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साहब! 2 सवारियों के साथ तेल खर्च ही होगा पूरा, हम कमायेंगे क्या और खाएंगे क्या?

सोलन में ऑटो चलाने के लिए प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश भी जारी किए हैं. ऑटो में सिर्फ दो ही सवारियों को बिठाया जा सकेगा. इन दो शहरों के बीच विभाजन करना होगा. इन सभी बातों का ध्यान तो ऑटो चालक रख रहें हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें घर चलाने में समस्या आने लगी है. प्रशासन द्वारा 2 सवारियों के लिए नियमित रेट पर ही चलने के लिए ऑटो चालकों को कहा गया है. ऑटो चालकों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में दिन भर की कमाई उसी में चली जाएगी. ऐसे में ऑटो चालक खाएगा क्या और कमाएगा क्या?

problem of three Wheeler Auto Drivers, ऑटो चालकों की परेशानी
फोटो.
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Published : Jun 3, 2020, 2:40 PM IST

सोलन: कर्फ्यू के 70 दिन बाद मंगलवार से सोलन की लाइफलाइन थ्री व्हीलर ऑटो दोबारा सड़कों पर दौड़ते नजर तो आए, लेकिन ऑटो चालकों के चेहरे पर वह खुशी दिखाई नहीं दी. जिला प्रशासन ने बसों के साथ ऑटो चलाने के निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ शहर के चंबाघाट, ओल्ड बस स्टैंड, कोटलानाला, शामति, सोलन बाईपास रोड में ऑटो चलना शुरू हो गए हैं.

ऑटो चलाने के लिए प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश भी जारी किए हैं. ऑटो में सिर्फ दो ही सवारियों को बिठाया जा सकेगा. इन दो शहरों के बीच विभाजन करना होगा. इन सभी बातों का ध्यान तो ऑटो चालक रख रहे हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें घर चलाने में समस्या आने लगी है.

वीडियो.

ऑटो चालकों का कहना है कि लॉकडाउन में वे 70 दिन से तो वह घरों पर ही बेरोजगार थे, लेकिन अब जब सड़कों पर उतरे हैं तो उन्हें प्रशासन द्वारा 2 सवारियों के लिए नियमित रेट पर ही चलने के लिए कहा गया है. ऑटो चालकों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में दिन भर की कमाई उसी में चली जाएगी. ऐसे में ऑटो चालक खाएगा क्या और कमाएगा क्या? ऑटो चालकों का कहना है कि हमारा परिवार भी है जिन्हें हमें देखना है लॉक डाउन की परिस्थिति में भी हमने घर को संभाला है, लेकिन आगे किस तरह से गुजर बसर होगा यह नहीं पता.

ऑटो चालकों ने की किराया बढ़ाने की मांग

ऑटो चालकों का कहना है कि ऑटो चलाने को लेकर प्रशासन से बार-बार मांग की जा रही थी. अब 70 दिनों के बाद हम सड़कों पर आए हैं और ऑटो चलाना शुरु कर दिया है. प्रशासन ने जो भी गाइडलाइन दी है, उसके अनुसार ही ऑटो में सिर्फ दो सवारी बिठाई जा रही है.

ऑटो चालकों का कहना है कि ऑटो में सेनिटाइजर रखकर और मास्क लगाकर ही ऑटो चलाया जा रहा है. वहीं, ऑटो में सिर्फ दो लोगों को बैठने के लिए एक शीट लगाई गई है. ऑटो चालकों का कहना है कि हम लोग ऑटो चला तो रहे हैं, लेकिन उससे हमें नुकसान झेलना पड़ रहा है.

problem of three Wheeler Auto Drivers, ऑटो चालकों की परेशानी
फोटो.

ऑटो चालकों का कहना है कि डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दाम से उनका खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है सरकार ऑटो चलाने के लिए हमे रियायत बरतें, या फिर स्पेशल रेट में हमे ऑटो चलाने की अनुमति दी जाए.

