सोलन: गरीब लोगों के इलाज के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान और हिमकेयर योजना से मिलने वाली सुविधा पर संकट के बादल छा गए हैं. जानकारी के मुताबिक लंबे समय से इन दोनों योजनाओं का पैसा प्राइवेट अस्पतालों को नहीं मिला है. जल्द ही सोलन जिले के प्राइवेट क्लिनिक चला रहे डॉक्टर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले इस मामले को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सामने लाएंगे.
इससे पहले एसोसिएशन की जिला सोलन की बैठक हो रही है. जिस पर यह तय किया जाएगा कि आने वाले दिनों में इस योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चलता रहेगा या नहीं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सोलन जिला के अध्यक्ष डॉ. रविकांत सूद ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत और हिमाचल सरकार ने हिम केयर योजना शुरू की है. यह दोनों योजनाएं खासकर गरीब लोगों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है. इन योजनाओं में प्राइवेट अस्पताल भी अपना योगदान दे रहे हैं. लेकिन पिछले काफी समय से इन दोनों योजनाओं का पैसा सरकार के पास अटका हुआ है.
उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि पूरे प्रदेश में इस समय करीब 80 करोड़ की धनराशि प्राइवेट डॉक्टरों की सरकार के पास अटकी हुई है. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि उससे पहले एक बैठक डॉक्टरों द्वारा एसोसिएशन के साथ की जाएगी, जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि क्या आने वाले दिनों में प्राइवेट अस्पताल में हिमकेयर और आयुष्मान योजना के तहत इलाज करेंगे या नहीं.
बता दें कि इन दोनों योजना के तहत प्रदेश के चयनित अस्पतालों में कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है. कार्ड धारक से प्राइवेट अस्पताल में भी कोई पैसा नहीं लिया जाता. जानकारी के मुताबिक आयुष्मान योजना का एक साल से और हिमकेयर स्वास्थ्य योजना के तहत पिछले 6 माह से प्राइवेट अस्पतालों को पैसा नहीं दिया गया है. बहरहाल आगामी दिनों में प्राइवेट अस्पताल चला रहे डॉक्टर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर क्या रणनीति अपनाते हैं और प्रदेश सरकार इसमें क्या करती है यह देखने लायक होगा.
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