बद्दी/सोलन: बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के किसानों की काफी लंबे समय से चल रही अनाज मंडी की मांग पूरी हो गई है. नालागढ़ में अनाज मंडी खुल गई है. इस मौके पर नालागढ़ के विधायक और पूर्व विधायक भी मौके पर मौजूद रहे. नालागढ़ के विधायक लखविंदर सिंह राणा ने अनाज मंडी में अपनी गेहूं देकर शुरुआत की.
इस मौके पर नालागढ़ के विधायक गजेंद्र सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि काफी लंबे समय से बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के लोगों की अनाज मंडी को लेकर समस्या आ रही थी जिसको लेकर उन्होंने इस समस्या को हिमाचल विधानसभा में उठाया था जिसके उपरांत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नालागढ़ में अनाज मंडी खोलने का फैसला किया.
गेहूं खरीद केंद्र खोलने की मांग को लेकर सीएम को सौंपा था ज्ञापन
बता दें की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बीबीएन के एक दिवसीय दौरे के दौरान पूर्व विधायक केएल ठाकुर की अगुवाई में किसान संघर्ष समिति मुख्यमंत्री से मिला था और उनको अपना ज्ञापन सौंपा था जिसमें नालागढ़ में गेहूं खरीद केंद्र खोलने की मांग उठाई थी.
इस मांग पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से दिए गए निर्देशों के बाद बीते दिनों कृषि विभाग और एफसीआई के अधिकारियों ने भी बद्दी नालागढ़ का दौरा किया था और कुछ स्थानों को चयनित किया था जिसके बाद अनाज मंडी नालागढ़ में गेहूं की खरीद के कार्य को शुरू करवा दिया गया है.
किसानों को गेहूं बेचने के लिए करना पड़ता था भारी दिक्कतों का सामना
नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएम के एक दिवसीय दौरे के दौरान पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने किसानों की गेहूं की खरीद की समस्या को उठाया था और मुख्यमंत्री ने तुरंत बाद से नालागढ़ में अनाज मंडी गेहूं खरीद केंद्र शुरू करने के लिए एफसीआई और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे.
उन्होंने कहा कि नालागढ़ के किसानों को अपनी गेहूं बेचने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब इस समस्या का समाधान हो गया है. उन्होंने कहा कि 1 मई से गेहूं की फसल को किसान नालागढ़ अनाज मंडी में दे सकते हैं वह प्रतिदिन 800 क्विंटल गेहूं की खरीद की जाएगी और बाद में धान आदि की भी खरीद शुरू हो जाएगी.
1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा गेहूं
नालागढ़ क्षेत्र पंजाब से सटा होने की वजह से यहां के किसान पंजाब की मंडियों में गेहूं भेजते थे. पूर्व विधायक ने कहा कि मंडी में 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं को खरीदा जाएगा. वह किसानों के अकाउंट में सीधी राशि आएगी और गेहूं को साफ करने का खर्च भी सरकार की ओर से किया जाएगा, जबकि आम व्यापारी 1800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीद करते थे.
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