सोलन में करीब 300 ऑटो चलते हैं इसमें करीब 500 लोगों को रोजगार मिल रहा है. कर्फ्यू में ऑटो चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध था अब 70 दिन के बाद ऑटो दोबारा से चलना शुरू हो गए हैं. ऑटो में कोरोना से सुरक्षा के लिए ऑटो की सीट में दो भाग बनाए गए हैं जिसमें 2 सवारियां भी बिठाई जा रही हैं. इसमें पहले की तरह से ही ऑटो का किराया प्रति सवारी ही रहेगा.

ये भी पढ़ें- कोरोना की निराशा में योग से आशा जगा रही अनीता, लोगों को दिया ये संदेश

सोलन: कर्फ्यू के 70 दिन बाद मंगलवार से सोलन की लाइफलाइन थ्री व्हीलर ऑटो दोबारा सड़कों पर दौड़ते नजर तो आए, लेकिन ऑटो चालकों के चेहरे पर वह खुशी दिखाई नहीं दी. जिला प्रशासन ने बसों के साथ ऑटो चलाने के निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ शहर के चंबाघाट, ओल्ड बस स्टैंड, कोटलानाला, शामति, सोलन बाईपास रोड में ऑटो चलना शुरू हो गए हैं.

ऑटो चलाने के लिए प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश भी जारी किए हैं. ऑटो में सिर्फ दो ही सवारियों को बिठाया जा सकेगा. इन दो शहरों के बीच विभाजन करना होगा. इन सभी बातों का ध्यान तो ऑटो चालक रख रहे हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें घर चलाने में समस्या आने लगी है.

वीडियो.

ऑटो चालकों का कहना है कि लॉकडाउन में वे 70 दिन से तो वह घरों पर ही बेरोजगार थे, लेकिन अब जब सड़कों पर उतरे हैं तो उन्हें प्रशासन द्वारा 2 सवारियों के लिए नियमित रेट पर ही चलने के लिए कहा गया है. ऑटो चालकों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में दिन भर की कमाई उसी में चली जाएगी. ऐसे में ऑटो चालक खाएगा क्या और कमाएगा क्या? ऑटो चालकों का कहना है कि हमारा परिवार भी है जिन्हें हमें देखना है लॉक डाउन की परिस्थिति में भी हमने घर को संभाला है, लेकिन आगे किस तरह से गुजर बसर होगा यह नहीं पता.

ऑटो चालकों ने की किराया बढ़ाने की मांग

ऑटो चालकों का कहना है कि ऑटो चलाने को लेकर प्रशासन से बार-बार मांग की जा रही थी. अब 70 दिनों के बाद हम सड़कों पर आए हैं और ऑटो चलाना शुरु कर दिया है. प्रशासन ने जो भी गाइडलाइन दी है, उसके अनुसार ही ऑटो में सिर्फ दो सवारी बिठाई जा रही है.

ऑटो चालकों का कहना है कि ऑटो में सेनिटाइजर रखकर और मास्क लगाकर ही ऑटो चलाया जा रहा है. वहीं, ऑटो में सिर्फ दो लोगों को बैठने के लिए एक शीट लगाई गई है. ऑटो चालकों का कहना है कि हम लोग ऑटो चला तो रहे हैं, लेकिन उससे हमें नुकसान झेलना पड़ रहा है.

problem of three Wheeler Auto Drivers, ऑटो चालकों की परेशानी
फोटो.

ऑटो चालकों का कहना है कि डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दाम से उनका खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है सरकार ऑटो चलाने के लिए हमे रियायत बरतें, या फिर स्पेशल रेट में हमे ऑटो चलाने की अनुमति दी जाए.

सोलन में करीब 300 ऑटो चलते हैं इसमें करीब 500 लोगों को रोजगार मिल रहा है. कर्फ्यू में ऑटो चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध था अब 70 दिन के बाद ऑटो दोबारा से चलना शुरू हो गए हैं. ऑटो में कोरोना से सुरक्षा के लिए ऑटो की सीट में दो भाग बनाए गए हैं जिसमें 2 सवारियां भी बिठाई जा रही हैं. इसमें पहले की तरह से ही ऑटो का किराया प्रति सवारी ही रहेगा.

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