रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी (sputnik v) के प्रयोग को सीडीएल कसौली ने ग्रीन टिक दे दिया है. आपात स्थिति में इसका उपयोग किया जा सकता है. हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी का उत्पादन किया जा रहा है. सीडीएल कसौली में इन बैच की जांच की गई है.

तीन लाख डोज जारी

जांच के बाद सीडीएल कसौली ने बीते दिनों स्पूतनिक के बैच जारी कर दिए हैं. पहले चरण में सीडीएल कसौली ने रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी की तीन लाख डोज और दूसरी के 50 हजार डोज कंपनी को उपलब्ध करवा दिए हैं. अब दूसरी डोज के और बैच भी जांच के लिए सीडीएल कसौली पहुंचे हैं. लैब में इन बैच की जांच चल रही है. यह जानकारी सीडीएल कसौली ने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी है, ताकि पादर्शिता बनी रहे.

दिन रात चल रहा जांच का काम

बता दें कि देश में कोरोना टीकाकरण को रफ्तार देने के लिए सीडीएल कसौली में दिन रात वैक्सीनेशन की जांच का कार्य चल रहा है. भारत में बनने व आयात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतरने से पहले ग्रीन टिक लेना होता है. ये टिक सीडीएल कसौली से जांच के बाद मिलता है.

यह लैब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से प्रमाणित देश की इकलौती वैक्सीन टेस्टिंग लैब है. कोविशील्ड (covishield) व को-वैक्सीन(covaxin) के प्रयोग को भी यहीं से प्रमाणित किया गया है. इसके लिए पहले एफिकेसी टेस्ट होता है, जिसमें यह देखा जाता है कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है और बाद में इसका टी टेस्ट किया जाता है.

COVID UPDATE: देशभर में 24 घंटे में आए 40 हजार से कम नए मामले, एक्टिव केस 5 लाख से नीचे

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रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी (sputnik v) के प्रयोग को सीडीएल कसौली ने ग्रीन टिक दे दिया है. आपात स्थिति में इसका उपयोग किया जा सकता है. हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी का उत्पादन किया जा रहा है. सीडीएल कसौली में इन बैच की जांच की गई है.

तीन लाख डोज जारी

जांच के बाद सीडीएल कसौली ने बीते दिनों स्पूतनिक के बैच जारी कर दिए हैं. पहले चरण में सीडीएल कसौली ने रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-वी की तीन लाख डोज और दूसरी के 50 हजार डोज कंपनी को उपलब्ध करवा दिए हैं. अब दूसरी डोज के और बैच भी जांच के लिए सीडीएल कसौली पहुंचे हैं. लैब में इन बैच की जांच चल रही है. यह जानकारी सीडीएल कसौली ने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी है, ताकि पादर्शिता बनी रहे.

दिन रात चल रहा जांच का काम

बता दें कि देश में कोरोना टीकाकरण को रफ्तार देने के लिए सीडीएल कसौली में दिन रात वैक्सीनेशन की जांच का कार्य चल रहा है. भारत में बनने व आयात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतरने से पहले ग्रीन टिक लेना होता है. ये टिक सीडीएल कसौली से जांच के बाद मिलता है.

यह लैब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से प्रमाणित देश की इकलौती वैक्सीन टेस्टिंग लैब है. कोविशील्ड (covishield) व को-वैक्सीन(covaxin) के प्रयोग को भी यहीं से प्रमाणित किया गया है. इसके लिए पहले एफिकेसी टेस्ट होता है, जिसमें यह देखा जाता है कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है और बाद में इसका टी टेस्ट किया जाता है.

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