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हिमाचल को बचाना है: सोलन में 'नशा एक धीमा जहर' लघु नाटिका ने जीता लोगों का दिल

सोलन में 'नशा एक धीमा जहर' लघु नाटिका के माध्यम से नशे से समाज व परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया.

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Published : Jan 29, 2020, 11:59 PM IST

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हिमाचल को बचाना है

सोलन: नशा चाहे कोई भी हो समाज की जड़ों को खोखला करने के लिए काफी है, लेकिन आज के समय मे चिट्टा युवाओं को अपनी ओर खींचता जा रहा है. युवा भी इसकी तरफ खींचे चले जा रहे है. चिट्टा एक ऐसा नशा है जिसमें फंसने वाला व्यक्ति अपने परिवार तक को भूल जाता है. 'नशा एक धीमा जहर' लघु नाटिका के माध्यम से नशे से समाज व परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया.

कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से बताया कि युवा पीढ़ी को यह समझाना होगा कि नशा एक धीमा जहर है जो केवल नाश करता है. नशे से बचाव के लिए व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है. लघु नाटिका ने नशे के विरूद्ध लड़ाई में अभिभावक, युवा शक्ति और समाज के आपसी तालमेल पर भी प्रकाश डाला.

वीडियो.

लोगों को बताया गया कि विभिन्न प्रकार के नशों के सेवन से युवा जहां इसके आदी बनते जा रहे हैं वहीं, देश का भविष्य भी अक्षम हो रहा है. नशे की लत इंसान को इस कदर कमजोर और स्‍वार्थी बना देती है कि उसे न अपने भले-बुरे का इल्‍म होता है और न ही अपनों का ड्रग, चरस, अफीम, और अल्कोहल की आग में लाखों घरों की खुशियां जलकर खाक हो जाती हैं.

ये भी पढे़ं: एचपीयू ने बढ़ाई यूजी के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि, 20 फरवरी तक भरे जाएंगे फॉर्म

सोलन: नशा चाहे कोई भी हो समाज की जड़ों को खोखला करने के लिए काफी है, लेकिन आज के समय मे चिट्टा युवाओं को अपनी ओर खींचता जा रहा है. युवा भी इसकी तरफ खींचे चले जा रहे है. चिट्टा एक ऐसा नशा है जिसमें फंसने वाला व्यक्ति अपने परिवार तक को भूल जाता है. 'नशा एक धीमा जहर' लघु नाटिका के माध्यम से नशे से समाज व परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया.

कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से बताया कि युवा पीढ़ी को यह समझाना होगा कि नशा एक धीमा जहर है जो केवल नाश करता है. नशे से बचाव के लिए व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है. लघु नाटिका ने नशे के विरूद्ध लड़ाई में अभिभावक, युवा शक्ति और समाज के आपसी तालमेल पर भी प्रकाश डाला.

वीडियो.

लोगों को बताया गया कि विभिन्न प्रकार के नशों के सेवन से युवा जहां इसके आदी बनते जा रहे हैं वहीं, देश का भविष्य भी अक्षम हो रहा है. नशे की लत इंसान को इस कदर कमजोर और स्‍वार्थी बना देती है कि उसे न अपने भले-बुरे का इल्‍म होता है और न ही अपनों का ड्रग, चरस, अफीम, और अल्कोहल की आग में लाखों घरों की खुशियां जलकर खाक हो जाती हैं.

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नशा एक धीमा जहर..जो सिर्फ नाश करता है। लघु नाटिका ने जीता लोगों का दिल


नशा चाहे कोई भी हो,समाज की जड़ों को खोखला करने के लिए काफी है,लेकिन आज के समय मे चिट्टा युवाओं की अपनी ओर खींचता जा रहा है युवा भी इसकी तरफ खींचे चले जा रहे है,चिट्टा एक ऐसा नशा जिसमें फंसने वाला व्यक्ति अपने परिवार तक को भूल जाता है। "नशा एक धीमा जहर" लघु नाटिका के माध्यम नशे से समाज व परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव का मार्मिंक चित्रण प्रस्तुत किया।

Body:कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से बताया कि युवा पीढ़ी को यह समझना हो कि नशा एक धीमा जहर है जो केवल नाश करता है और नशे से बचाव के लिए व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है। लघु नाटिका ने नशे के विरूद्ध लड़ाई में अभिभावक, युवा शक्ति तथा समाज के आपसी तालमेल पर भी प्रकाश डाला।
लोगों को बताया गया कि विभिन्न प्रकार के नशों के सेवन से युवा जहां इसके आदी बनते जा रहे हैं वहीं देश का भविष्य भी अक्षम हो रहा है।


Conclusion:

नशे की लत इंसान को इस कदर कमजोर और स्‍वार्थी बना देती है कि उसे न अपने भले-बुरे का इल्‍म होता है और न ही अपनों का। ड्रग, चरस अफीम, और अल्कोहल की आग में लाखों घरों की खुशियां जलकर खाक हो जाती हैं।
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